लखनऊ । विभिन्न प्रकार के फर्जी व कूटरचित दस्तावेज (शिक्षा बोर्डस, यूनिवर्सिटी आदि की मार्कशीट्स, सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन, ट्रांसफर सर्टिफिकेट एवं वेरीफिकेशन प्रपत्र) तैयार करने वाले गिरोह के तीन सक्रिय सदस्यों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम अल्ताफ राजा पुत्र मोहम्मद सईद,कृष्ण कुमार श्रीवास्तव पुत्र स्व. अवधेश प्रसाद श्रीवास्तव,लक्ष्य राठौर पुत्र सुरेश राठौर है। इनके कब्जे से 51 कूटरचित विभिन्न फर्जी शिक्षा बोर्ड एवं यूनिवर्सिटी आदि की मार्कशीट्स, सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन एवं ट्रांसफर सर्टिफिकेट एवं वेरीफिकेशन प्रपत्र, दो लैपटाप, एक चार्जर, चार मोबाइल फोन, एक फर्जी मुहर, एक हुंडई वेन्यू कार, एक बाइक बरामद किया है।

एसटीएफ को काफी दिनों फर्जी मार्कशीट बनाने की मिल रही थी सूचना

एसटीएफ को उत्तर प्रदेश जनपद लखनऊ में विभिन्न शिक्षा बोर्ड, यूनिवर्सिटी एवं शैक्षिक संस्थानों की फर्जी कूटरचित मार्कशीट, सर्टिफिकेट एवं अन्य प्रपत्र तैयार करने की शिकायत प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की एक टीम काम कर रही थी। टीम को विश्वनीय सूत्रों से सूचना प्राप्त हुई कि विभिन्न प्रकार के फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह के कुछ सदस्य जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय मोहान रोड थाना पारा लखनऊ के पास मौजूद है। इस सूचना पर विश्वास कर एसटीएफ टीम द्वारा उपरोक्त अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया।

जेल से छूटने के बाद दोबारा फर्जी मार्कशीट बनाने का करने लगे काम

गिरफ्तार अभियुक्त अल्ताफ राजा ने पूछताछ पर बताया कि बताया हम लोगों का एक गिरोह है जो विभिन्न प्रकार के फर्जी व कूटरचित दस्तावेज तैयार करता है। वह इसके पहले दिल्ली में डॉ. एसपी पाण्डेय के साथ मिलकर फर्जी वेबसाइट बनाकर मार्कशीट आदि बनाने का काम करता था। वर्ष 2017 में थाना गीता कालोनी दिल्ली से डा. एसपी पाण्डेय के साथ गिरफ्तार होकर जेल गया था। वर्ष 2019 में वह तथा लक्ष्य राठौर थाना चाणक्य पुरी दिल्ली में अन्य साथियों के साथ इसी मामले में जेल गये थे। जेल सग छूटने के बाद लखनऊ आकर पुनः यही काम करना शुरू कर दिया। इसके लिये उसने Go Daddy एवं Big Rock पर वेबसाइट बनायी।

इन वेबसाइड पर कूटरचित रिजल्ट अपलोड कर देते थे

जिनमें से कुछ डोमेन bhsedelhi.org, bhsenewdelhi.org, bhsedelhiboard.net, technoglobaluniversitymp.org, dsosresults.co.in, riosupresults.org, bujhanshiresults.org, bssbpatnaresults.co.in, himalayanuniversityresults.com, hsebdelhi.org है। इन वेबसाइट पर कूटरचित मार्कशीट का रिजल्ट भी अपलोड कर देता था, जिससे लोग वेबसाइट पर रोल नंबर डालकर रिजल्ट ऑनलाइन चेक करते थे जो वह दस्तावेज (शिक्षा बोर्ड / यूनिर्वसिटी) असली प्रतीत होता था। फर्जी मार्कशीट के आधार पर लोग विभिन्न संस्थानों में नौकरी पा जाते है तो उनका ऑनलाइन / ऑफलाइन वेरीफिकेशन भी कर देता था।

फर्जी मार्कशीट बनवाने के लिए लेता था 15 से 20 हजार

फर्जी मार्कशीट व अन्य प्रपत्र आदि बनवाने के लिये 15 से 20 हजार लेता था। जिसे सभी लोग आपस में बांट लेते थे। लोगों को फर्जी दस्तावेज कोरियर के माध्यम से भेजता था। लखनऊ में अब तक लगभग 2 हजार से अधिक विभिन्न प्रकार के फर्जी दस्तावेज तैयार कर चुका है। अभियुक्त कृष्ण कुमार श्रीवास्तव उपरोक्त ने बताया कि वह भी फर्जी मार्कशीट के प्रकरण में वर्ष 2009 में थाना विकास नगर से जेल जा चुका है। उसके विरूद्ध धोखाधड़ी एवं गैंगस्टर एक्ट के 02 मुकदमें है।गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना पारा में मुकदमा पंजीकृत कराया जा रहा है।

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