लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन मंगलवार काे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष, विशेष रूप से समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ाएगी और जब सरकार आम जनता के बच्चों को बेहतर सुविधाएं देने की बात करती है तो ये लोग उर्दू थोपने की वकालत करने लगते हैं। आरोप लगाया कि सपा देश को कठमुल्लापन की ओर ले जाना चाहती है, जो कतई स्वीकार्य नहीं होगा।

विधान सभा में लागू नई व्यवस्था के बारे में सदन को जानकारी दी

राज्यपाल के अभिभाषण के बाद दोपहर 12:30 बजे विधान सभा की कार्यवाही शुरू हुई। पीठ से विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विधान सभा में लागू नई व्यवस्था के बारे में सदन को जानकारी दी। उन्हाेंने बताया कि इस व्यवस्था के तहत अब सदन की कार्यवाही को हिन्दी के अलावा भोजपुरी, अवधी, ब्रज, बुंदेली के साथ ही अंग्रेजी में भी सुना जा सकेगा। सदन के अंदर लगे माइक में चैनल बदल कर सदन के सदस्य भी अपनी बोली-भाषा में कार्यवाही सुन सकते हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने अपनी सीट पर खड़े होकर विरोध जताया।

बड़ी मशक्कत के बाद इस सदन से अंग्रेजी को हटाया गया था

उन्होंने कहा कि बड़ी मशक्कत के बाद इस सदन से अंग्रेजी को हटाया गया था। हमारा विरोध अन्य भाषाओं से नहीं है, हमारा विरोध अंग्रेजी से है। अंग्रेजी को अगर ला रहे हैं तो उर्दू को भी लाया जाए।इस पर सदन के नेता व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की स्थानीय बोलियों-भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को विधानसभा की कार्यवाही में स्थान देने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इन बोलियों को हिंदी की उपभाषाएं मानते हुए सरकार इनके संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। योगी ने कहा कि हमारी सरकार इन भाषाओं के लिए अलग-अलग अकादमियों का गठन कर रही है, ताकि ये समृद्ध हों।

समाज के हर वर्ग की आवाज को यहां स्थान मिलना चाहिए

ये हिंदी की बेटियां हैं और इन्हें उचित सम्मान मिलना चाहिए। यह सदन केवल विद्वानों के लिए नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग की आवाज को यहां स्थान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी का विरोध कर रहे हैं, वे दरअसल उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के विरोधी हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा कि इनका चरित्र ही दोहरा हो चुका है।नेता सदन ने कहा कि ब्रजभाषा इतनी समृद्ध है कि संत सूरदास ने इसी भाषा में अपनी रचनाएं दीं।

संत तुलसीदास जी ने अवधी में रामचरितमानस की रचना की

इसी तरह, संत तुलसीदास जी ने अवधी में रामचरितमानस की रचना की, जो न केवल उत्तर भारत बल्कि प्रवासी भारतीयों के लिए भी संकट काल में संबल बनी। जो लोग आज भोजपुरी, अवधी और ब्रज भाषा का विरोध कर रहे हैं, वे दरअसल भारत की सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं के विरोधी हैं। यह काफी दुखद है कि जब इन भाषाओं को सम्मान दिया जा रहा है, तब कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।योगी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी का स्वभाव ही यह बन चुका है कि वे हर अच्छे कार्य का विरोध करेंगी।

हर सकारात्मक कदम का विरोध करते

आप लोग प्रदेश और देश के हित में किए जाने वाले हर सकारात्मक कदम का विरोध करते हैं। यह नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा सचिवालय ने जब स्थानीय भाषाओं को मान्यता दी तो समाजवादी पार्टी ने इसका भी विरोध किया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सपा का यह दोहरा रवैया जनता को समझ में आ रहा है और उन्हें समाज के सामने एक्सपोज किया जाना चाहिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इन भाषाओं को सम्मान दिलाने के लिए भोजपुरी अकादमी, अवधी अकादमी और ब्रज अकादमी की स्थापना की जा रही है।

