एसएमयूपीन्यूज,लखनऊ । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हालिया आतंकी हमले के बाद भारत की सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं। उत्तर प्रदेश में भी इस सिलसिले में बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उन्हें निर्धारित समयसीमा के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी का अभियान जोरों पर
आतंकी हमलों के मद्देनजर भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में उत्तर प्रदेश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी का अभियान जोरों पर है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार के निर्देश पर सभी जिलों में इन नागरिकों की पहचान कराकर उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। डीजीपी ने स्पष्ट किया है कि 27 अप्रैल 2025 तक सभी पाकिस्तानी नागरिकों को प्रदेश छोड़ना होगा, अन्यथा उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
80% नागरिकों को भेजा जा चुका, बाकी पर तेजी से कार्रवाई
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि अब तक करीब 80 से 85 प्रतिशत पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा जा चुका है। शेष बचे नागरिकों को निर्धारित तिथि से पहले भारत छोड़ने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 27 अप्रैल अंतिम तिथि है, और उसके बाद प्रदेश में एक भी पाकिस्तानी नागरिक की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एक हज़ार से अधिक पाकिस्तानी नागरिक उत्तर प्रदेश में
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक हज़ार से अधिक पाकिस्तानी नागरिक मौजूद हैं। ये नागरिक विभिन्न प्रकार के वीज़ा जैसे मेडिकल वीज़ा, शॉर्ट टर्म वीज़ा या लॉन्ग टर्म वीज़ा पर रह रहे हैं। इनकी जानकारी खुफिया एजेंसियों और एलआईयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) के माध्यम से जुटाई गई है।
मेडिकल वीजा धारकों को दो दिन की अतिरिक्त मोहलत
उत्तर प्रदेश पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि मेडिकल वीजा पर भारत में रह रहे नागरिकों के लिए 29 अप्रैल 2025 तक की समयसीमा निर्धारित की गई है। बाकी सभी नागरिकों को 27 अप्रैल तक देश छोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है।जम्मू-कश्मीर में हुए हमले के बाद गृह मंत्रालय से मिले निर्देशों के तहत सभी राज्य सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। यूपी पुलिस के अधिकारी लगातार होटलों, लॉजों, किराए के मकानों और अस्पतालों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की निगरानी कर रहे हैं।