एसएमयूपीन्यूज,लखनऊ ।सेना में भर्ती का सपना देख रहे युवाओं को ठगने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गुरुवार को एक बड़ी सफलता हासिल की। एसटीएफ ने खुद को ‘सेना का कर्नल’ बताकर दो दर्जन से ज्यादा युवाओं से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले मुख्य आरोपी रविकांत यादव को लखनऊ के विभूतिखंड इलाके से गिरफ्तार किया है।

आरोपी सेना में रह चुका है सिपाही

एसटीएफ के अनुसार, आरोपी फर्जी नियुक्ति पत्र (ज्वॉइनिंग लेटर) देकर युवाओं को भारतीय सेना में भर्ती कराने का झांसा देता था। शुरुआती पूछताछ में यह भी सामने आया है कि आरोपी सेना में सिपाही रह चुका है, लेकिन नौकरी छोड़कर फर्जीवाड़े के इस धंधे में उतर गया। गिरफ्तार आरोपी का नाम रविकांत यादव है, जो कि ग्राम रायपुर बभनियांव, थाना धानापुर, जनपद चंदौली का रहने वाला है।

ठगी की शुरुआत और खुलासा

एसटीएफ को लंबे समय से सूचनाएं मिल रही थीं कि उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों में सेना में भर्ती का झांसा देकर बड़े पैमाने पर ठगी हो रही है। इसी क्रम में एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह के नेतृत्व में साइबर टीम ने खुफिया तंत्र को सक्रिय किया और एक ठोस सुराग के आधार पर कार्रवाई की।

मोटी रकम लेकर थमा दिया फर्जी नियुक्ति पत्र

जानकारी के अनुसार, फर्रुखाबाद निवासी शेर सिंह ने 28 अक्टूबर 2024 को थाना मऊ दरवाजा में एफआईआर (संख्या 247/2024) दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि उनके पुत्र सहित 22 युवाओं से आरोपी रविकांत यादव और उसके साथी ध्रुव कुमार राजपूत ने सेना में भर्ती के नाम पर 1.12 करोड़ की ठगी की।ध्रुव कुमार सेना में सूबेदार के पद पर तैनात है और उसने रविकांत को शेर सिंह से मिलवाया था। इसके बाद सेना में अग्निवीर और नर्सिंग पदों पर भर्ती कराने के नाम पर मोटी रकम ली गई और फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिए गए।

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पुराना रिकॉर्ड और जुर्म की कहानी

पुलिस पूछताछ में रविकांत यादव ने कबूल किया कि वह 2018 में सिपाही पद पर सेना में भर्ती हुआ था। 2021 में वह छुट्टी पर घर आया और यहीं से उसके फर्जीवाड़े की शुरुआत हुई। उसने गांव के लोगों से कहा कि वह ‘कर्नल’ है और सेना में सीधी भर्ती करवा सकता है। इस झांसे में आकर 4 युवकों ने उसे ₹20 लाख दिए, जिसके बदले उसने नकली नियुक्ति पत्र थमा दिए। मामला दर्ज होने पर उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

जेल से छूटने के बाद फिर फर्जी भर्ती गिरोह में बन गया हिस्सा

वाराणसी जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद भी वह बाज नहीं आया। 2022 में उसने सेना को 11.85 लाख रुपये देकर त्यागपत्र दे दिया और इसके बाद पूरी तरह फर्जी भर्ती गिरोह का हिस्सा बन गया। 2023 में ध्रुव के जरिए उसे फर्रुखाबाद के युवाओं से संपर्क मिला और इस ठगी का नया अध्याय शुरू हुआ।

धोखाधड़ी का तरीका

-खुद को सेना में कर्नल बताता था

-भर्ती के लिए ₹5 लाख से ₹11 लाख तक वसूलता था

-बैंक खाते, UPI और नकद के जरिए लेता था पैसा

-फर्जी भर्ती प्रक्रिया दिखाकर नकली नियुक्ति पत्र देता था

-जब युवाओं ने दस्तावेज़ों की जांच की तो खुला फर्जीवाड़ा

वर्तमान स्थिति और कानूनी कार्रवाई

गिरफ्तार आरोपी रविकांत यादव को थाना मऊ दरवाजा, जनपद फर्रुखाबाद में दर्ज मामले (धारा 420/406/467/468/471 IPC) में दाखिल कर दिया गया है। मामला अब थाना कादरीगेट में स्थानांतरित होकर विवेचना के अधीन है। स्थानीय पुलिस द्वारा आगे की विधिक कार्यवाही की जा रही है।उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने आम नागरिकों और विशेषकर नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं से अपील की है कि वे किसी भी अनधिकृत व्यक्ति के झांसे में न आएं और सरकारी भर्तियों में सिर्फ आधिकारिक माध्यमों से ही आवेदन करें। सेना भर्ती की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निशुल्क होती है।

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