लखनऊ । काफी दिनों से यूपी के अलावा कई राज्यों में आतंक का पर्याय बना कुख्यात शूटर अनुज कन्नौजिया को एसटीएफ और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने शनिवार की रात मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। यह किसी समय मुख्तार अंसारी का शूटर था। इसी अजीबो गरीब कहानी है।

बताते है कि 17 साल की उम्र में घर छोड़कर अपराध की दुनिया में कदम रखा। इसके बाद मुख्तार अंसारी की शरण ली। यह मुख्तार के लिए काम करने लगा और मुख्तार उसे पुलिस व जेल जाने से बचाता रहा। क्षेत्र में इसका इतना खौफ था कि दुकानदार अपने साइन बोर्ड के ऊपर से डर के मारे अपना मोबाइल नंबर तक हटवा दिया था।

दिनदहाड़े होरो होंडा एजेंसी संचालक की गोली मारकर हत्या कर दी थी

बता दें कि कुख्यात बदमाश अनुज कनौजिया का मऊ जिले में एक समय में इतना आतंक था कि उसकी दहशत में दुकान के बोर्ड से लोगों ने अपने मोबाइल नंबर मिटवा दिए थे। इसका सबसे ज्यादा खौफ रानीपुर और चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के बाजारों में था।

चिरैयाकोट बाजार में होली से पहले हीरो होंडा एजेंसी संचालक की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। वर्ष 2009-10 में जिले का एक बड़ा ठेका मैनेज करने में कुछ लोग अड़चन पैदा कर रहे थे। इस पर अनुज ने एक इंजीनियर की हत्या कर दी थी। पुलिस ने अनुज और इसके साथियों को गिरफ्तार किया था, जहां उसे जिला जेल मऊ से गोरखपुर कारागार भेजा गया था।

मुख्तार अंसारी के बरसी के दूसरे दिन अनुज का हुआ एनकाउंटर

बता दें अनुज यूपी के मऊ जिला मुख्यालय से पचासी मीटर दूर गाजीपुर -आजमगढ़ बॉर्डर पर चिरैयाकोट क्षेत्र के बहलोलपुर गांव का रहने वाला था। उसके पिता हनुमान कनौजिया सरकार स्कूल में टीचर थे। अनुज किस का कुख्यात बदमाश था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 36 साल में उम्र में उसके ऊपर कुल 24 केस दर्ज है, जिसमें चार मर्डर का है। इसका एनकाउंटर मुख्तार अंसारी के बरसी के दूसरे दिन हुआ। पिछले साल 20 मार्च को जेल में मुख्तार अंसारी की मौत हो थी। मुख्तार की पहली बरसी शुक्रवार को थी।

अपराध की दुनिया में प्रकार से रखा कदम

बताते है कि इसका गांव में पटीदारों से विवाद चला आ रहा था। एक बार अनुज के भाई मनोज की पटीदार से विवाद हुआ तो उसे अधमरा करके छोड़ा। इस पूरे मामले को तूल देने में ठाकुरों का हाथ निकलकर आया तो मनोज ने बदला लेने के लिए ठाकुर परिवार से एक आदमी का मर्डर करके भाग गया। काफी दिन तक गायब रहा। बताते हैं कि पुलिस ने मनोज को पकड़कर ठाकुरों के हवाले कर दिया तो उसे इतना मारा की मौत हो गई।

पुलिस ने मनोज का एनकाउंटर दिखा दिया। अब इसके ठाकुर अनुज के पीछे लग गए तो वह बाबू साहक के परिवार के शरद सिंह की हतया करने के बाद फरार हो गया तब उसकी उम्र बताते है कि 17 थी। पुलिस से बचने के लिए मुख्तार अंसारी के पास पहुंच गए और उनके लिए काम करने लगा। इसके बाद फिर अपराध पर अपराध करता रहा। हालांकि बहुत ज्यादा दिन तक मुख्तार के साथ नहीं रहा।

पांच वर्षो से फरार चल रहा था ढाई लाख का इनामी अनुज

यूपी पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एवं एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश ने रविवार को बताया कि पांच वर्षों से फरार ढाई लाख के इनामी शूटर अनुज कन्नौजिया का एनकाउंटर हुआ है। शूटर अनुज पर मऊ, आजमगढ़ और गाजीपुर में 24 गंभीर मामले दर्ज हैं। यूपी एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने झारखंड के जमशेदपुर में शूटर अनुज की लोकेशन पाने के बाद झारखंड पुलिस की मदद से घेरेबंदी की। जिसके बाद दोनों ओर से चली गोलियों में अनुज की मौत हो गई।मुठभेड़ के दौरान दोनों आरे से 25 राउंड से अधिक गोलियां चलीं।

एसटीएफ के डिप्टी एसपी डीके शाही के हाथ में लगी गोली

मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ के अधिकारी डिप्टी एसपी डीके शाही को हाथ में गोली लगी है, जिनका उपचार कराया जा रहा है।उन्होंने बताया कि एनकाउंटर में मारा गया अनुज के संबंध मुख्तार अंसारी के गैंग से है। अंसारी गैंग के लिए शूटरों की भर्ती करना और हत्याओं की साजिश रचने को लेकर इसका नाम प्रकाश में आता रहा है।जमशेदपुर निवासी शूटर अनुज के ऊपर यूपी के भीतर हत्या, हत्या के प्रयास, लूट जैसे संगीन मामले दर्ज है। एनकाउंटर के वक्त मौके से हथियार और आपत्तिजनक चीजें मिली है।

