लखनऊ । एसटीएफ उत्तर प्रदेश को डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट, इनवेस्टमेंट, टास्क, गेमिंग, आदि तरीको से की जा रही साइबर ठगी में प्रयुक्त होने वाले कार्पोरेट बैंक खाते किराये पर लेकर संचालित करने वाले संगठित गिरोह के सरगना सहित छह अभियुक्तों को लखनऊ से गिरफ्तार किया है।

अभियुक्तों के कब्जे से 11 मोबाइल फोन, 18 डेबिट व क्रेडिट कार्ड, दो चेक बुक, एक ब्लैक चेक, तीन आधार कार्ड, तीन पैन कार्ड, एक डीएल, एक निर्वाचन कार्ड, 52 पेज WhatsApp के स्क्रीनशाट जिसमें साइबर अपराध करने से सम्बन्धित एपीके फाइल, चैटिंग व कार्पोरेट बैंक खातों की जानकारी है, रूपये 34,500/- (चौंतीस हजार पांच सौ मात्र) नकद व दो कार बरामद किया है।

एसटीएफ को काफी दिनों से थी इनकी तलाश

एसटीएफ उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट/इनवेस्टमेंट, टास्क, गेमिंग, आदि तरीको से की जा रही साइबर ठगी में प्रयुक्त होने वाले कार्पोरेट बैंक खाते किराये पर लेकर संचालित करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की कई टीमें काम कर रही थी।

इसी क्रम में ज्ञात हुआ कि थाना साइबर क्राइम लखनऊ में एटेक्ष इन्नोवेशन प्रा.लि. आईटी सैल्यूशन कम्पनी लखनऊ द्वारा मुकदमा पंजीकृत कराया गया कि मेरी कम्पनी के विस्तार व वार्षिक टर्नओवर बढाने के लिए आयुष मिश्रा के माध्यम से मलिक अंसारी टेलीग्राम आईडी- @malik_ansari_0 पर सम्पर्क हुआ जिसने बताया कि उसकी कम्पनी के पास पेमेंट आउटसोर्सिंग के वैध दस्तावेज और प्रमाणपत्र उपलब्ध हैं।

विभूतिखंड से एसटीएफ ने छह अभियुक्तों को किया गिरफ्तार

उसके बाद अब्दुल मलिक द्वारा कम्पनी के बैंक खाते की जानकारी मांगी गयी और कम्पनी के बैक खातें से लिंक मोबाइल नम्बर वाले मोबाइल में एपीके फाइल के माध्यम से एक साफ्टवेयर डाउलोड कर दिया गया इसके बाद बैंक खाते में लगभग 48 लाख रूपये आये फिर लगभग 3200 ट्रांजेक्शन के माध्यम से ट्रांसफर कर लिया। इसके बाद कम्पनी का बैंक खाता बैंक द्वारा फ्रीज कर दिया गया बैंक से पता करने पर पता चला कि यह साइबर ठगी का रूपया था जो कम्पनी के बैंक खाते में आया था।

इसके बाद अब्दुल मलिक से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो सम्पर्क नही हो पाया। जिससे कम्पनी को लगा कि उनके साथ बडा साइबर फ्राड हो गया है। उपरोक्त प्रकरण पर तकनीकी विषेषज्ञता के आधार पर विष्लेषण एवं मुखबिर के माध्यम से सूचना संकलित करते हुए शुक्रवार को एसटीएफ टीम द्वारा उपरोक्त संगठित गिरोह के सरगना सहित छह अभियुक्तों को विभूतिखण्ड लखनऊ से गिरफ्तार किया गया, जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई।

संतकबीरनगर का रहने वाला है गैंग का सरगना

गिरफ्तार अभियुक्तों व गैंग के सरगना अब्दुल मलिक से पूछताछ में पता चला कि अब्दुल मलिक वर्ष 2017 में संतकबीर नगर से इंटरमीडिएट करने के बाद लखनऊ में नीट की तैयारी करने के लिए आया। तीन वर्षों तक प्रयास करने पर भी वह नीट में सफल नहीं हुआ।

