एसएमयूपीन्यूज, लखनऊ।उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने हापुड़ स्थित मोनाड विश्वविद्यालय पर बड़ी कार्रवाई करते हुए संस्थान के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा को हिरासत में लिया है। एसटीएफ की टीम ने विश्वविद्यालय परिसर में छापेमारी कर भारी संख्या में फर्जी अंकपत्र, डिग्रियां और दस्तावेज बरामद किए हैं। प्राथमिक जांच में विजेंद्र सिंह को पूरे नेटवर्क का मुख्य साजिशकर्ता मानते हुए हिरासत में लिया गया है।

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विजेंद्र सिंह के साथ 12 अन्य लोगों को भी हिरासत में

इस कार्रवाई में विजेंद्र सिंह के साथ 12 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है। यह पूरा मामला फर्जी डिग्रियां तैयार कर बेचने की गंभीर शिकायत के बाद सामने आया है।एसटीएफ प्रमुख और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बताया कि लखनऊ मुख्यालय की टीम को इस प्रकरण की जांच सौंपी गई थी। जांच में साक्ष्य मिलने के बाद टीम ने मोनाड विश्वविद्यालय में छापा मारा और फर्जीवाड़े के कई अहम दस्तावेज जब्त किए। फिलहाल सभी संदिग्धों से पूछताछ जारी है और पूरे नेटवर्क की तहकीकात की जा रही है।

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चुनाव में विजेंद्र सिंह हुड्डा तीसरे स्थान पर रहा

गौरतलब है कि विजेंद्र सिंह हुड्डा वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर बिजनौर सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें करीब 2.2 लाख वोट मिले थे और वह तीसरे स्थान पर रहे थे। चुनाव से पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी से टिकट के लिए अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी, लेकिन तय समर्थन न मिलने पर उन्होंने बसपा का रुख किया था।

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हुड्डा बाइक बोट घोटाले के भी रह चुका है प्रमुख आरोपी

यह भी उल्लेखनीय है कि विजेंद्र सिंह हुड्डा बाइक बोट घोटाले के भी प्रमुख आरोपी रह चुके हैं और इस मामले में वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं। चुनाव के दौरान उनके घोटाले से जुड़े मामलों की भी काफी चर्चा हुई थी।बताया जाता है कि बिजनौर में बसपा की स्थिति कमजोर होने के बावजूद उन्होंने धनबल और प्रचार के दम पर मुकाबले को रोचक बना दिया था। अब एक बार फिर उनका नाम फर्जीवाड़े में आने से राजनीतिक और शैक्षिक जगत में हलचल मच गई है।

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