लखनऊ । राजधानी लखनऊ में बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर किए जा रहे तमाम दावों की हकीकत एक बार फिर उजागर हुई है। शहर के दुबग्गा इलाके में एक कक्षा आठ की छात्रा को चार सहपाठी लड़कों की ब्लैकमेलिंग, धमकियों और अश्लील हरकतों के चलते स्कूल तक छोड़ना पड़ा।
पीड़िता की मां ने पुलिस से शिकायत करते हुए आरोप लगाया है कि आरोपी नाबालिगों ने छात्रा की इंस्टाग्राम आईडी का पासवर्ड लेकर खुद ही उस पर अभद्र चैटिंग की और फिर उन्हीं संदेशों को आधार बनाकर छात्रा को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।
स्क्रीनशॉट के जरिए शुरू हुआ ब्लैकमेलिंग का खेल
परिवार के अनुसार, छात्रा के साथ पढ़ने वाले चार सहपाठियों ने पहले उसे डरा-धमकाकर सोशल मीडिया का पासवर्ड हासिल किया और फिर इंस्टाग्राम अकाउंट से खुद ही आपत्तिजनक चैट की। बाद में उन्हीं संदेशों के स्क्रीनशॉट लेकर छात्रा को बदनाम करने की धमकी दी गई। आरोप है कि इसके जरिये छात्रा से रुपये ऐंठे गए, अश्लील हरकतें की गईं और होटल चलने का दबाव भी बनाया गया।
परेशानी से तंग आकर स्कूल छोड़ा, मां ने बदला स्कूल
पीड़िता की मां के अनुसार, लगातार डर और दबाव के चलते बेटी ने स्कूल जाना बंद कर दिया। जब मां ने कारण पूछा, तब जाकर बेटी ने आपबीती सुनाई। यह घटना 24 फरवरी को सामने आई, जिसके बाद परिजनों ने स्कूल में शिकायत की, लेकिन स्कूल प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अंततः परिजनों ने मजबूरी में बेटी का दूसरे स्कूल में एडमिशन कराया।
पुलिस की सुस्त जांच पर उठे सवाल
दुबग्गा थाना प्रभारी ने बताया कि मामले में चार छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और जांच जारी है। पुलिस का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, परिजन और स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि इतनी गंभीर घटना के बाद भी पुलिस की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
न्याय की आस में डरी-सहमी छात्रा
यह घटना न केवल पुलिस की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करती है कि जब सहपाठी ही एक छात्रा की गरिमा और मानसिक शांति के साथ खिलवाड़ करें और पुलिस-प्रशासन ढीली कार्रवाई करे, तो बहन-बेटियों की सुरक्षा के सरकारी दावे आखिर कितने सच्चे हैं?।