इसी बीच उसकी लखनऊ में कई लोगों से मित्रता हो गयी वह लखनऊ में रहने लगा। वर्ष 2022 में उसकी मुलाकात शुभम ठाकुर नामक व्यक्ति से हुई जो खुद को शेयर मार्केट का बडा ट्रेडर बताता था। शुभम ने मलिक को बताया कि उसके साथ काम करने व इनवेस्टमेंट करने पर वह रू 1 लाख पर 12 हजार रूपये प्रतिमाह की दर से फायदा देता है। फायदे के लालच में आकर मलिक द्वारा खुद से लोन लेकर लगभग 10 लाख रूपये व अपने जानने वालों के लगभग 50 लाख रूपये शुभम को ट्रेडिंग करने के लिए दिये गये।

सितम्बर-2024 में मलिक की मित्रता लखनऊ के फरहान से हुई

दो माह तक फायदा देने के बाद शुभम सारे रूपये लेकर भाग गया। कर्ज अधिक हो जाने व लोगों द्वारा अपना रूपया वापस मांगने के कारण मलिक द्वारा साइबर क्राइम कर रूपये कमाने का प्रयास किया जाने लगा। इसी क्रम में वर्ष 2024 में थाना छितवापुर में अब्दुल मलिक पर मुकदमा पंजीकृत हुआ । जिसमें मलिक व उसके गिरोह द्वारा एनजीओ के माध्यम से लगभग 15 लाख रूपये की ठगी गयी थी।

सितम्बर-2024 में मलिक की मित्रता लखनऊ के फरहान से हुई। फरहान ने मलिक को जैकी पूना व डेनियल काठमांडू नेपाल से सोशल मीडिया के माध्यम से जोडा और कम समय में साइबर क्राइम कर रूपये कमाने के लिए कार्पोरेट बैंक खातों की जानकारी व बैंक खाता धारकों को मैनेज कर उनके बैंक खातों की जानकारी साझा करने पर मोटा कमीशन देने की बात हुई। इसके बाद मलिक अपने मित्र आयुष मिश्रा, याषीन अहमद, सैयद आलिम, पुष्पेन्द्र सिंह आदि के साथ मिलकर ठगी का काम करने लगा।

खाता धारकों के साथ बैंक में रुकते थे गैंग के सदस्य फिर करते थे खेल

फील्ड से कार्पोरेट बैंक खाता धारकों को ढूढकर उनकों मोटा कमीशन का लालच देकर उनकी बैंक खाते की किट, एटीएम कार्ड, चेक बुक, रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर सिम कार्ड, इंटरनेट बैंकिग का यूजर आईडी पासवर्ड, कार्पोरेट आईडी, क्यूआर कोड आदि लेकर मलिक तक पहुंचाने का काम गैंग के अन्य सदस्य करने लगे।

गैंग के सदस्य बैंक खाता धारक के साथ होटल में रूकते थे फिर मौका पाकर उसके मोबाइल में एपीके फाइल के माध्यम से मैसेज फारवर्ड करने का साफ्टवेयर डाउनलोड कर देते थे। फिर अब्दुल मलिक, डानियल काठमांडू नेपाल, फरहान निवासी इंदिरा नगर लखनऊ जैकी निवासी पूना आदि के माध्यम से साइबर ठगी की प्रक्रिया पूरी कर पब्लिक के साथ साइबर ठगी का काम कर अवैध रूप से धन अर्जित करने लगे।

आईटी सैल्यूशन कम्पनी का टर्नओवर बढ़ाने के नाम पर की ठगी

इसी क्रम में 12 दिसम्बर 2024 को इस गिरोह द्वारा एटेक्ष इन्नोवेशन प्रा.लि. आईटी सैल्यूशन कम्पनी लखनऊ का टर्नओवर बढाने का झांसा देकर कम्पनी के आईसीआईसीआई बैंक खाता संख्या- 353005000965 को अनाधिकृत तरीके से एपीके फाइल के माध्यम से साफ्टवेयर डाउनलोड कर संचालित कर रू 47,58,968/- की साइबर ठगी की गयी।

इसके बाद इस गिरोह द्वारा जनवरी 2025 में टेलीग्राम पर निलेशस यादव बिहार के नाम की आईडी पर सम्पर्क कर इंडियन ओवरसीज बैंक का कार्पोरेट बैंक खाता किराये पर लिया गया था इसके बाद डेनियल काठमांडू नेपाल ने उस बैंक खाते को संचालित कर लगभग 1 करोड 20 लाख की साइबर ठगी की थी। जिसमें भी इस गिरोह को मोटा कमीषन मिला था।

