एसएमयूपीन्यूज,ब्यूरो। केन्द्र सरकार ने आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का अहम फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक विषयों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज इसे मंजूरी प्रदान की।केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में आयोजित पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह निर्णय सामाजिक संतुलन, पारदर्शिता और राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए लिया है।
फिर भी कई राज्यों ने जातिगत गणना कराई
हमारा मानना है कि इस कदम से समाज आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त होगा।वैष्णव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल जातिगत जनगणना को राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दा बना रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 246 की केन्द्रीय सूची की क्रम संख्या 69 के तहत जनगणना केंद्र का विषय है। फिर भी कई राज्यों ने जातिगत गणना कराई है। इनमें से कुछ ने पारदर्शिता बरती जबकि अन्य ने इसे राजनीति का माध्यम बना दिया, जिससे समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई।मंत्री ने अपने बयान में कहा कि आजादी के बाद से अब तक सभी जनगणनाओं में जातिगत आंकड़े शामिल नहीं किए गए।
कई दलों ने जातिगत गणना पर अपना समर्थन जाहिर किया
कांग्रेस सरकारों ने बार-बार इस विचार का विरोध किया, जबकि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा लोकसभा में आश्वासन दिए जाने के बावजूद इसे केवल एक सर्वे के रूप में सीमित रखा गया। उस समय कैबिनेट में मंत्रिमंडलीय समूह का गठन किया गया था। समूह को कई दलों ने जातिगत गणना पर अपना समर्थन जाहिर किया था। फिर भी इसे जनगणना में शामिल नहीं किया गया।उन्होंने यह भी याद दिलाया कि सरकार ने पहले भी सामाजिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया था।
जातिगत जनगणना पर केंद्र के फैसले का कांग्रेस ने किया समर्थन
कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना कराने के कैबिनेट निर्णय का स्वागत किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को इसकी टाइम लाइन भी बतानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना का जो भी मॉडल हो, वह जनोन्मुखी होना चाहिए। तेलंगाना सरकार के जातिगत जनगणना मॉडल को बेहतरीन बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो वहां की कांग्रेस सरकार इस मामले में केंद्र सरकार की मदद करेगी।
जातिगत जनगणना कांग्रेस का मुद्दा था
राहुल गांधी ने आज शाम यहां कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि जातिगत जनगणना कांग्रेस का मुद्दा था। संसद में हमने कहा था कि हम जातिगत जनगणना करवा कर छोड़ेंगे और आरक्षण के लिए अभी निर्धारित 50 प्रतिशत की कैप भी हटवाएंगे। अब 11 साल बाद केंद्र की मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना को हरी झंडी दी है तो हम इसका समर्थन करते हैं लेकिन हम टाइम लाइन चाहते हैं। इसके लिए बजट आवंटन किया जाना चाहिए।
जातिगत जनगणना बिहार और तेलंगाना में हुई
राहुल ने कहा कि जातिगत जनगणना बिहार और तेलंगाना में हुई है लेकिन दोनों में काफी अंतर है। तेलंगाना का आदर्श मॉडल है। हम इस मामले में इस मॉडल के जरिये केंद्र सरकार की मदद कर सकते हैं। हमारा दृष्टिकोण अलग है। हम सिर्फ आरक्षण नहीं, एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की कितनी भागीदारी सरकारी नौकरियों में है? हम इसके जरिये जानना चाहते हैं। आर्टिकल 15 (5) निजी शिक्षा क्षेत्र में भी लागू किया जाए, क्योंकि यह निजी शिक्षण संस्थानों में एससी, एसटी, पिछड़े वर्ग और आदिवासियों के आरक्षण के लिए दरवाजे खोलता है।
बिहार विधानसभा को लेकर राहुल ने कुछ कहने से किया इंकार
बिहार विधानसभा चुनाव से ऐन पहले सरकार के इस निर्णय के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने इस पर कुछ भी कहने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जोरदार अभियान के कारण ही मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया है। गिग वर्कर्स के लिए हम तेलंगाना और कर्नाटक में नया कानून बना रहे हैं, क्योंकि इसमें दलित पिछड़ा और आदिवासी वर्ग के लोग हैं।
सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य
पहलगाम आतंकी हमले से ध्यान बंटाने के लिए तो सरकार ने यह फैसला नहीं लिया? यह पूछने पर राहुल ने कहा कि इस तरह की अटकलें लगाना मीडिया का काम है, मेरा नहीं। लेकिन सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य होना चाहिए। इसका डिजाइन आम आदमी केंद्रित होना चाहिए न कि अफसरशाही केंद्रित। तेलंगाना का मॉडल जनोन्मुखी है, इसलिए मैं उसे बेहतरीन बता रहा हूं। तेलंगाना सरकार ने 50 प्रतिशत का रिजर्वेशन कैप हटा दिया है और निजी शिक्षण संस्थानों में अनुच्छेद 15 (5) को लागू कर दिया है।
आतंकी हमले के पीड़ित परिवार से मिले राहुल
राहुल गांधी ने बताया कि मैं आज कानपुर गया था, वहां आतंकी हमले के पीड़ित परिवार से मिला, जिसकी निर्मम हत्या पहलगाम में हुई। इसी तरह 28 लोगों को मारा गया। इस तरह के कृत्य को अंजाम देने वालों को ऐसा सबक सिखाया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसा करने से पहले वो सोचें। सर्वदलीय बैठक में हमने सरकार को पूरा समर्थन व्यक्त किया। इस मामले में अब प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार को एक्शन लेना है। कानपुर के पीड़ित परिवार के लोगों ने कहा कि जो 28 लोग मारे गए हैं, उन्हें सरकार शहीद का दर्जा दे।