लखनऊ । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद अंशल ग्रुप पर एक के बाद एक एफआईआर दर्ज की जा रही है। हजरतगंज और सुशांत गोल्फ सिटी में अब तक अंशल ग्रुप पर कुल 18 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। इन सभी मामलों में पीड़ितों द्वारा जाल साजी और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।

सीएम की साकारात्मक टिप्पणी से आवंटियों में जगी आश

जानकारी के लिए बता दें कि पांच दिनों के भीतर अंसल के विरूद्ध लखनऊ के थाना सुशांत गोल्फ सिटी में चौदह एफआईआर एवं थाना हजरतगंज में चार एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।अंसल ग्रुप के संबंध में अलीगंज सेक्टर-एच निवासी पुष्पलता बाजपेई ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साकारात्मक टिप्पणी से उनकी आशा जग गयी है। उन्हें विश्वास है कि 14 वर्षो के बाद अब उन्हें उनके प्लाट पर कब्जा मिलेगा। वर्ष 2011 में उन्होंने तेरह लाख एक्कीस हजार रूपये प्लाट के लिए अंसल ग्रुप को जमा करायी थी।

सीएम के टिप्पणी के बाद अब उन्हें धनराशि वापस ​मिलने की उम्मीद

सुशांत गोल्फ सिटी थाने में एफआईआर दर्ज कराने वाले ओमैक्स सिटी निवासी कैलाश चंद्र का कहना है कि अंसल ग्रुप के एजेंट ने उनसे सम्पर्क किया था। उन्होंने बारी बारी से प्लाट की धनराशि दी थी। प्लाट के पूरे रूपये देने के बाद भी उनके हाथ प्लाट नहीं आया और ना ही कोई कागज ही आ सका। मुख्यमंत्री के टिप्पणी के बाद अब उन्हें धनराशि वापस ​मिलने की उम्मीद जगी है।उधर समूचे घटनाक्रम में अंसल ग्रुप का नाम एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में गूंजने लगा है।

अंसल के खिलाफ अवंटी तहरीर लेकर पहुंच रहे थाने

तीन वर्षो पहले अंसल ग्रुप की जांच कर रहे ईडी के अधिकारियों के हटने के बाद मामले की फाइल दब गयी थी। अभी फिर से ज्वाइंट कमिश्नर स्तर के एक अधिकारी मामले की फाइल को बाहर निकाल कर जांच में जुट गये हैं।शासन की सख्ती के बाद अंसल बिल्डर पर शिकंजा कसता जा रहा है। अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ तमाम निवेशक और आवंटी तहरीर लेकर थानों में पहुंचने लगे हैं।

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