लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा शुरू की गई पॉडकास्ट श्रृंखला “Beyond the Badge” का तेरहवां एपिसोड बेहद खास रहा, जिसमें प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक अरविंद कुमार जैन ने अपनी सेवा यात्रा, चुनौतियों, उपलब्धियों और अनुभवों को साझा किया। यह साक्षात्कार उत्तर प्रदेश पुलिस की एसपी, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, वृंदा शुक्ला द्वारा लिया गया।

अब तक कई अधिकारियों के प्रेरणादायक अनुभव साझा किए जा चुके

यह पॉडकास्ट प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस निर्देश के अनुपालन में शुरू किया गया है, जिसमें उन्होंने पुलिस विभाग की उपलब्धियों, विशेषताओं और सराहनीय कार्यों को जनता के बीच वीडियो और अन्य डिजिटल माध्यमों से प्रचारित करने पर बल दिया था। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार द्वारा “Beyond the Badge” नामक इस पॉडकास्ट श्रृंखला की शुरुआत की गई, जिसमें अब तक कई वरिष्ठ अधिकारियों के प्रेरणादायक अनुभव साझा किए जा चुके हैं।

बचपन से ही थी पुलिस सेवा की प्रेरणा

पूर्व डीजीपी ए.के. जैन ने बताया कि उनके घर में बचपन से ही प्रतिष्ठित पुलिस अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता था। इसी वातावरण ने उन्हें प्रारंभ से ही भारतीय पुलिस सेवा में आने की प्रेरणा दी। उन्होंने यह भी बताया कि बचपन से ही उन्होंने आईपीएस बनने का मन बना लिया था और उसी दिशा में मेहनत की।

फतेहपुर में अपराधियों पर चला सख्त एक्शन

एके जैन ने अपने सेवा काल के आरंभिक वर्षों का उल्लेख करते हुए बताया कि जब वे पुलिस अधीक्षक के रूप में फतेहपुर में तैनात थे, तब वह इलाका अपराध की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील था। उस समय वहां गैंगवार, डकैती और संगठित अपराधों की भरमार थी। उन्होंने अपराध पर नियंत्रण के लिए प्रिवेंटिव एक्शन की नीति अपनाई, कुख्यात अपराधियों के विरुद्ध अभियान चलाया और कई एनकाउंटर भी किए गए। परिणामस्वरूप, जिले में कानून व्यवस्था में सुधार देखने को मिला।

ददुआ एनकाउंटर: एसटीएफ का ऐतिहासिक ऑपरेशन

ए.के. जैन ने आईजी एसटीएफ के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान बुंदेलखंड के कुख्यात डकैत ददुआ के खिलाफ किए गए ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उस समय एसएसपी एसटीएफ के पद पर वर्तमान एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश नियुक्त थे। उनकी टीम के एडिशनल एसपी और अन्य अधिकारियों ने लंबे समय तक जंगलों में काम किया। लगातार की जा रही कांबिंग, खुफिया जानकारी और रणनीति के तहत अंततः ददुआ की घेराबंदी कर रात के समय मुठभेड़ में उसका अंत किया गया। यह ऑपरेशन उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यकुशलता और जमीनी कार्रवाई का अद्वितीय उदाहरण था।

महाकुंभ में 65 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए ऐतिहासिक पुलिस प्रबंधन

महाकुंभ 2025 के अपने दौरे का अनुभव साझा करते हुए जैन ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में इतने बड़े और व्यवस्थित पुलिस प्रबंध को पहले कभी नहीं देखा। उन्होंने बताया कि प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आए और पुलिस की सतर्कता के चलते न कोई बड़ा अपराध हुआ और न ही कोई डूबने की घटना हुई, यह उत्तर प्रदेश पुलिस की एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ की व्यवस्था आज पूरे देश ही नहीं, दुनिया भर की पुलिस एजेंसियों के लिए क्राउड मैनेजमेंट का मॉडल बन चुकी है।

आरक्षी भर्ती में पारदर्शिता: पूरे देश के लिए मिसाल

एके जैन ने हाल ही में हुई 60,000 आरक्षियों की भर्ती को उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड की एक उल्लेखनीय उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा, “इस भर्ती प्रक्रिया ने पारदर्शिता और निष्पक्षता की नई मिसाल पेश की है। ईमानदारी से चयन हुए ये युवा पुलिसकर्मी आने वाले 30–32 वर्षों तक उत्तर प्रदेश पुलिस की रीढ़ बनेंगे और विभाग के लिए अमूल्य संपत्ति सिद्ध होंगे।”

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अलकायदा आतंकी की गिरफ्तारी से लेकर ATS की नींव तक

पूर्व डीजीपी ने गाजियाबाद में अपनी तैनाती के दौरान अलकायदा के आतंकी उमर सैय्यद शेख की गिरफ्तारी का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह एक बेहद संवेदनशील ऑपरेशन था, जिसे पूरी सावधानी और खुफिया सूझबूझ के साथ अंजाम दिया गया। इसके अलावा उन्होंने एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) की स्थापना में अपनी भूमिका का भी उल्लेख किया।पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) के रूप में उनके द्वारा पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण के क्षेत्र में किए गए सुधारात्मक कार्यों पर भी उन्होंने विस्तार से बात की।

सेवानिवृत्ति के बाद भी सक्रिय योगदान

सेवानिवृत्ति के उपरांत भी ए.के. जैन तकनीकी सुरक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे मोबाइल टावरों की सुरक्षा से संबंधित एक नई प्रणाली पर काम कर रहे हैं, जिससे दूरसंचार संरचनाओं की सुरक्षा को आधुनिक रूप दिया जा सके।

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