लखनऊ/प्रयागराज ।मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार गुरुवार को स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल भी पहुंचे, जहां बुधवार को मौनी अमावस्या अमृत स्नान के दौरान संगम नोज पर घटी घटना के घायलों को भर्ती कराया गया है। यहां मुख्य सचिव और डीजीपी ने घायलों से मुलाकात की और उनका हाल जाना।

इलाज में किसी तरह की कमी नहीं रखने के भी निर्देश दिए

प्रदेश के दोनों शीर्ष अधिकारी एक-एक घायल के पास गए और उन्हें मिल रहे उपचार के विषय में जानकारी ली। साथ ही उन्होंने डॉक्टर्स को इलाज में किसी तरह की कमी नहीं रखने के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप अस्पताल में घायल तीर्थयात्रियों का समुचित इलाज किया जा रहा है और पूरा प्रशासन उनकी देखरेख में जुटा हुआ है।

समुचित चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही: मुख्य सचिव

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में भर्ती सभी श्रद्धालुओं को समुचित चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है। अस्पताल प्रशासन पूरी तत्परता से सभी मरीजों की देखभाल कर रहा है। मरीजों के साथ आए परिजनों और श्रद्धालुओं के लिए भी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। सभी मरीजों के परिवारजनों को सूचना दे दी गई है और अधिकांश परिजन अस्पताल पहुंच चुके हैं।

कोई भी मरीज गंभीर स्थिति में नहीं

राहत की बात यह है कि कोई भी मरीज गंभीर स्थिति में नहीं है। हालांकि, कुछ मरीजों को फ्रैक्चर जैसी चोटें आई हैं, जिनके पूर्ण रूप से स्वस्थ होने में 3 से 4 सप्ताह तक का समय लग सकता है। सरकार एवं अस्पताल प्रशासन मरीजों की देखभाल के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और हरसंभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

मुख्य सचिव व डीजीपी ने घटनास्थल का किया दौरा

मौनी अमावस्या पर संगम नोज पर हुई भगदड़ की जांच करने के लिए मुख्य सचिव मनोज कुमार और डीजीपी प्रशांत कुमार घटनास्थल पर पहुंचे हैं। उनके साथ बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद है। दोनों अधिकारियों ने संगम तट पर पहुंचकर भगदड़ वाले स्थान का जायजा लिया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। मौनी अमावस्या पर अनियंत्रित भीड़ के दबाव से बैरिकेडिंग टूट जाने के बाद संगम नोज पर रात्रि एक से दो बजे के बीच भगदड़ मच गई।

भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की जा चुकी है जान

इसमें दम घुटने से 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और जबकि 60 लोग घायल हो गए। घायलों को इन्हें मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। जिसमें 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। महाकुंभ स्नान पर्व पर भीड़ का दबाव बढ़ने पर बैरिकेंडिंग टूट गई थी। इसके बाद लोग तेजी से आगे बढ़ने लगे, इस दौरान ब्रह्म मुर्हुत पर स्नान करने के इंतजार में बैठे श्रद्धालुओं के ऊपर से भीड़ का रेला गुजर गया। इसमें 90 घायल श्रद्धालुओं को एंबलुेंस से मेडिकल कालेज ले जाया गया। इसमें 30 की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मृतकों में गुजरात के एक , कर्नाटका के चार, असम के एक श्रद्धालु शामिल हैं। घायलों में कुछ को लेकर उनके परिजन घर चले गए। अभी 36 घायलों का इलाज मेडिकल कालेज में चल रहा है। स्थिति अब सामान्य है।

महाकुंभ हादसे पर गठित न्यायिक आयोग ने शुरू किया कार्य

महाकुंभ हादसे पर न्यायिक आयोग ने गुरुवार को कार्य शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ हादसे की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा की थी। न्यायिक आयोग का कार्यालय लखनऊ के में 10 जनपद में स्थापित किया गया है। उल्लेखनीय है कि महाकुम्भ हादसे को लेकर बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री ने हादसे की न्यायिक जांच के आदेश देते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था।

आयोग का लखनऊ के 10 जनपथ में खोला गया कार्यालय

इस आयोग के अध्यक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार हैं। जबकि पूर्व डीजीपी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह को बतौर सदस्य आयोग में शामिल किया गया है। यह आयोग एक समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट देगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया था कि पुलिस भी मामले की जांच करेगी और हादसे के कारणों की गहराई से पड़ताल की जाएगी। यह जानकारी सरकार की तरफ से दी गयी है। यह भी बताया गया है कि पत्रकार भी आयोग के कार्यालय आ सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा महाकुंभ में भगदड़ का मामला

प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ से हुई मौतों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वकील विशाल तिवारी ने याचिका दायर कर महाकुंभ में हुई भगदड़ पर स्टेट्स रिपोर्ट और भगदड़ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। याचिका में प्रयागराज कुंभ मेला क्षेत्र में सभी राज्यों के सुविधा सेंटर खोलने की मांग की गई है, जिससे गैर हिन्दी भाषी लोगों को कोई असुविधा न हो।

याचिका में वीआईपी मूवमेंट पर उठाया गया सवाल

याचिका में वीआईपी मूवमेंट पर सवाल उठते हुए मांग की गई है कि ऐसे आयोजनों में वीआईपी मूवमेंट सीमित किया जाए, जिससे अधिक से अधिक जगह का आम लोगों के लिए उपयोग में लाया जा सके। याचिका में बड़े धार्मिक आयोजनों में भगदड़ से बचने और लोगों को सही जानकारी दिए जाने के लिए देश की प्रमुख भाषाओं में डिस्पले बोर्ड लगाने, मोबाइल, व्हाट्सएप पर राज्यों को अपने तीर्थयात्रियों को जानकारी दिए जाने की मांग की गई है।

महाकुम्भ के सेक्टर 22 में लगी आग, कई पांडाल जले

महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर 22 में आग लगने की सूचना आ रही है। सूत्रों की मानें तो आग की चपेट में कई पांडाल आ गए हैं। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच कर काबू पाने की कोशिश कर रही है। प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। खबर लिखे जाने तक किसी भी प्रकार के जनहानि की सूचना नहीं है।

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