लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजनीति में गर्मी बढ़ गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को धमकी देने वाले करणी सेना नेता मोहन चौहान की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं। एक हफ्ते के भीतर उन पर दूसरा मुकदमा दर्ज हो गया है। बयानबाज़ी, धमकी और आपराधिक रिकॉर्ड के चलते अब कानून का शिकंजा और कसता नजर आ रहा है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को धमकी देने का आरोप

करणी सेना के नेता और जवां निवासी मोहन चौहान के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। मोहन पर यह नया केस सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को धमकी देने के आरोप में दर्ज हुआ है। 15 अप्रैल को मोहन चौहान का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह अखिलेश यादव को खुलेआम धमकी देता नजर आया। इस वीडियो के वायरल होते ही सपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मी धनगर ने 17 अप्रैल को अलीगढ़ को एसएसपी को लिखित शिकायत दी। इसके बाद जवां थाने में रात में मुकदमा दर्ज कर लिया गया और उसी रात मोहन को गिरफ्तार कर लिया गया।

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मोहन को शांति भंग की आशंका में पाबंद किया गया

धारा में धमकी के आरोप होने के कारण मोहन को शांति भंग की आशंका में पाबंद किया गया है। इससे पहले भी मोहन पर एक मुकदमा दर्ज किया गया था जब उन्होंने सपा सांसद रामजीलाल सुमन को गोली मारने वाले को इनाम देने की बात कही थी। उस मामले में सपा महिला सभा अध्यक्ष ने शिकायत दर्ज कराई थी।

पुलिस की जांच में मोहन चौहान का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी सामने आया है। वर्ष 2016 से अब तक उस पर हमला, मारपीट और ठगी सहित आठ मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। सीओ तृतीय अभय पांडेय ने पुष्टि की है कि मोहन पर कानून के तहत उचित कार्रवाई की जा रही है।

एक कार्यक्रम में अखिलेश यादव की यह रही प्रतिक्रिया

इस घटनाक्रम के बाद लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान अखिलेश यादव ने राणा सांगा विवाद को लेकर पहली बार चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा, “ऐसा इतिहास जो समाज में विवाद पैदा करे, उसका जिक्र नहीं करना चाहिए।” वहीं, सपा नेता अबू आज़मी के औरंगज़ेब को लेकर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि यह बात किस संदर्भ में कही गई।

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उन्होंने अपील की कि इतिहास को लेकर विवाद से बचना चाहिए। सपा पर लगने वाले परिवारवाद के आरोपों पर अखिलेश यादव ने भाजपा को भी घेरा। उन्होंने कहा, “हर किसी को अपनी योग्यता साबित करनी होती है। परिवारवाद तो भाजपा में भी है। जो काबिल होगा, वही आगे जाएगा।”

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