संजीव सिंह, बलिया। अयोध्या और काशी की तर्ज पर महर्षि भृगु और उनके शिष्य दर्दर मुनि की तपोस्थली बलिया में भी दीपोत्सव होगा। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा के शिवरामपुर घाट पर 21 हजार दीप जलाए जाएंगे जो एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक पहल होगी।मुख्य राजस्व अधिकारी त्रिभुवन ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्नान 14 नवम्बर की रात से शुरू होकर 15 नवम्बर तक होगा। इसी दौरान मुख्य स्नान घाट पर 21 हजार दीपक जलाए जाएंगे।

भृगु मन्दिर में श्रद्धालुओं द्वारा किया जाता है दर्शन पूजन

गौरतलब है कि बलिया में गंगा नदी के घाटों पर लाखों की संख्या में स्नानार्थी गंगा नदी में स्नान करने आते हैं और महर्षि भृगुमुनि व उनके शिष्य दर्दरमुनि व बालेश्वर नाथ मन्दिर में दर्शन-पूजन करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा मुख्य स्नान पर्व के दिन गंगा नदी के श्रीरामपुर घाट एवं महावीर घाट को मुख्य रुप से उपयोग में लाया जाता है।

गंगा नदी में मुख्य स्नान की पूर्व संध्या से ही नगर बलिया के स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं का आना प्रारम्भ हो जाता है। मुख्य स्नान के पश्चात् बालेश्वर मन्दिर एवं भृगु मन्दिर में श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन पूजन किया जाता है। जिसके कारण सबसे अधिक भीड़ भृगु मन्दिर पर होती है।

मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

मुख्य स्नान के दिन से ही प्रसिद्ध ऐतिहासिक ददरी मेला क्षेत्र में मीना बाजार प्रारम्भ हो जाता है। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन, झूला एवं तरह-तरह की दुकानें लगायी जाती हैं। मेला क्षेत्र के साथ-साथ पूरे नगर क्षेत्र में अपेक्षाकृत अधिक चहल-पहल रहती है। कोई अप्रिय घटना घटित न होने पाये इसके लिए कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर 14 नवम्बर की रात व 15 नवम्बर दोपहर को मुख्य स्नान पर्व को सकुशल सम्पन्न कराने एवं शांति व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए ग्यारह सेक्टर मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गयी है। जो अपने-अपने सेक्टर में चक्रमण करते रहेंगे।

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