महाकुम्भ नगर/लखनऊ । महाकुम्भ 2025 के प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किया गया है। मेला क्षेत्र के चप्पे पर सुरक्षा के लिए एजेंसियां सक्रिय है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुंभ राजेश द्विवेदी कहना है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु लगातार आ रहें है। घाट भरे हुए हैं और स्नान शांतिपूर्ण चल रहा है। हम मेला क्षेत्र में सक्रिय सीसीटीवी कैमरे से नजर रखें हुए है। हर चीज पर कड़ी निगरानी की जा रही है।दूसरी तरफ पौष पूर्णिमा के अवसर पर डीजीपी प्रशान्त कुमार द्वारा पुलिस मुख्यालय, गोमतीनगर विस्तार स्थित नियंत्रण कक्ष से शाही स्नान की मानीटरिंग की गयी।
सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए
संगम की रेती पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए है। श्रद्धालुओं के आगमन एवं स्नान के बाद प्रस्थान मार्ग पर सभी मार्गो पर पुलिस बल एवं पीएसी तैनात की गई है। इसके साथ ही त्रिवेणी में बने सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हर पल गंगा में तैनात जल पुलिस के जवान गहरे पानी में जाने से लगातार आगाह कर रहें है।
सक्रियता के साथ काम कर रहा है खोया पाया केन्द्र
पौष पूर्णिमा का स्नान शुरू होने के बाद से लगातार सीसीटीवी कैमरे से निगरानी जारी है। श्रद्धालुओं की समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है। अपनों से बिछड़ने वाले श्रद्धालुओं को उनके परिजनों तक पहुंचाने के लिए खोया पाया केंद्र के कर्मचारी अपने कार्य में लगे हुए है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सक्रिय है सभी एजेंसियां
कुम्भ मेला एसएसपी कहना है कि सुरक्षा से संबंधित एलआइयू, एटीएस, एसटीएफ, पीएसी, घुड़सवार पुलिस, एनएसजी कमांडो, घाटो पर सादे वेश में भी पुलिसकर्मी हर पल की खबरे ले रहें है। महिला पुलिसकर्मी भी वर्दी व बेदर्दी में सक्रिय है। महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा को लेकर सक्रियता से काम कर रही है।
संगम में डुबकी लगाने के बाद क्या करनाा चाहिए?
पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ महाकुम्भ पर्व की शुरूआत हो गयी। घने कोहरे और ठण्ड के बीच ब्रह्म मुहूर्त में श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। पौष पूर्णिमा स्नान पर्व से ही महाकुंभ में पवित्र कल्पवास की शुरुआत होगी।महाकुम्भ की पल-पल की जानकारी के लिए पुलिस मुख्यालय में चौबीस घंटे नियंत्रण कक्ष के माध्यम से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है। इसी के तहत डीजीपी ने कुछ देर बैठक कर पौष पूर्णिमा पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

डुबकी लगाने के बाद दो बेहद शुभ काम करना चाहिए
आचार्यों के अनुसार, महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद दो बेहद शुभ काम करना चाहिए। महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद आपको किसी न किसी प्राचीन मंदिर के दर्शन करना चाहिए। आप लेटे हुए हनुमान जी, नागवासुकी या फिर किसी भी धार्मिक और प्राचीन मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। इन मंदिरों में दर्शन करने के साथ ही वहां का प्रसाद भी ग्रहण करना चाहिए। माना जाता है कुंभ में डुबकी लगाने के बाद मंदिरों का दर्शन करने पर ही आपकी यात्रा पूरी होती है। महाकुंभ की डुबकी और उसके बाद मंदिर का दर्शन करके सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलेगा।
पूर्णिमा को स्नान-दान का विशेष महत्व वर्णित
पूर्णिमा को स्नान दान का विशेष महत्वआचार्य अवधेश मिश्र शास्त्री के अनुसार, धर्मशास्त्रों में पौष माह की पूर्णिमा को स्नान-दान का विशेष महत्व वर्णित है, जो व्यक्ति पूरे माघ मास के लिए स्नान का व्रत धारण करते हैं वह अपने स्नान का प्रारंभ पौष पूर्णिमा से शुरू कर माघी पूर्णिमा को समापन करते हैं। इस दिन स्नान के पश्चात मधुसूदन भगवान की पूजा-आराधना कर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयत्न किया जाता है, जिससे मधुसूदन की कृपा से मृत्योपरान्त भक्त को स्वर्ग में स्थान मिल सके, ऐसी धार्मिक मान्यताएं हैं।
महाकुम्भ के पवित्र स्नान
13 जनवरी (सोमवार)- स्नान, पौष पूर्णिमा
14 जनवरी (मंगलवार)- अमृत स्नान (शाही स्नान), मकर सक्रांति
29 जनवरी (बुधवार)- अमृत स्नान (शाही स्नान), मौनी अमावस्या
3 फरवरी (सोमवार)- अमृत स्नान (शाही स्नान), बसंत पंचमी
12 फरवरी (बुधवार)- स्नान, माघी पूर्णिमा
26 फरवरी (बुधवार)- स्नान, महाशिवरात्रि