लखनऊ । लखनऊ विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी उर्फ डॉ. मेडुसा द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर किया गया एक पोस्ट इन दिनों विवादों में घिरा हुआ है। उनके द्वारा पहलगाम आतंकी हमले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए डाला गया वीडियो पाकिस्तान तक पहुंच गया, जहां पाकिस्तानी राजनीतिक दल पीटीआई ने इसे साझा भी किया। इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है।

घर न देना या घर पर बुलडोजर चलाना भी आतंकवाद

डॉ. काकोटी ने अपने पोस्ट में लिखा था, “धर्म पूछकर गोली मारना आतंकवाद है, तो धर्म पूछकर लिंच करना, नौकरी से निकालना, घर न देना या घर पर बुलडोजर चलाना भी आतंकवाद है। असली आतंकी को पहचानो।” उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं। विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी नाराजगी जताई है। छात्रों का कहना है कि डॉ. काकोटी का यह वक्तव्य देश विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने वाला प्रतीत होता है।

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डॉ. काकोटी को कारण बताओ नोटिस जारी

असम की मूल निवासी डॉ. माद्री काकोटी पर आरोप है कि वह अकसर सोशल मीडिया पर आलोचनात्मक टिप्पणी करती रही हैं, लेकिन इस बार उनकी टिप्पणी ने सीमाएं लांघ दी हैं। छात्रों ने कहा कि एक शिक्षक होने के नाते उन्हें देशभक्ति की भावना के साथ जिम्मेदारीपूर्ण व्यवहार करना चाहिए।इधर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डॉ. काकोटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव विद्या नंद त्रिपाठी ने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर को पांच कार्य दिवसों के भीतर साक्ष्य सहित अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा, अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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डॉ. काकोटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज

कुलसचिव ने बताया कि इस पोस्ट को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखित और मौखिक रूप से कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रकरण की जांच कुलसचिव कार्यालय स्तर पर भी कराई जा रही है।इस बीच, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के महानगर सहमंत्री जतिन शुक्ला की तहरीर पर हसनगंज थाने में डॉ. काकोटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। थाना प्रभारी अमर सिंह ने बताया कि साक्ष्य संकलन की प्रक्रिया जारी है और उसके आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी।

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