एसएमयूपीन्यूज,लखनऊ । राजधानी के अलीगंज इलाके में घरेलू कलह के चलते एक पिता अपनी आठ माह की मासूम बच्ची को लेकर घर से लापता हो गया। पत्नी द्वारा पिंक बूथ पर दी गई सूचना के बाद महिला पुलिसकर्मियों ने तत्परता और संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करते हुए बच्ची और उसके पिता को सुरक्षित बरामद कर लिया। पिंक बूथ की टीम ने न सिर्फ बच्ची को मां के सुपुर्द किया, बल्कि दोनों पति-पत्नी के बीच सुलह कराते हुए पारिवारिक सौहार्द भी बहाल कराया।
घटना का पूरा विवरण, जानिये
25 अप्रैल 2025 को एक महिला, निवासी अलीगंज, लखनऊ, ने नीरा पिंक बूथ पहुंचकर बताया कि उसके पति ने आपसी विवाद के बाद उसकी आठ माह की बच्ची को लेकर घर छोड़ दिया है। महिला ने बताया कि पति तीन-चार घंटे से न तो घर लौटा है और न ही फोन कॉल का जवाब दे रहा है, जिससे वह बेहद चिंतित और भयभीत है।सूचना मिलते ही पिंक बूथ पर तैनात महिला कांस्टेबल सीमा त्रिपाठी और दीक्षा ने तत्काल महिला के पति से संपर्क साधने की कोशिश की। जब फोन मिलाया गया तो आरोपी पति ने न पिंक बूथ पर आने की सहमति दी और न ही घर लौटने का आश्वासन दिया।
पिंक बूथ की संवेदनशील और त्वरित कार्रवाई
स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए पिंक बूथ की टीम ने महिला को सांत्वना दी और उसके साथ संभावित स्थानों पर बच्ची व उसके पिता की तलाश शुरू की। अथक प्रयासों के बाद पुलिस टीम ने थाना अलीगंज क्षेत्र के डंडहिया इलाके से बच्ची और उसके पिता को सुरक्षित बरामद कर लिया। दोनों को काउंसलिंग के लिए पिंक बूथ लाया गया।
काउंसलिंग से सुलझा विवाद, बच्ची को सौंपा गया मां को
पिंक बूथ पर महिला पुलिसकर्मियों ने दोनों पति-पत्नी से धैर्यपूर्वक संवाद कर बच्ची के भविष्य और पारिवारिक जीवन के महत्व को समझाया। समझाने-बुझाने के बाद पति ने अपनी गलती मानी और बच्ची को उसकी मां को सकुशल सौंप दिया गया। इस दौरान बच्ची की मां और पिता दोनों ने पिंक बूथ कर्मियों के सक्रिय प्रयासों की सराहना की और लखनऊ पुलिस का आभार जताया।
यह भी पढ़े : पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनज़र यूपी में सतर्कता बढ़ी, डीजीपी ने जारी किया दिशा निर्देश
प्रशंसा और भरोसे की मिसाल बनी पिंक बूथ पुलिस
इस त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई से पिंक बूथ की भूमिका एक बार फिर शहर में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए एक भरोसेमंद सहारा साबित हुई। पीड़ित महिला ने बच्ची को सकुशल पाकर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पिंक बूथ की तत्परता ने उनके परिवार को टूटने से बचा लिया।