लखनऊ । पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार द्वारा मंगलवार को वर्चुअल कान्फ्रेन्सिंग के मध्यम से पुलिस अधीक्षक पीलीभीत के पर्यवेक्षण में जनपद पीलीभीत में क्रियान्वित ई-ऑफिस का उद्घाटन कर शुभारंभ किया गया। उनके द्वारा बताया गया कि ई-ऑफिस का उद्देश्य पुलिस विभाग के भीतर प्रशासनिक प्रक्रियाओं को आधुनिक बनाना है, जिससे दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।

पीलीभीत के सभी थानों व शाखाओं में ई-ऑफिस का कार्यान्वयन किया गया है। उद्घाटन के दौरान पुलिस महानिदेशक यूपी ने प्रौद्योगिकी को अपनाने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने में पुलिस अधीक्षक पीलीभीत के प्रयासों की सराहना की गयी।

ई-ऑफिस का विजन समस्त कार्यालय को सरलीकृत करना

ई-ऑफिस एक digital workplace solution है। जिसका निर्माण NIC द्वारा किया गया है। ई-ऑफिस का विजन समस्त कार्यालय को सरलीकृत, उत्तरदायी, प्रभावी, जवाबदेह और पारदर्शी कामकाज को प्राप्त करना है। यह केन्द्रीय सचिवालय नियमावली (CSMeOP) पर आधारित है ई-ऑफिस द्वारा कार्यालयो में की जा रही सम्पूर्ण कार्यवाही को कागजरहित तथा अत्यधिक तीव्र बनाये जाने के उद्देश्य से लागू किया जा रहा है।

ई-ऑफिस के लाइव प्रजेंटेशन के दौरान पुलिस अधीक्षक पीलीभीत द्वारा प्रधान कार्यालय में सुधार कार्य एवं अनुरक्षण हेतु एक पुलिस पेंशनर्स की 01 लाख 67 हजार रूपये की मेडिकल फाइल ई-आफिस के माध्यम से डिजिटली हस्ताक्षर कर जारी किया गया।

ई-ऑफिस की कार्यप्रणाली पीलीभीत में लागू

पुलिस अधीक्षक पीलीभीत द्वारा जनपद पीलीभीत में e-office प्रणाली की शुरुआत सर्वप्रथम प्रधान लिपिक कार्यालय व आंकिक शाखा में की गयी। जिसके सफल क्रियावन के उपरान्त जनपद के समस्त थाना व शाखाओं में ई-आफिस प्रणाली शत-प्रतिशत लागू करने हेतु आवश्यक उपकरण जैसे स्कैनर, लैपटॉप एवं अन्य उपकरण क्रय किये गये तथा जनपद में नियुक्त समस्त थाना प्रभारी, शाखा प्रभारी व उनके अधीनस्थ कार्यालयों में नियुक्त कर्मचारियों की Gov ID व VPN तैयार कराया गया तथा समस्त प्रभारियों को ई-आफिस के माध्यम से हस्ताक्षर करने हेतु DSC(Digital Signature Certificate) बनवाये गये। साथ ही जनपद में ई-ऑफिस के सफल क्रियान्वयन हेतु एक नयी शाखा का गठन किया गया जिसके द्वारा समस्त प्रकार की प्राप्त डाक को डिजिटली पंजीकरण कर ई-आफिस के माध्यम से सम्पूर्ण जनपद को वितरित करेगा और जनपद पीलीभीत को डिजिटलाइज करने में अहम भूमिका निभायेगा।

कर्मचारियों को ई-ऑफिस का प्रशिक्षण दिया गया

जनपद में ई-ऑफिस को पूर्ण रूप से लागू करने के लिये समस्त अधिकारी व कार्यालयों में नियुक्त कर्मचारियों को ई-ऑफिस का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रणाली के तहत आने वाले पत्राचार की स्कैनिंग और पंजीकरण के साथ-साथ पत्रावली बनाने, नोटिंग, रेफरेंसिंग, पत्राचार संलग्नकों, अनुमोदनार्थ आलेखों और अन्ततोगत्वा पत्रावलियों के साथ-साथ प्राप्तियों के संचरण समस्त कार्यवाही कागज रहित व इलेक्ट्रॉनिक ई-ऑफिस के माध्यम से की जायेगी। ई-ऑफिस प्रक्रिया से न सिर्फ दस्तावेजों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने की झंझट से मुक्ति मिलेगी बल्कि कीमती समय की भी बचत होगी।

मोटी-मोटी फाइलों का जमाना गुजरे जमाने की बात

मोटी-मोटी फाइलों का जमाना गुजरे जमाने की बात पुलिस अधीक्षक पीलीभीत ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा देने के लिए जिले में ई-ऑफिस प्रणाली को शत प्रतिशत लागू किया गया है। इसी के तहत उत्तर प्रदेश पुलिस में तकनीकी सुधार और आधुनिकीकरण की दिशा में बड़े कदम उठाये गए हैं। इस पहल के तहत थानों में मोटी-मोटी फाइलों का जमाना खत्म होगा और ई-ऑफिस प्रणाली के माध्यम से प्रशासनिक कार्यों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुचारू रूप से संचालित किया जाएगा।

जिले में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया

पुलिसकर्मियों को दी गई ई-ऑफिस की ट्रेनिंग, थानों को उपलब्ध कराए गए तकनीकी उपकरण पुलिस अधीक्षक पीलीभीत ने बताया कि ई-ऑफिस प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण जिला प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित किया गया, जिसमें पुलिसकर्मियों को ई-ऑफिस की तकनीकी जानकारी दी गई है।

यह प्रणाली एनआईसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) द्वारा तैयार की गई है और यह केन्द्रीय सचिवालय नियमावली (CSMeOP) पर आधारित है। उन्होंने बताया कि ई-ऑफिस प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए जिले में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है।

ई-ऑफिस प्रणाली लागू होने से जनता को भी कई लाभ होंगे

लंबित शिकायतों के निपटारे में आएगी और तेजी, मिलेगा त्वरित न्याय-ई-ऑफिस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य फाइलों और डेटा के डिजिटल प्रबंधन के माध्यम से प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता लाना है। यह प्रणाली शिकायतों और रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को तेज बनाएगी, जिससे जनता को त्वरित न्याय मिल सकेगा। साथ ही डिजिटल फाइल के जरिये मॉनिटरिंग से अधिकारियों को कार्यों पर नजर रखने और निर्णय प्रक्रिया को सुगम बनाने में काफी मदद मिलेगी।

वहीं ई-ऑफिस प्रणाली लागू होने से जनता को भी कई लाभ होंगे। इससे थानों में लम्बित शिकायतों के निपटारे में देरी नहीं होगी और रिपोर्टिंग प्रक्रिया पारदर्शी के साथ समयबद्ध होगी। इसके अलावा थानों और जिला कार्यालयों में भ्रष्टाचार की संभावना भी कम होगी। इससे न केवल पुलिसकर्मियों का कार्यभार कम होगा, बल्कि आमजन को पुलिस विभाग से जुड़ी सेवाओं का लाभ तेजी और पारदर्शी तरीके से मिलेगा।

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