लखनऊ/संभल । यूपी के संभल में मजिस्द के सर्वे को लेकर हिंसा भड़क गई जिसमें चार की जान चली गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए संभल में स्कूल-कालेज व इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। साथ ही पूरे संभल को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। रविवार की सुबह साढ़े सात बजे का समय था। जामा मस्जिद के आसपास के मोहल्लों में चहलकदमी कम थी। अधिकांश लोग घरों में थे। इसी दौरान किसी ने अफवाह फैला दी कि सर्वे करने वाली टीम मस्जिद के अंदर खोदाई कर रही है।

लोग मस्जिद के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों से भिड़ गए

इसके बाद भीड़ जुटने लगी और देखते ही देखते लोग मस्जिद के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों से भिड़ गए। फवाह की चिंगारी ऐसी भड़की कि हजारों की संख्या में लोग जामा मस्जिद के बाहर जुट गए। साढ़े आठ बजे तक भीड़ बेकाबू हो गई और मस्जिद में घुसने का प्रयास करने लगी। पुलिस टीम ने भीड़ को रोका तो लोगों ने मस्जिद को घेर लिया और पथराव शुरू कर दिया। सड़क के साथ ही घरों की छतों से पुलिस पर पत्थर बरसने लगे। पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।

तनाव को देखते हुए संभल में इंटरनेट सेवा बंद

पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद भी भीड़ नियंत्रित नहीं हो सकी। लोगों का कहना है कि पुलिस की ओर से भी फायरिंग की गई। करीब नौ बजे पुलिस ने घेराबंदी कर सर्वे टीम को मस्जिद से बाहर निकालकर थाने तक सुरक्षित पहुंचा दिया। सूचना पर शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के थानों और दूसरे जनपदों की फोर्स भी बुला ली गई।हिंसक हुई भीड़ ने सीओ की गाड़ी समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी और आग लगा दी। इसी बीच फायरिंग भी शुरू हो गई।

बवाल में घिरकर चार लोगों की मौत हो गई

पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। बवाल में घिरकर चार लोगों की मौत हो गई। कई अधिकारियों समेत दर्जनों लोग घायल हुए हैं। तनाव को देखते हुए संभल में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। करीब दस बजे पुलिस पथराव करने वालों को खदेड़ने में कामयाब हो पाई।

पथराव और फायरिंग के बीच तीन लोगों की जान चली गई। संभल एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई समेत कई पुलिसकर्मी और अन्य लोग घायल हो गए। घटना के बाद पूरे शहर में सन्नाटा पसर गया। जामा मस्जिद के बाहर मामला शांत होने के बाद भी शहर के अन्य हिस्सों में हंगामा और पथराव की घटनाएं सामने आईं। इसके कारण शहर के सभी बाजार बंद हो गए। देर रात तक शहर की सड़कों पर पुलिस के वाहन ही दौड़ते नजर आए।

भीड़ ने सीओ की गाड़ी समेत कई वाहनों में तोड़फोड़

संभल शहर की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दाखिल वाद के आधार पर सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर की टीम पहुंची तो संभल में बवाल हो गया। रविवार सुबह अचानक टीम के आने पर जुटी भीड़ मस्जिद में दाखिल होने कोशिश करने लगी। रोकने पर पुलिस पर पथराव कर दिया।

हिंसक हुई भीड़ ने सीओ की गाड़ी समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी और आग लगा दी। इसी बीच फायरिंग भी शुरू हो गई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। बवाल में घिरकर पांच लोगों की मौत हो गई। कई अधिकारियों समेत दर्जनों लोग घायल हुए हैं। तनाव को देखते हुए संभल में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।

करीब दो घंटे तक वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई थी

हिंदू पक्ष ने संभल के चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दावा पेश किया है। हिंदू पक्ष का कहना है कि मंदिर पृथ्वीराज चौहान के शासन से पहले बना था, जबकि मस्जिद मुगलकाल में मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद टीले पर बनी है। किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई है।

19 नवंबर को हिंदू पक्ष द्वारा दावा पेश करने के दिन ही न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया। उसी दिन कोर्ट कमिश्नर ने मस्जिद पहुंचकर सर्वे भी किया था। करीब दो घंटे तक वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई थी। कोर्ट कमिश्नर 29 नवंबर को न्यायालय में रिपोर्ट पेश करेंगे। सर्वे के बाद से जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। जुमे की नमाज के दौरान शहर को छावनी में तब्दील कर दिया था, जिससे शांतिपूर्वक नमाज अदा हुई। रविवार की सुबह कोर्ट कमिश्नर दोबारा सर्वे करने पहुंचे तो बवाल शुरू हो गया।

उपद्रवियों की फायरिंग में ही तीन लोगों की माैत हो गई: एसपी

बवाल के दाैरान पुलिस ने गोली नहीं चलाई। उपद्रवियों द्वारा पुलिस पर की गई फायरिंग में ही तीन लोगों की जान गई है। दो लोगों के शरीर में गोली लगने के निशान मिले हैं। गोली उनके शरीर से पार निकल गई। वहीं तीसरे मृतक के शरीर में 315 बोर की गोली मिली है।