अनुज के अवैध धंधों को संभालती है उसकी पत्नी रीना

बता दें कि शूटर अनुज कन्नौजिया की पत्नी रीना राय मऊ जेल में बंद है। उसे 5 मार्च 2023 को यूपी एसटीएफ और झारखंड पुलिस ने जमशेदपुर से ही गिरफ्तार किया था। अनुज के अवैध धंधों को उसकी पत्नी संभालती रही है। पत्नी रीना की गिरफ्तारी की छापेमारी के वक्त अनुज कनौजिया भी उसके साथ था, लेकिन पुलिस के आंख के सामने से अनुज फरार हो गया था। और तभी से यूपी एसटीएफ और झारखंड पुलिस शूटर अनुज की तलाश में थी।

अनुज कनौजिया पर कुल 24 मुकदमे दर्ज थे,मौके से हथियार बरामद

पुलिस ने मौके से हथियार अन्य सामान बरामद किया है। इस पूरे मामले की जानकारी यूपी एसटीएफ के अफसर अमिताभ यश ने दी। उन्होंने बताया कि अनुज कनौजिया पर कुल 24 मुकदमे दर्ज थे।पुलिस के मुताबिक, अनुज कनौजिया हत्या, लूट समेत कई संगीन अपराधों में लिप्त था. उस पर 24 से अधिक मुकदमे दर्ज थे।

वह काफी समय से फरार चल रहा था। जिसके चलते यूपी पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी हुई थी।मृतक अनुज कनौजिया पिछले करीब 25 वर्षों से उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बना हुआ था। पैसा लेकर भाड़े पर हत्या करने वाला, कुख्यात व दुर्दान्त अपराधी था, जिसके विरुद्ध जघन्य हत्या, लूट व हत्या के प्रयास रंगदारी वसूलने के लगभग दो दर्जन से अधिक अभियोग पंजीकृत है।

2021 में पुलिस ने इसकी चल-अचल संपत्ति किया था कुर्क

बाहुबली मुख्तार अंसारी के करीबी अनुज कनाैजिया की संपत्ति को कोर्ट के निर्देश पर 21 सितंबर 2021 को बहलोलपुर नवापुरा में चल-अचल संपत्ति को कुर्क कर लिया गया था। तत्कालीन एसपी के अनुसार, माफिया मुख्तार गैंग के खिलाफ तरवां थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें अनुज कनाैजिया ही फरार था।

वह न्यायालय में पेश नहीं हो रहा था। इस पर गैंगस्टर कोर्ट ने उसके खिलाफ कुर्की का आदेश जारी किया था। चूंकि अनुज ने तालाब की जमीन पर कब्जा करके घर बनवाया था। जिसे कुर्की के घर को बुलजोडर से ध्वस्त कराया गया था।

नये लड़कों का एक गिरोह बनाकर पैसे लेकर कराता था हत्या व लूट

उल्लेखनीय है कि अनुज कनौजिया वर्तमान में जनपद पूर्वी सिंहभूमि में रहते हुए उत्तर प्रदेश के जनपद आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, वाराणसी, बिहार व झारखण्ड में नये लड़कों का एक गिरोह बनाकर पैसे लेकर इन जनपदों में ठेके पर हत्या, लूट एवं रंगदारी टैक्स के कार्यों में प्रबन्धन का कार्य किया जाता था। यह मुख्तार अंसारी व बिहार/झारखण्ड के अन्य माफिया गिरोहों के लिए भाड़े पर हत्या करता था।

अनुज कनौजिया उपरोक्त आपराधिक गतिविधियां

1.13-06-2003 को अपने गिरोह के सदस्यों के साथ पुरानी रंजिश को लेकर थाना क्षेत्र रानीपुर, मऊ में शरद सिंह पुत्र शिवाजी सिंह की हत्या कर दिया था।

2. 21-10-2006 को अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर कृष्णपाल सिंह उर्फ गुड्डा सिंह पुत्र उमाशंकर सिंह जो कि वर्ष 2003 में थाना रानीपुर में हुई शरद की हत्या में मुख्य गवाह व मृतक के चाचा थे, कि उनके घर के सामने दिनदहाड़े हत्या किया था।

3. 20-04-2009 को थाना क्षेत्र दुल्लहपुर में मनोज वर्मा की गोली मारकर हत्या किया था।

4. 29-08-2009 को थाना क्षेत्र कोतवाली मऊ में अपने साथियों के साथ मिलकर मऊ निवासी मन्ना सिंह व उनके साथी राजेश राय की एके-47 से गोली मारकर निर्मम हत्या किया था।

5. 19-03-2010 को थाना दक्षिण टोला जनपद मऊ क्षेत्रान्तर्गत मऊ के चर्चित मन्ना सिंह हत्याकाण्ड के गवाह राम सिंह मौर्य पुत्र रूप चन्द मौर्य निवासी फलेपुर, थाना रानीपुर, जनपद मऊ व उसकी सुरक्षा में चल रहे आरक्षी सतीश कुमार की गोली मारकर हत्या किया था।

6. 06-02-2014 को मुख्तार अंसारी के इशारे पर अपने गिरोह के साथ आजमगढ़ के थाना क्षेत्र तरवों में एराकला गाँव में ठेकेदार राजेश सिंह पर खचलित हथियारों से अन्धाधुन्ध फायरिंग करके जानलेवा हमला किया गया था जिसमें एक मजदूर रामइकबाल की मृत्यु हो गयी थी एवं पाँचू नाम का एक मजदूर घायल हो गया था।

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