लखनऊ । एसटीएफ उत्तर प्रदेश को अन्तर्राज्यीय स्तर पर मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह के एक तस्कर को 05.400 कि.ग्रा.चरस (अनुमानित मूल लगभग 27 लाख रूपये) बरामद करने में सफलता प्राप्त हुई।तस्कर ड्रग्स माफियाओं के साथ मिलकर​ मादक पदार्थों की तस्करी करने में लिप्त रहा। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम रामबाबू पुत्र अछेवर निवासी उस्मानपुरा थाना जैतपुरा जनपद वाराणसी है।

एसटीएफ की कई टीमें तस्करों के सुराग में जुटी हुई थी

एसटीएफ के स्थानीय अफसरोें के अनुसार अन्तर्राज्यीय स्तर पर मादक पदार्थ की तस्करी की सूचना मिल रही थी। इस संबंध में एसटीएफ की कई टीमें तस्करों के सुराग में जुटी हुई थी। वाराणसी के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह और एसटीएफ फील्ड इकाई भी इस कार्य में लगी हुई थी। इसी दौरान सही सूचना और लोकेशन मिलते ही वाराणसी टीम ने मोहनसराय अंडरपास से तस्कर रामबाबू पुत्र अछैवर को चरस के साथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी तस्कर मनाली से दिल्ली बस से आया। इसके बाद दिल्ली से बस से वाराणसी मोहनसराय आया था।

इस गिरोह के दो सदस्य को एसटीएफ पहले कर चुकी है गिरफ्तार

पूछताछ में रामबाबू ने अफसरों को बताया कि इस गिरोह का सरगना वाराणसी चौक नीलकंठ निवासी देवेन्द्र कुमार मिश्रा अपने भाई महेन्द्र मिश्रा उर्फ छोटू और उसे लेकर मनाली गया था। देवेन्द्र ने चरस के साथ उसे बस में बैठा दिया था। वह चरस लेकर अकेले ही बस से वाराणसी आया। इसके पहले एसटीएफ ने इस गिरोह के दो सदस्यों संतोष कुमार झा और शिखा वर्मा को सुल्तानपुर में चरस के साथ पकड़ा था। दोनों ने गिरोह के कार्य प्रणाली के बारे में बताया था। गिरोह चरस, गांजा, हसीस, स्मैक आदि नशीले पदार्थ हिमाचल प्रदेश के मनाली, बिहार व नेपाल के बार्डर से भारी मात्रा में बस से वाराणसी लेकर आता है।

हिमाचल प्रदेश से वाराणसी लाते थे थे चरस

इस मादक पदार्थ को गिरोह के सदस्य वाराणसी और आसपास के जनपदों में बेचते है। गिरफ्तार तस्कर ने बताया कि हिमांचल प्रदेश के तनु नामक व्यक्ति से माल (मादक पदार्थ) लिया जाता है। इसके बाद इसे वाराणसी में लाकर मुकेश मिश्रा उर्फ श्याम व मिठ्ठू नामक डिलेवरी ब्वाय के माध्यम से वाराणसी के विभिन्न स्थानों के साथ-साथ वाराणसी के बाहर भी भेजा जाता है। गैंग सरगना के भाई महेन्द्र ने उसे मनाली से चरस लाने पर 20 हजार रूपए देने का लालच दिया था। एसटीएफ के अफसरों के अनुसार गिरफ्तार तस्कर के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा पंजीकृत कर आवश्यक विधिक कार्रवाही की जा रही है।

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