यह कहना है संभल के एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई का।एसपी ने बताया कि पुलिस ने उपद्रवियों को काबू करने के लिए पहले आंसू गैस के गोले छोड़े और जब भीड़ नियंत्रित नहीं हुई तो रबर बुलेट चलाई गईं। वहीं उपद्रवियों ने पुलिस पर फायरिंग की। उपद्रवियों की फायरिंग में ही तीन लोगों की माैत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है।एसपी ने बताया कि जहां-जहां उपद्रवियों ने बवाल किया है वहां की सीसीटीवी फुटेज चेक कराई जा रही है। 21 उपद्रवी हिरासत में लिए गए हैं। अन्य को चिह्नित किया जा रहा है। सभी को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

एएसपी, एसडीएम और सीओ के अलावा 16 पुलिसकर्मी घायल हो गए

जामा मस्जिद प्रकरण को लेकर रविवार को संभल में हुई हिंसा में घायल गुन्नौर थाने में तैनात कांस्टेबल आशीष वर्मा की हालत नाजुक है। छर्रे व पत्थर लगने से एएसपी, एसडीएम और सीओ के अलावा 16 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसमें कुछ को गंभीर चोट आई है। सभी का जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया।

जिला अस्पताल प्रशासन के अनुसार पथराव व फायरिंग में एएसपी संभल उत्तरी श्रीशचंद्र, एसडीएम रमेश बाबू, सीओ संभल अनुज चौधरी, इंस्पेक्टर कुढ़फतेहगढ़ राधेश्याम शर्मा, थानाध्यक्ष रजपुरा हरीश कुमार, थानाध्यक्ष कैलादेवी राजीव कुमार मलिक, कैलादेवी थाने में तैनात कांस्टेबल नितिन सिरोहा, संभल कोतवाली में तैनात कांस्टेबल कपिल कुमार, सचिन कुमार, एसपी के पीआरओ दरोगा संजीव कुमार, संभल कोतवाली में तैनात अनुज कुमार तोमर, शेर सिंह, चंदौसी कोर्ट में तैनात कांस्टेबल विनीत कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक ऑफिस में तैनात कांस्टेबल सोनवीर सिंह, सौरभ प्रताप, यशपाल सिंह, नवदीप सिंह, दीपक कुमार घायल हुए हैं। गंभीर रूप से घायल गुन्नौर थाने में तैनात कांस्टेबल आशीष वर्मा को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया है। उनकी हालत नाजुक बनी है।

अचानक सर्वे करने टीम पहुंच गई तो गुस्सा भड़क गया

पथराव-फायरिंग में पुलिस ही नहीं, सैकड़ों उपद्रवी भी घायल हुए हैं। हालांकि, गिरफ्तारी के डर से सभी चोरी-छिपे इलाज कर रहे हैं। घायल लोग कहां और कैसे इलाज करा रहे हैं, पुलिस इसकी तलाश कर रही है। एएसपी श्रीशचंद्र ने बताया कि दो घायल ही मेडिकल कराने जिला अस्पताल पहुंचे थे।

जो लोग चोरी-छिपे इलाज करा रहे हैं। उनका पता लगाया जा रहा है।पिछले पांच दिनों से चल रहे घटनाक्रम को लेकर लोगों में रोष बढ़ता गया, जिसे जिले के अधिकारी भांप नहीं पाए। रविवार को अचानक सर्वे करने टीम पहुंच गई तो गुस्सा भड़क गया ।

करीब डेढ़ घंटे तक चले पथराव में गलियां ईंट-पत्थरों से पट गईं

पिछले पांच दिनों से चल रहे घटनाक्रम को लेकर लोगों में रोष बढ़ता गया, जिसे जिले के अधिकारी भांप नहीं पाए। रविवार को अचानक सर्वे करने टीम पहुंच गई तो गुस्सा भड़क गया ।पिछले पांच दिनों से संभल में जामा मस्जिद सर्वे को लेकर विवाद चल रहा था। नेता बयानबाजी भी कर रहे थे।

जिले से लेकर मंडल मुख्यालय तक का सूचना तंत्र भी फेल

पुलिस लोगों को मुचलकों में पाबंद भी कर रही थी, लेकिन बवाल को भांपने में अधिकारी नहीं बल्कि जिले से लेकर मंडल मुख्यालय तक का सूचना तंत्र भी फेल हो गया। रविवार जैसे बवाल का कोई इनपुट नहीं मिला था।करीब डेढ़ घंटे तक चले पथराव में गलियां ईंट-पत्थरों से पट गईं। हालात नियंत्रित होने के बाद पुलिस ने नगर पालिका की टीम बुलवाई और गलियों से ईंट-पत्थर हटवाने के साथ ही क्षतिग्रस्त वाहनों को मौके से हटवाकर थाने भिजवाया। तब जाकर जामा मस्जिद के आसपास की सड़कें साफ हुईं।

दावा : बाबरनामा से पता चलता है हरिहर मंदिर था

हिंदू पक्ष का कहना है कि मंदिर पृथ्वीराज चौहान के शासन से पहले बना था, जबकि मस्जिद मुगलकाल में मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। इस मामले में सिविल जज के कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन मुख्य याचिकाकर्ता हैं। उनकी याचिका पर ही कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर से सर्वे कराने का आदेश दिया है। वहीं, हिंदू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा ने कहा कि इस मामले में उन्होंने कोर्ट में बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी का संदर्भ दिया है, जिनसे साफ होता है कि वहां हरिहर मंदिर था।

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