लखनऊ।एक अफ्रीकी महिला की धीमी चाल और घबराया हुआ चेहरा उस दिन अमौसी एयरपोर्ट पर कुछ खास नहीं लगा—कम से कम पहली नजर में। लेकिन जैसे ही वह दुबई से आई फ्लाइट FZ443 से बाहर निकली, राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) की आंखें चौकन्नी हो गईं। यह महज़ संयोग नहीं था। खुफिया सूचना ने पहले ही बता दिया था कि आज कुछ बड़ा हाथ लग सकता है।
एक महिला, दो चेहरे
जब पूछताछ शुरू हुई, तो महिला ने पहले गोलमोल जवाब दिए। लेकिन इमिग्रेशन अधिकारियों की तीखी नजरों और DRI टीम के सवालों के आगे उसका झूठ टिक न सका। कुछ ही पलों में उसने कबूल कर लिया कि उसके पेट में कुछ है—कुछ बेहद खतरनाक।
उसे तत्काल श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां एक्स-रे और फिर सीटी स्कैन में इस डरावने सच की पुष्टि हुई—महिला ने अपने शरीर में 30 कैप्सूल निगल रखे थे, जिनमें मादक पदार्थ भरा हुआ था। इसके अलावा, उसने अपने अंतर्वस्त्रों में भी 4 कैप्सूल छिपा रखे थे।
अस्पताल की निगरानी और ‘सफ़ेद पाउडर’ का राज़
इसके बाद महिला को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। पांच से आठ अप्रैल तक विशेष चिकित्सकीय निगरानी में उसे नियंत्रित आहार दिया गया, ताकि पेट से निगले गए कैप्सूल प्राकृतिक रूप से बाहर निकाले जा सकें।तीन दिन की निगरानी के बाद 30 कैप्सूल मल के ज़रिए बाहर निकाले गए। उनमें से सभी में सफेद रंग का पाउडर भरा था, जिसकी जांच में पुष्टि हुई कि वह मेथाक्वालोन नामक नशीला पदार्थ था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत लगभग ₹25 लाख आँकी गई है।
एक कूरियर, कई सवाल
पूछताछ में महिला ने अपना नाम अनीता नाबाफू वामुकूता बताया और कहा कि वह युगांडा की निवासी है। उसने यह भी कबूला कि वह एक ड्रग कूरियर है, और उसका काम युगांडा से भारत तक ड्रग्स पहुंचाना था।
DRI के अधिकारियों का मानना है कि यह मामला एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी रैकेट से जुड़ा हो सकता है। महिला को बुधवार को जेल भेज दिया गया है, जबकि एजेंसी इस नेटवर्क की कड़ियाँ जोड़ने में जुटी है।