लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से भी निष्कासित कर दिया है। इससे पहले रविवार को हुई बैठक में उन्हें सभी पदों से मुक्त किया गया था। इसके बाद आकाश आनंद की प्रतिक्रिया के बाद बसपा प्रमुख ने यह निर्णय लिया है।
कहा- ससुर के इशारों पर कर रहे थे काम
मायावती ने सोमवार दोपहर एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि रविवार को बसपा की आल-इण्डिया की बैठक में आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चाताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी। लेकिन इसके विपरीत आकाश ने जो अपनी लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है, वह उसके पछतावे व राजनीतिक परिपक्वता का नहीं, बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है।
15 महीने में दो बार उत्तराधिकारी घोषित किया, फिर हटा दिया
जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दण्डित भी करती रही हूं। बाबा साहेब डाॅ. भीमराव आम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेंट के हित में तथा कांशीराम की अनुशासन की परम्परा को निभाते हुए आकाश आनन्द को, उनके ससुर की तरह, पार्टी व मूवमेंट के हित में पार्टी से निष्कासित किया जाता है। बता दें कि आकाश मायावती के सबसे छोटे भाई के बेटे हैंं। उन्हें 15 महीने में दो बार उत्तराधिकारी घोषित किया गया लेकिन दोनों ही बार हटा दिया।
23 जून 2024 को फिर से उत्तराधिकारी बनाया
सबसे पहले दस दिसंबर 2023 को उत्तराधिकारी बनाया। सात मई 2024 को गलत बयानी की वजह से सभी जिम्मेदारियां छीन ली गई। 23 जून 2024 को फिर से उत्तराधिकारी बनाया और नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी सौंप दी लेकिन दो मार्च को उनसे सारी जिम्मेदारियां छीन लीं। तीन मार्च को उन्हें पार्टी से ही बाहर कर दिया गया।
आकाश के इसी बयान के बाद मायावती ने की कार्रवाई
बसपा के नेशनल कोआर्डिनेटर के पद से मुक्त होने के बाद सोमवार को आकाश आनंद का सोशल मीडिया पर एक पोस्ट आया है। इसमें उन्होंने कहा कि बहन जी के हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर है। मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं, उस फैसले के साथ खड़ा हूं।आकाश आनंद ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मैं बहन मायावती का कैडर हूं। उनके नेतृत्व में मैने त्याग, निष्ठा और समर्पण के कभी ना भूलने वाले सबक सीखे हैं। ये सब मेरे लिए केवल एक विचार नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य हैं।
निर्णय मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक
राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा मुझे पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का निर्णय मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक है। लेकिन साथ ही अब एक बड़ी चुनौती भी है, परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है। ऐसे कठिन समय में धैर्य और संकल्प ही सच्चे साथी होते हैं। बहुजन मिशन और मूवमेंट के एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह, मैं पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा। मैं अपनी आखिरी सांस तक अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा।
बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं
उन्होंने लिखा कि कुछ विरोधी दल के लोग ये सोच रहे हैं कि पार्टी के इस फैसले से मेरा राजनीतिक करियर समाप्त हो गया। उन्हें समझना चाहिए कि बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं, बल्कि करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की लड़ाई है। यह एक विचार है, एक आंदोलन है, जिसे दबाया नहीं जा सकता। इस मशाल को जलाए रखने और इसके लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए लाखों आकाश आनंद हमेशा तैयार हैं।