लखनऊ। ईको पर्यटन सत्र 6 नवंबर से प्रारंभ होगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। सत्र 2024-25 में लखीमपुर के दक्षिणी खीरी वन प्रभाग में महेशपुर (मोहम्मदी) ईको टूरिज्म व बफर प्रभाग में भीरा पर्यटन सर्किट का भी शुभारंभ किया जा रहा है। वहीं पर्यटकों की सहूलियत को देखते हुए दुधवा टाइगर रिजर्व में मंगलवार को होने वाला अवकाश समाप्त कर दिया गया है। अब पर्यटक वहां सातों दिन घूम सकेंगे।

पर्यटकों की सुविधा के मद्देनजर नेचर गाइड भी तैनात किए गए

पर्यटकों की सुविधा के मद्देनजर नेचर गाइड भी तैनात किए गए हैं। योगी सरकार की तरफ से मिल रही सुविधाओं व सुरक्षित वातावरण के कारण ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन दुधवा टाइगर रिजर्व, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व व रानीपुर टाइगर रिजर्व में साल दर साल पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है। बुधवार को योगी सरकार के वन व पर्यावरण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना कतर्नियाघाट, बहराइच से पर्यटन सत्र का शुभारंभ करेंगे।

योगी सरकार का निर्णय- शुल्क नहीं, सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी

वन, पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने पारिजात सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए यूपी में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। योगी सरकार ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष पर्यटन शुल्क नहीं बढ़ाया जाएगा, लेकिन सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। वन मंत्री ने बताया कि दुधवा में मंगलवार को होने वाला साप्ताहिक अवकाश भी समाप्त कर दिया गया है।

इससे सातों दिन यहां प्रकृति का आनंद उठा सकेंगे। वहीं पर्यटकों के लिए 30 आतिथ्य कार्यकर्ता (हॉस्पिटैलिटी स्टॉफ) को प्रशिक्षित किया गया है। इन्हें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट के माध्यम से हाउसकीपिंग व कुकिंग संबंधी प्रशिक्षण दिया गया है। वहीं ईको टूरिज्म बोर्ड की सहायता से दुधवा, कतर्नियाघाट, पीलीभीत व रानीपुर में नेचर गाइड का प्रशिक्षण भी कराया गया है। इन्हें द नेचर स्कूल बेंगलुरु के प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षण दिया है।

प्रदेश के सभी ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन पर कार्यक्रम का होगा आयोजन

प्रदेश के सभी ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन में इसका आयोजन किया जाएगा। इसका उद्देश्य आमजन को ईको पर्यटन का आनंद उठाने के लिए प्रेरित करना है। योगी सरकार के निर्देश पर इसमें प्रदेश सरकार के मंत्री, जनप्रतिनिधि आदि भी मौजूद रहेंगे। दुधवा, पीलीभीत, अमानगढ़ व रानीपुर टाइगर रिजर्व, कतर्नियाघाट, वन्य जीव बिहार, सोहेलवा वन्य जीव विहार, कैमूर वन्य जीव विहार, शहीद चंद्रशेखर आजाद पक्षी विहार नवाबगंज, सांडी पक्षी विहार हरदोई, लाख पक्षी विहार कन्नौज, महावीर स्वामी वन्य जीव विहार ललितपुर, चंद्रप्रभाग वन्य जीव विहार चंदौली, ओखला पक्षी विहार गौतमबुद्धनगर, रपड़ी ईको टूरिज्म सेंटर फिरोजाबाद आदि में भी आयोजन होगा।

दुधवा जाने के लिए सड़क और रेल मार्ग दोनों की सुविधा

दुधवा टाइगर रिजर्व उत्तर प्रदेश में एक संरक्षित क्षेत्र है जो मुख्य रूप से लखीमपुर खीरी और बहराइच जिलों में फैला है और इसमें दुधवा राष्ट्रीय उद्यान , किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य और कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं। यह 1,284.3 किमी 2 (495.9 वर्ग मील) के क्षेत्र को कवर करता है ।दुधवा टाइगर रिजर्व रेल और सड़क दोनों से सुलभ है। पूर्वोत्तर रेलवे की दुधवा शाखा-लाइन दुधवा/पलिया को लखनऊ, बरेली और गोंडा से जोड़ती है। दुधवा रेलवे स्टेशन पार्क के ठीक बीच में है जो दुधवा में पर्यटक परिसर से लगभग 4 किमी दूर है।

सड़क :

दिल्ली-मुरादाबाद-बरेली-पीलीभीत (या शाहजहाँपुर)-खुटार-मैलानी-पलिया-दुधवा (430 किमी)।

शाहजहाँपुर-पुवायाँ-खुटार-मैलानी-पलिया-दुधवा (लगभग 107 किमी)

बरेली-पीलीभीत-पूरनपुर-खुटार-मैलानी-पलिया-दुधवा (लगभग 178 किमी)

रेल :दिल्ली-मुरादाबाद-बरेली-शाहजहांपुर (एनआर 301 किमी) और फिर सड़क मार्ग से दुधवा (107 किमी)।

लखनऊ से :लखनऊ सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। कई एयरलाइन्स भारत के प्रमुख शहरों से लखनऊ के लिए कई उड़ानें संचालित करती हैं। भारत के बाहर, 35 किलोमीटर की दूरी पर नेपाल सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है।

सड़क :

लखनऊ-सीतापुर-लखीमपुर-गोला-खुटार-मैलानी-पलिया-दुधवा (248 किमी)।

लखनऊ-सीतापुर-लखीमपुर-बिजुआ-भीरा-मैलानी-पलिया-दुधवा (219 किमी)।

रेल:

निकटतम रेलवे स्टेशन दुधवा (4 किमी), पलिया (10 किमी) और मैलानी (37 किमी) हैं, हालांकि सबसे सुविधाजनक तरीका लखनऊ जाकर सड़क या रेल द्वारा दुधवा पहुंचना है।

लखनऊ-सीतापुर-लखीमपुर-गोला-मैलानी-पलिया-दुधवा (एनईआर) (लगभग 270 किमी)

प्रमुख शहरों से दूरी

लखनऊ: 238 किमी

दिल्ली: 410 किमी

मुंबई: 1277

बैंगलोर: 1697

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