दस कापोरेट बैंक खातों को साइबर ठगी में किया गया प्रयाेग

इस गिरोह से बरामद इलेक्ट्रानिक डिवाइसों के प्रथम दृष्टयः परीक्षण से 10 कार्पोरेट बैंक खातों की डिटेल प्राप्त हुई जिनका प्रयोग इस गिरोह द्वारा साइबर ठगी मे किया गया है- खाता संख्या- 924020049641238-UTIB0001878ए खाता संख्या – 120031505045. CNRB0005319ए खाता संख्या- 7967476832. इंडियन बैंक खाता संख्या – 42018377283SBIN0006212ए खाता संख्या- 50100430427402. HDFC0003843ए खाता संख्या – 2502422765508126. AUBL0004227 खाता संख्या- 10184252817. IDFC खाता संख्या – 40920200000645. BOB उपरोक्त बैंक खातों की जानकारी राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल NCCRP से प्राप्त करने पर ज्ञात हुआ कि उपरोक्त गिरोह के विरूद्व देश में साइबर क्राइम की 25 अन्य शिकायतें भी दर्ज हैं।

गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी की कार्रवाई तेज

गिरोह के सदस्य अब्दुल मलिक से कडाई से पूछताछ करने पर उसके द्वारा बताया गया कि आज हम लोग यहां पर एक्सिस बैंक के कार्पोरेट खाता संख्या 924020049641238 जो कि विजय कुमार पाठक का है जिसको कल से डेनियल काठमांडू नेपाल द्वारा आपरेट किया जा रहा है के माध्यम से ठगे गये रूपयों से प्राप्त कमीशन को बांटने के लिए इकट्ठा हुए थे।

इसके अतिरिक्त भी हम लोगों द्वारा कई कार्पोरेट बैंक खातों को अनाधिकृत तरीके से एक्सिस कर आपरेट किया गया हैं जिनमें डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट, इनवेस्टमेंट, टास्क फ्राड, गेमिंग, जुआ, आदि तरीकों से साइबर ठगी का रूपया आया था जिसका हम लोगों को मोटा कमीशन मिला है।अभियुक्त द्वारा दी गयी जानकारी के माध्यम से गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फारेंसिक परीक्षण कराया जोयेगा।

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण

-अब्दुल मलिक पुत्र अब्दुल बकी निवासी ग्रांम ब्रहमचारी पोस्त व थाना मेंहदावल जिला संतकबीर नगर हाल पता फ्लैट न. 103 प्रथम तल खूबसूरत अपार्टमेंट नियर डीएम कम्पाउंड लालबाग हजरतगंज लखनऊ। (सरगना) शिक्षा 12वीं।

-आयुष मिश्रा पुत्र रणविजय मिश्रा निवासी म०न० 751 उत्तरी जटेपुर थाना शाहपुर जिला गोरखपुर हाल पत्ता द्वारा चंदन सिंह फ्लैट न0 1106 डी ब्लाक सरस्वती अपार्टमेंट थाना गोमती नगर विस्तार लखनऊ। शिक्षा बीटेक ।

-याशीन अहमद उर्फ यासिर पुत्र रफीक अहमद निवासी महरानीगंज घोसियाना स्टेशन रोड गोंडा हाल पता द्वारा हैदर अब्बास 55/56 आलोक नगर कल्यानपुर थाना गुडम्बा लखनऊ। शिक्षा- 10वीं।

-सैयद आलिम हुसैन पुत्र सैयद आरिफ हुसैन निवासी मोहल्ला राधा कुंड नियर चौक थाना को० नगर गोंडा हाल पता 521 एलआईजी कालोनी नियर डीसीएम स्कूल जमालपुर थाना जमालपुर लुधियाना पंजाब। शिक्षा- बीबीए।

– पुष्पेन्द्र सिंह पुत्र स्व. बालकिशोर निवासी करकसा थाना डलमऊ जिला रायबरेली हालपता आनन्द लोक कालोनी सेमरा थाना चिनहट लखनऊ। शिक्षा- एमबीए

-विजय कुमार पाठक पुत्र संतोष कुमार पाठक निवासी ग्राम पठकौली पो० विजयीपुर थाना केराकत जिला जौनपुर हालपता- 568-ख/108 गीतापल्ली थाना आलमबाग लखनऊ। शिक्षा-पीएचडी।

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