एसएमयूपीन्यूज, लखनऊ । बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश सोशल मीडिया पर आत्महत्या से संबंधित एक पोस्ट से एक 16 वर्षीय छात्रा की जान जाते-जाते बच गई। यह सब संभव हो सका उत्तर प्रदेश पुलिस की त्वरित कार्रवाई और मेटा कंपनी (फेसबुक व इंस्टाग्राम की मालिक कंपनी) की सक्रिय निगरानी के चलते।

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“गुड बाय” लिखकर एक पोस्ट साझा की

28 मई को बुलंदशहर जिले के थाना सलेमपुर क्षेत्र की एक छात्रा ने इंस्टाग्राम पर नींद की गोलियों की तस्वीर के साथ “गुड बाय” लिखकर एक पोस्ट साझा की। पोस्ट अत्यंत संवेदनशील थी, जिसमें आत्महत्या के संकेत स्पष्ट थे। समय सुबह 10:40 बजे मेटा कंपनी की ओर से यह अलर्ट उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर को भेजा गया।

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छात्रा ने नींद की गोलियों का सेवन कर लिया था

पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने स्वयं मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। सोशल मीडिया सेंटर ने मोबाइल नंबर के आधार पर छात्रा की लोकेशन ट्रेस की और संबंधित जनपद पुलिस को सूचित किया। सिर्फ 12 मिनट के भीतर सलेमपुर थाने की पुलिस टीम, जिसमें उपनिरीक्षक व महिला कांस्टेबल शामिल थीं, छात्रा के घर पहुंच गई। उस समय छात्रा ने नींद की गोलियों का सेवन कर लिया था, परिजनों की मदद से उसे प्राथमिक उपचार दिलाया गया।

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प्रेमी से झगड़ा करने के बाद उठाया यह कदम

छात्रा ने बताया कि वह 11वीं कक्षा की छात्रा है और डेढ़ साल से एक युवक से प्रेम संबंध में थी। हाल ही में दोनों के बीच झगड़ा हुआ, जिससे आहत होकर उसने यह कदम उठाया। पुलिस टीम ने उसे भावनात्मक रूप से संभालते हुए गहराई से काउंसलिंग की, जिसके बाद छात्रा ने आश्वासन दिया कि वह दोबारा ऐसा प्रयास नहीं करेगी।छात्रा के परिजनों ने यूपी पुलिस और महिला आरक्षियों का आभार जताया।

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951 मामलों में समय रहते हस्तक्षेप कर लोगों की जान बचाई जा चुकी

गौरतलब है कि मेटा और उत्तर प्रदेश पुलिस के बीच वर्ष 2022 से आत्महत्या रोकथाम को लेकर एक सक्रिय सहयोग प्रणाली चल रही है। इस व्यवस्था के तहत 1 जनवरी 2023 से 22 मई 2025 तक आत्महत्या संबंधी 951 मामलों में समय रहते हस्तक्षेप कर लोगों की जान बचाई जा चुकी है। यह घटना साबित करती है कि तकनीक, त्वरित पुलिस प्रतिक्रिया और संवेदनशीलता मिलकर कैसे एक जीवन को अंधकार से वापस रोशनी की ओर ला सकते हैं।

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