संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले के हयातनगर स्थित सरायतरीन इलाके में मंगलवार को एक और बंद मंदिर मिला। यह इलाका भी मुस्लिम बहुल है। जिला प्रशासन और राजस्व विभाग की टीम मौके पर मौजूद है। स्थानीय लोगों का कहना है​ कि यहां पर 30-40 ​हिन्दू परिवार रहते थे, लेकिन दंगे के बाद यहां से पलायन कर गए थे।

खग्गू सराय इलाके में 14 दिसंबर को जो शिव मंदिर मिला था

वहीं, जिले के खग्गू सराय इलाके में 14 दिसंबर को जो शिव मंदिर मिला था, उसके बगल वाले मकान का छज्जा तोड़ा जा रहा है। मकान मालिक एक मुस्लिम हैं और वे इसे खुद तुड़वा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मकान का यह हिस्सा मंदिर को ढक रहा था। यह देखकर बहुत बुरा लग रहा था इसलिए खुद ही अवैध हिस्से को तुड़वा रहे हैं।

अपनी मर्जी से मकान की छत के एक हिस्से को गिरवा रहे

मकान मालिक मतीन ने कहा कि वे बिना किसी के दबाव में आए अपनी मर्जी से मकान की छत के एक हिस्से को गिरवा रहे हैं। मंदिर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। मंदिर के लिए जो भी जरूरी होगा हम करेंगे। इसमें किसी का कोई दबाव नहीं है। मतीन के बड़े भाई अकील ने कहा कि हम खुद ही अतिक्रमण हटा रहे हैं। प्रशासन से हमारा समझौता हो गया है। मंदिर के आसपास अतिक्रमण देखकर हमें भी बुरा लग रहा है। मकान का 3.5 मीटर अतिक्रमण तोड़ा जा रहा है

प्रशासन को 46 साल बाद एक मकान में शिव मंदिर मिला

हाल ही में संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने इलाके में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है। इसी दौरान 14 दिसंबर को प्रशासन को 46 साल बाद एक मकान में शिव मंदिर मिला। मंदिर की साफ-सफाई के बाद पूजा-अर्चना भी शुरू हो गई। दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मंदिर के आसपास अतिक्रमण के खिलाफ पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। प्रशासन की सख्ती के बाद कुछ लोग खुद ही अवैध निर्माण को तोड़ रहे हैं।

दंगों में विष्णु शरण की दुकान भी जला दी गई थी

शिव मंदिर में दर्शन करने आए बुजुर्ग विष्णु शरण रस्तोगी ने कहा कि यह मंदिर रस्तोगी समाज का है। वर्ष 1978 के दंगे के बाद 40 से 45 रस्तोगी परिवार मोहल्ले से चले गए थे। दंगों में विष्णु शरण की दुकान भी जला दी गई थी। उनका घर मंदिर के पास ही था। डर के कारण यहां कोई पूजा करने नहीं आया। 46 साल बाद खुले शिव मंदिर में दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर यहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। मंदिर के पुजारी शशिकांत शुक्ला ने बताया कि मंगलवार होने के कारण यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे हैं। हनुमान जी का शृंगार किया गया है।

अब वाराणसी के मुस्लिम बहुल इलाके में मिला प्राचीन शिव मंदिर

उत्तर प्रदेश के संभल जिले के बाद अब वाराणसी के मुस्लिम बहुल इलाके मदनपुरा में 250 साल पुराना एक शिव मंदिर मिला है। मंदिर में पूजा-पाठ भी नहीं होता है। कई वर्षों से ताला बंद है। सोशल मीडिया पर मंदिर की तस्वीर वायरल होते ही मंगलवार को हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए। मंदिर के बाहर महिला कार्यकर्ताओं के शंखनाद से वहां भीड़ जुट गई। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची। नगर के संवेदनशील इलाके में मंदिर मिलने पर पुलिस बल के साथ खुफिया तंत्र भी चौकस हो गया।

शिव मंदिर में पिछले 10 सालों से ताला बंद

स्थानीय निवासियों के अनुसार मदनपुरा के मकान नंबर डी-31 के पास स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर में पिछले 10 सालों से ताला बंद है। हिंदू संगठनों ने पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर मंदिर को फिर से खोलने की मांग की है। दावा किया है कि इस मंदिर का उल्लेख काशी खंड में भी है। इस मंदिर पर मालिकाना हक किसका है और ताला किसने बंद कराया, पुलिस जांच में जुटी हुई है।

महिलाओं ने कहा कि यह कोई विवाद का विषय नहीं

मौके पर मौजूद महिलाओं ने कहा कि यह कोई विवाद का विषय नहीं है। यहां मंदिर है और इसे खुलना चाहिए, जिससे पूजा- पाठ शुरू हो सके। सनातन रक्षक दल के सदस्यों ने इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप करने और मंदिर का ताला खुलवाने की मांग की है। क्षेत्रीय लोगों के अनुसार मंदिर को लेकर सोशल मीडिया में पोस्ट साझा की गई। तब जाकर लोगों को इसके बारे में जानकारी हुई।

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