लखनऊ। उत्तर प्रदेश में काम न करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की अब खैर नहीं है। योगी सरकार ने लखीमपुर खीरी में खेत की पैमाइश लटकाए रखने पर एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। खीरी में तैनात रहे कई आईएएस अधिकारी अपर आयुक्त लखनऊ मंडल घनश्याम सिंह, बाराबंकी में तैनात एडीएम अरुण सिंह, झाँसी में तैनात पीएसएस विधेश सिंह और बुलंदशहर में तैनात एसडीएम रेनू सस्पेंड।

ये प्रकरण 6 वर्षों से लंबित था

इन अधिकारियों पर जमीन नापने में टालमटोल करने का आरोप है। ये प्रकरण 6 वर्षों से लंबित था। उस अवधि में जितने भी अधिकारी तैनात थे, सबके विरुद्ध कार्रवाई हुई है।वर्तमान में वे अलग-अलग जिलों में तैनात थे। इन तीनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।

शासन ने आईएएस अधिकारी व अपर आयुक्त लखनऊ मंडल धनश्याम सिंह को निलंबित कर दिया है। पीसीएस अधिकारियों में बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह, बुलंदशहर की एसडीएम रेनु को निलंबित किया गया है।इन चारों अधिकारियों ने लखीमपुर खीरी में अपनी तैनाती के दौरान एक नेता की जमीन पैमाइश के मामलों में टालमटोल की।

भूमि की पैमाइश के लिए घूस में 5000 रुपये लिए गए

यहां बता दें कि लखीमपुर खीरी के सदर भाजपा विधायक योगेश वर्मा का 24 अक्तूबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वह स्कूटी पर बैठकर कलक्ट्रेट परिसर गए और बीच सड़क पर एसडीएम से लेकर कानूनगो की शिकायत करते हुए नजर आए। इस वीडियो में विधायक कह रहे थे कि सेवानिवृत्त शिक्षक विश्वेश्वर दयाल की भूमि की पैमाइश के लिए घूस में 5000 रुपये लिए गए। इस घूस की रकम को वापस किया जाए।

डीएम ने अपनी रिपोर्ट में चारों अफसरों को ठहराया दोषी

इस मामले में तत्काल उच्चस्तर से जांच के आदेश दिए गए। नियुक्ति विभाग ने लखीमपुर खीरी के डीएम से इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी थी। इसमें यह पूछा कि छह साल पहले यानी वर्ष 2019 के बाद कौन-कौन उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसील वहां तैनात रहे। उन्होंने पैमाइश के मामले में क्या कार्रवाई की। डीएम से मिली रिपोर्ट के आधार पर इन चारों अफसरों को दोषी पाया गया है।

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