प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरुवार को सम्भल हिंसा के लिए वहां के डीएम और एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी करने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर याची की ओर से किसी के उपस्थित न होने के कारण सुनवाई नहीं हुई। कोर्ट ने कहा कि रिवाइज्ड लिस्ट में भी याची की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं है जबकि राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता उपस्थित हैं। इसलिए जनहित याचिका को सामान्य प्रक्रिया के तहत सूचीबद्ध किया जाए।

डीएम, एसपी पर एफआईआर और गिरफ्तारी की मांग

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति कमर हसन रिजवी की खंडपीठ ने दिया है। हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से दाखिल याचिका में सम्भल में हिंसा की घटना के लिए वहां के डीएम और एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी तत्काल गिरफ्तारी की भी मांग की गई है।

आरोप, अधिकारी हिंसा में हुई मौतों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार

आरोप लगाया गया है कि ये अधिकारी हिंसा में हुई मौतों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। याचिका में विशेष रूप से पुलिस फायरिंग की घटना का उल्लेख किया गया है, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। याची का कहना है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। याची ने हाईकोर्ट से दखल देकर न्याय सुनिश्चित करने की मांग की है।

जांच टीम को जियारत के पास दो और मिले कारतूस व खोखे

जामा मस्जिद सर्वे के बाद हुई हिंसा में पाकिस्तान और अमेरिका के कारतूसों के इस्तेमाल की पुिष्ट के बाद पुलिस और जांच टीमें उन हथियारों की तलाश में जुटी हैं, जिनसे इन्हें चलाया गया। इस बीच बृहस्पतिवार को जांच टीम को कोटगर्वी स्थित नीम वाली जियारत के पास दो कारतूस और दो खोखे मिले हैं। इनमें एक कारतूस और एक खोखा अमेरिका निर्मित 7.65 एमएम का है। यह इलाका जामा मस्जिद से बमुश्किल 500 मीटर दूर है। उधर, जुमे नमाज और छह दिसंबर को लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट है। जामा मस्जिद के पास और शहर में जगह-जगह पुलिस, पीएसी, आरएएफ व आरआरएफ तैनात कर दी है।

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