एसएमयूपी न्यूज, ब्यूरो, नई दिल्ली।दुनियाभर में कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल 2025 को वेटिकन सिटी में निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे और लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उन्हें डबल न्यूमोनिया था, जिससे उनके फेफड़ों में गंभीर संक्रमण हो गया था। इसी के चलते उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। करीब एक महीने से अधिक समय तक वे अस्पताल में भर्ती रहे। चिकित्सकीय जांच में यह भी सामने आया कि उनकी किडनी भी क्षतिग्रस्त हो रही थी, जिसके कारण उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट और ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ी।

पीएम ने मुलाकात की तस्वीरें की साझाा

पोप फ्रांसिस के निधन से विश्वभर में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक जताया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोप फ्रांसिस के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि पोप करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक थे। उन्होंने गरीबों और वंचितों की सेवा को अपना धर्म माना और प्रभु ईसा मसीह के सिद्धांतों का जीवन भर पालन किया।

पूरी मानवता के लिए एक अपूरणीय क्षति

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। खरगे ने कहा कि पोप फ्रांसिस अंतर-धार्मिक समझ और वैश्विक शांति के बड़े समर्थक थे। वे सामाजिक भेदभाव, आर्थिक असमानता और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों के खिलाफ हमेशा खड़े रहे। वहीं प्रियंका गांधी ने उन्हें प्रेम और करुणा का प्रतीक बताया और कहा कि उनका जीवन दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणा है।पोप फ्रांसिस का जाना न केवल कैथोलिक समुदाय के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

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उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की

प्रधानमंत्री मोदी ने पोप फ्रांसिस के साथ मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, “परम पूज्य पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं। पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे। छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की। जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई।

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