एसएमयूपीन्यूज, लखनऊ।उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जी तरीके से बीमा क्लेम करने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह के 8 सदस्यों को बरेली जनपद के भोजीपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत नैनीताल-बरेली हाईवे से गिरफ्तार किया गया। गिरोह नकली आधार कार्ड, पैन कार्ड, मृत्यु प्रमाण पत्र और ग्राम प्रधानों के फर्जी हस्ताक्षरित दस्तावेजों के जरिए बीमा कंपनियों को चूना लगा रहा था।

इन अभियुक्तों को किया गया गिरफ्तार

गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम राहुल गिहार पुत्र रामगुलाम निवासी ग्राम कंचनपुर थाना भोजीपुरा जनपद बरेली, जगदीश पुत्र बच्चनलाल निवासी पीपलसाना चौधरी थाना भोजीपुरा जनपद बरेली, सुरेन्द्र गंगवार पुत्र महेन्द्र पाल निवासी मोर्डन विलेज कालोनी, हिमालयन स्कूल के पास थाना भोजीपुरा बरेली, बन्टी पुत्र फूल सिंह निवासी ग्राम पीपलसाना चौधरी कचनपुर थाना भोजीपुर बरेली, नरेन्द्र उर्फ नन्दू पुत्र श्रीपाल सिंह निवासी ग्राम पीपलसाना चौधरी थाना भोजीपुरा बरेली, संदीप पुत्र नरेश पाल निवासी मोहल्ला अशोक नगर मढीनाथ थाना सुभाष नगर बरेली, बासिद पुत्र शाकिर अली निवासी ग्राम दियोरिया थाना भोजीपुरा बरेली , प्रभाकर त्रिपाठी पुत्र भरत जी त्रिपाठी निवासी सी-01 विन्ध्यवासिनी भवन, ऐरो सिटी करमपुर है चौधरी, बिल्वा जनपद बरेली है।

एसटीएफ ने इनके कब्जे से यह सामान किया बरामद

एसटीएफ ने इनके कब्जे से 14 क्लेम फार्म, 23 मूल आधार कार्ड, 33 बैंक पासबुक, एक रजिस्टर, एक मृत्य प्रमाण पत्र, दो डायरी, दो आधार कार्ड की छाया प्रति, एक डेबिड कार्ड, छह पैन कार्ड, 66 ग्राम प्रधानों व आंगनबाड़ी केंद्रों व आशाओं से हस्ताक्षतित निवास संबंधी प्रमाण पत्र, 12 मोबाइल फोन, 85 डाक टिकट, 3,300/- नकद बरामद किया है। विगत काफी दिनों से एसटीएफ यूपी को गलत तरीके से बीमा कराकर क्लेम दिलवाने वाले गिरोह के सम्बन्ध में सूचनायें प्राप्त हो रही थी।

इसी क्रम में एक टीम इनके बारे में जानकारी एकत्र कर रही थी। इसी दौरान सूचना हुई कि गलत तरीके से बीमा कराने वाले गिरोह के कुछ व्यक्ति थाना क्षेत्र भोजीपुरा अन्तर्गत नैनीताल-बरेली हाईवे पर मौजूद है। इस सूचना पर एसटीएफ टीम द्वारा उक्त स्थान पर पहुँचकर ठगी करने वाले गिरोह के 08 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया।

संदीप, योगेश व प्रभाकर त्रिपाठी प्रत्येक केस में 30 हजार रूपये लेते थे

उपरोक्त अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि जीवन ज्योति बीमा योजना के अन्तर्गत केवल 18 वर्ष से 50 वर्ष के मध्य आयु के व्यक्तियों का ही बीमा किया जा सकता है। परन्तु हम लोग वृद्ध व्यक्तियों (जिनकी आयु काफी अधिक हो) का फर्जी आधार कार्ड बनाकर उनकी आयु 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच दिखाकर बीमा कर देते है। उस व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात बीमा कम्पनी से क्लेम का पैसा ले लेते है। राहुल, जगदीश, नरेन्द्र उर्फ नन्दू, सुरेन्द्र व बन्टी क्षेत्रीय लोगों का बीमा योजना का फार्म भरवाने का काम करते थे।

इनके द्वारा तैयार किया जाता था कूटरचित आधार कार्ड

बासिद व उसके गांव का ही फहीम उर्फ गुड्डू कूटरचित आधार कार्ड तैयार करता था। संदीप, योगेश और प्रभाकर त्रिपाठी सर्वेयर का कार्य करते थे। संदीप, योगेश व प्रभाकर त्रिपाठी प्रत्येक केस में 30 हजार रूपये लेते थे। प्रभाकर त्रिपाठी अपनी पहचान छिपाने के लिए अपना नाम अनिल बताता था। कूटरचित मृत्यु प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर की नकल व आधार कार्ड लगाकर फाइले जमा करते थे।

कई फाइले मिली जिसमें मृत्यु से कुछ दिन पहले कराया गया था बीमा

एलआईसी में जमा की गयी फाइलों में कई फाइले ऐसी पायी गयी, जिनमें मृत्यु से कुछ दिन पूर्व ही बीमा कराया गया था। जिस पर एलआईसी द्वारा भुगतान भी कर दिया गया और जांच शुरू कर दी गई। । कई फाइलों की जाँच में पाया गया कि 20-25 वर्ष तक के व्यक्तियों की की आयु 48-48 वर्ष दिखाकर बीमार कराया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ थाना भोजीपुर जनपद बरेली में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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