लखनऊ । जेलों में बंदियों को सुविधा मुहैया कराये जाने मामले थम नहीं रहे है। जबकि जेलर व डिप्टी जेलर पर कार्रवाई भी हो रही है। अब गाजीपुर में कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। गाजीपुर जेल के जेलर और डिप्टी जेलर को डीजी जेल ने निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि जेल में बंदी द्वारा अवैध रूप से कॉल किया जा रहा था। इसमें जेलर व डिप्टी जेलर की भूमिका संदिग्ध पायी गई। इसके अलावा जेल अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को डीजी जेल ने पत्र लिखा है।

बंदी अवैध रूप से मोबाइल का कर रहा था प्रयोग

जानकारी के लिए बता दें कि यूपी के गाजीपुर की जेल में बंद बंदी द्वारा अवैध रूप से मोबाइल का इस्तेमाल करने का मामला सामने आया था। बंदी विनोद गुप्ता ने जेल से मोबाइल से कॉल की थी। चार मार्च को मामला सामने आया तो डीआईजी जेल से इसकी जांच कराई गई। जांच में जेल के अंदर से फोन कॉल करवाने की पुष्टि हुई। इसके बाद डीआईजी जेल ने इसकी रिपोर्ट डीजी जेल को भेजी। इसी के बाद यह बड़ी कार्रवाई की गई।

बंदी जेल से फोन करके गवाही न देने की बात की थी

डीआईजी की जांच में पता चला कि बंदी जेल से फोन करके एक मामले में गवाही न देने की बात की गई थी। बदले में रकम देने का सौदा तय हुआ था। डीआईजी की यह जांच रिपोर्ट मिलने पर डीजी जेल का पारा चढ़ गया। उन्होंने कार्रवाई करते हुए जेलर राकेश कुमार वर्मा और डिप्टी जेलर सुखवती देवी को निलंबित कर दिया। साथ ही जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह पर कार्रवाई करने के लिए शासन को पत्र को लिखा है।

दिसंबर माह में मुरादाबाद के जेलर व डिप्टी जेलर पर गिरी थी गाज

मुरादाबाद जिला जेल के जेलर और डिप्टी जेलर के खिलाफ योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। संभल हिंसा के आरोपियों से जेल में सपा नेताओं के अवैध मुलाकात पर डीजी जेल ने मुरादाबाद के जेलर विक्रम सिंह यादव और डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह को सस्पेंड कर दिया है। चूंकि यह भी मामला काफी तूल पकड़ा था, तभी डीजी जेल को बड़ा एक्शन लेना पड़ा था। अब इसके बाद गाजीपुर के जेलर व डिप्टी जेलर पर कार्रवाई की गई है।


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