सुरेश खन्ना ने कहा कि हम अंग्रेजी को थोप नहीं

यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी मातृभाषाओं को सहेजें और उन्हें आगे बढ़ाएं। विपक्ष का यह विरोध बताता है कि वे न केवल विकास के विरोधी हैं, बल्कि हमारी संस्कृति के भी विरोधी हैं। ये लोग अपने बच्चों को इंग्लिश स्कूल में पढ़ाएंगे और दूसरे के बच्चे के लिए अगर वह सुविधा सरकार देना चाहती है तो कहते हैं कि नहीं इन्हें उर्दू पढ़ाओ इसको। यानि ये बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं। देश को कठमुल्लापन की ओर ले जाना चाहते हैं। यह नहीं चल सकता है।वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि हम अंग्रेजी को थोप नहीं रहे हैं।

कुछ संशोधन विधेयक पटल पर रखे गए

यह विकल्प के रूप में है। अगर हमारे यहां के लोग विदेश में हैं। वह अंग्रेजी में ही सदन की कार्यवाही देखना चाहते हैं तो वे देख सकेंगे। इस कदम से विधान सभा का और विधान सभा की कार्यवाही का विस्तार होगा। इसलिए इसका विरोध उचित नहीं है। इसके बाद कुछ संशोधन विधेयक पटल पर रखे गए और अन्य कार्य सम्पादित किया गया। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही बुधवार की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

चंद्रभानु पासवान भी इस सदन की कार्यवाही में शामिल हुए

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विधान सभा अध्यक्ष से अयोध्या की मिल्कीपुर विधान सभा सीट से उपचुनाव जीत कर आए भारतीय जनता पार्टी के विधायक चंद्रभानु पासवान को शपथ दिलाने का आग्रह किया। इस पर विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अयोध्या जिले के मिल्कीपुर विधानसभा सीट से भारी मतों से जीत दर्ज करने वाले चंद्रभानु पासवान को विधान सभा सदस्यता की शपथ दिलाई। इसके उपरांत चंद्रभानु पासवान भी इस सदन की कार्यवाही में शामिल हुए।

राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही विपक्षी सदस्य वेल में पहुंचे, हंगामा

उत्तर प्रदेश विधान सभा के बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के अभिभाषण के साथ पूर्वाह्न 11 बजे हो गयी। राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के विधायक वेल में पहुंचे गए। राज्यपाल वापस जाओ.. गो बैक…के नारे लगाने लगे। राज्यपाल का अभिभाषण जारी रहा और सपा विधायक नारेबाजी करते रहे। इसी हंगामे के बीच राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ा। राज्यपाल के संयुक्त सदन को संबोधित करने के बाद अब सदन की कार्यवाही दोपहर 12:20 बजे से शुरू होगी। सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के उपरांत औपचारिक कार्य अध्यादेशों अधिसूचनाओं नियमों आदि सदन के पटल पर रखा जाएगा।

20 फरवरी को योगी सरकार 2025-26 का बजट प्रस्तुत करेगी

दूसरे दिन 19 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी। विधाई कार्य भी किए जाएंगे।20 फरवरी को योगी आदित्यनाथ सरकार 2025-26 का बजट प्रस्तुत करेगी। बजट प्रस्तुत करने के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा चलेगी। 21 फरवरी को भी राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा एवं विधाई कार्य पूरे किए जाएंगे। वहीं 22 और 23 को सदन की बैठक नहीं होगी।इसके बाद 24 और 25 फरवरी को बजट पर चर्चा होगी। 26 को महाशिवरात्रि के अवसर पर विधानसभा सदन की कार्यवाही स्थगित रहेगी। 27 और 28 फरवरी को बजट पर चर्चा चलेगी। इसके बाद एक और दो मार्च को बैठक नहीं होगी।

विधान भवन में चौधरी चरण की प्रतिमा के समक्ष सपा विधायक धरने पर बैठे

यूपी विधानसभा बजट सत्र आरंभ होने से पहले विधान भवन स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष समाजवादी पार्टी के विधायकों ने धरना शुरू किया। कुंभ में मौनी अमावस्या को हुई भगदड़ के दौरान मौत को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के विधायक मौत के सही आंकड़े की मांग मांग कर रहे हैं। सरकार के खिलाफ विभिन्न तरह के पोस्टरों के साथ धरने पर बैठे समाजवादी पार्टी के विधायकों की नारेबाजी जारी है।

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