प्रयागराज । यूपी लोक सेवा आयोग प्रयागराज में चार दिनो से चल रहे छात्रों के प्रदर्शन के तीसरे दिन देर रात छात्रों ने निकाली थी कैडिंल मार्च गुरुवार को चौथे दिन दोपहर में छात्रों और पुलिस के बीच झड़प भी देखने को मिली । देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद प्रतियोगी छात्रों की मांग आयोग ने मान ली । लोक सेवा आयोग ने प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं की मांग को स्वीकृति दे दी है। यूपीपीएससी की PCS प्री और RO/ARO की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है और नई जानकारी के अनुसार पीसीएस 2024, की परीक्षा एक शिफ्ट में लेने का निर्णय लिया गया है।
कब से चल रहा था प्रोटेस्ट
UP लोक सेवा आयोग की ढिलाई और बार-बार परीक्षा प्रणालियों में बदलाव किए जाने के कारण 11 नवंबर को हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने प्रयागराज की सड़कों पर यूपीपीएससी के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया। उत्तर प्रदेश के कई जिलों से छात्र-छात्राओं ने इस प्रदर्शन में अपनी भागीदारी दर्ज की। प्रदर्शनकारियों को कई बार हिंसा का सामना भी करना पड़ा, लेकिन वह अपनी जगह पर कायम रहे। नतीजा यह कि यूपीपीएससी ने प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग को मानते हुए ‘वन शिफ्ट वन डे’ के निर्णय पर मुहर लगा दी है।
पीसीएस प्री के लिए मानी गई मांग
निर्णय के अनुसार वन डे वन शिफ्ट के निर्णय को केवल पीसीएस प्री एग्जाम के लिए ही माना गया है। आरओ, एआरओ की परीक्षा के लिए निर्णय अभी भी स्थगित है। उच्च स्तरीय कमेटी के गठन के बाद ही इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
7 एवं 8 दिसंबर को होने वाली परीक्षा स्थगित
UP लोक सेवा आयोग ने छात्रों के आंदोलन पर घुटने टेक दिए. आयोग ने छात्रों की वनडे वन शिफ्ट की मांग को स्वीकार कर लिया है। बृहस्पतिवार को प्रदर्शनकारियों मे आक्रोश बढ़ने के कारण आयोग को यह फैसला लेना पड़ा। आयोग में जिलाधिकारी, कमिश्नर, समेत तमाम अधिकारी की बैठक के बाद छात्रों के पक्ष में यह निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त 7 व 8 दिसंबर 2024 को होने वाली पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा 2024 को स्थगित करने का ऐलान किया गया है।
आयोग का फैसला, एक ही दिन होगी पीसीएस (प्रा.) परीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री की पहल पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने आगामी पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2024 को एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला किया है। इस निर्णय से प्रतियोगी परीक्षा देने वाले लाखों छात्रों को राहत मिली है।
छात्रों के हित में सीएम योगी की पहल
पिछले कुछ दिनों से पीसीएस और अन्य चयन परीक्षाओं को लेकर छात्रों के बीच असंतोष की स्थिति थी। छात्रों की मांग थी कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एकाधिक पालियों में कराने के बजाय एक ही दिन में संपन्न कराया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की इन मांगों का संज्ञान लेते हुए आयोग को निर्देश दिया कि वह छात्रों के साथ संवाद स्थापित कर आवश्यक निर्णय ले। आयोग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर छात्रों से संवाद किया और उनकी मांगों पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 पूर्व की भांति एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।
आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए समिति का गठन
मुख्यमंत्री की पहल पर यूपीपीएससी ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 को स्थगित करते हुए उसकी पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी, जिससे इन परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जा सके।
चयन परीक्षाओं की पारदर्शिता पर विशेष ध्यान
आयोग के सचिव ने बताया कि हाल के महीनों में देश के कई हिस्सों में पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने चयन परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इसी कारण, आयोग ने दिसंबर में प्रस्तावित पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाओं को एकाधिक पालियों में आयोजित करने की घोषणा की थी। हालांकि, छात्रों की मांग और मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।
छात्रों को मिलेगा फायदा
इस फैसले से लाखों छात्र जो इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने से छात्रों को परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का भरोसा मिलेगा। साथ ही, आयोग द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट से भविष्य में होने वाली परीक्षाओं की शुचिता को और अधिक मजबूती मिलेगी। इस फैसले के बाद छात्रों में खुशी की लहर है ।
चुनाव में हार ही भाजपा का असली इलाज : अखिलेश
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, भाजपा सरकार को चुनावी गणित समझ आते ही जब अपनी हार सामने दिखाई दी तो वो पीछे तो हटी पर उसका घमंड बीच में आ गया है, इसीलिए वो आधी मांग ही मान रही है। अभ्यर्थियों की जीत होगी। ये आज के समझदार युवा है, सरकार इन्हें झुनझुना नहीं पकड़ा सकती। जब एक परीक्षा हो सकती है तो दूसरी क्यों नहीं। चुनाव में हार ही भाजपा का असली इलाज है। जब भाजपा जाएगी तब नौकरी आएगी।