लखनऊ । वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में आवाज उठाना सुमैया राणा को भारी पड़ रहा है। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ लखनऊ के घंटाघर धरने में सक्रिय रहीं मशहूर शायर मुनव्वर राना की बेटी और सामाजिक कार्यकर्ता सुमैया राणा को लखनऊ पुलिस ने दस लाख रुपये के मुचलके के साथ नोटिस भेजा है। यह नोटिस उन्हें वॉट्सऐप पर मिला, जिसे सुमैया ने असंवैधानिक बताते हुए कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।
सुमैया बोलीं- डरने वाली नहीं हूं
सुमैया राणा का कहना है कि वक्फ बिल का शांतिभंग से कोई लेना-देना नहीं, यह एक संविधान विरोधी कानून है, जिसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करना उनका अधिकार है। उन्होंने साफ कहा कि “सरकार की किसी भी गलत नीति या संविधान विरोधी कदम से डरने वाली नहीं हूं। वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने की साजिश के खिलाफ मेरा संघर्ष जारी रहेगा।”
दो दिन पहले सुमैया को हाउस अरेस्ट किया गया था
गौरतलब है कि वक्फ संशोधन बिल का विरोध करने के मद्देनज़र दो दिन पहले सुमैया को हाउस अरेस्ट किया गया था। उनके आवास पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया, लेकिन सुमैया का आरोप है कि पुलिस के पास किसी प्रकार का लिखित आदेश नहीं था। उन्होंने इसे भी संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ बताया।
उजमा परवीन को भी पुलिस की ओर से नोटिस भेजा गया
इसी तरह समाजवादी छात्रसभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र यादव और सोशल एक्टिविस्ट उजमा परवीन को भी पुलिस की ओर से नोटिस भेजा गया है। महेन्द्र यादव ने कहा, “नोटबंदी, सीएए, एनआरसी, लॉकडाउन, कृषि कानूनों की तरह ही यह वक्फ संशोधन विधेयक भी एक काला कानून है और हम इसका पुरजोर विरोध करते रहेंगे।”
उनका विरोध संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए
सुमैया राणा समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता वक्फ संपत्तियों को मुस्लिम समुदाय की धरोहर मानते हैं और उनका कहना है कि सरकार इन संपत्तियों को कब्जा करने के लिए यह विधेयक ला रही है। उनका विरोध संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए है, जिसे दबाने की कोशिश की जा रही है।इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर लोकतांत्रिक विरोध और सरकारी कार्रवाई के संतुलन पर बहस छेड़ दी है।