लखनऊ/नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने संभल के ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि वो जामा मस्जिद विवाद मामले पर तब तक कोई कार्रवाई नहीं करें जब तक इलाहाबाद हाई कोर्ट कोई निर्देश न दे दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष सर्वे के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जा सकते हैं। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ट्रायल कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का पालन करेगा।
एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट को सील कवर रखने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से शांति और सद्भाव बनाए रखने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट को सील कवर रखने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि ये रिपोर्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं की जाए। सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने देश भर में ऐसे कई मुकदमों पर सवाल उठाया। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर अलग से सुनवाई चल रही है, इस मामले को वहीं रखा जाएगा।
निचली अदालत ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था
संभल जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर निचली अदालत के सर्वे के आदेश को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि यह असाधारण मामला है इसलिए कोर्ट की ओर से असाधारण कदम उठाया जाए। मस्जिद कमेटी ने निचली अदालत के फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग की थी। निचली अदालत ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें कुछ लोग मारे गए थे।
कोर्ट ने जताई नाराजगी
कोर्ट ने कहा कि जिस जल्दबाजी में मामले पर ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई की और सर्वे के आदेश दिए गए, उससे स्थानीय लोगों के मन में शक हुआ, जिसकी वजह से वे घरों से बाहर निकले। रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने उन पर फायरिंग की, जिससे मासूम लोगों की जान गई और कई घायल हुए। मस्जिद समिति की तरफ से वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी अदालत में पेश हुए। वहीं प्रतिवादी पक्ष की तरफ से वकील विष्णु शंकर अदालत में पेश हुए।