लखनऊ/झांसी। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में लगी आग के मामले में नवजातों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को तीन और नवजात शिशुओं की मौत की खबर ने लोगों को असहज कर दिया। बताया जा रहा है कि अब अग्निकांड में मृत नवजातों की संख्या 15 तक जा पहुंची है। हालांकि मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने बच्चों की मौत का कारण जलने से नहीं वरन अन्य बीमारी से बताया है।
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र (एसएनसीयू) में 5 दिन पूर्व शुक्रवार की रात करीब साढ़े 10 बजे भीषण आग लग गई थी। घटना में 10 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि, एक बच्चे ने रविवार को दम तोड़ दिया था। उसके बाद सोमवार को एक और बच्चे की मौत हो गई थी। बुधवार को 3 और नवजातों की मौत बताई जा रही है।
मेडिकल प्राचार्य बोले,जलने से नहीं अन्य कारणों से हुई मौत
इस मामले में जानकारी देते हुए मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. एनएस सेंगर ने बताया कि पूजा,काजल और लक्ष्मी के शिशुओं की मौत हो गई है। इनकी मौत जलने से नहीं बल्कि अन्य बीमारी से हुई है। किसी की बीमारी तो किसी की संक्रमण के चलते मौत हुई है।घटना के समय वार्ड में 49 बच्चे भर्ती थे, जिनमें से 39 बच्चों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया था।
अब मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। वहीं बीते रोज शासन की टीम से मिलने पहुंचे सांसद अनुराग शर्मा ने लापरवाहों पर कार्रवाई कराने का आश्वासन देते हुए जनता को आश्वस्त किया था कि यदि प्रशासन ने दोषियों को बचाने की कोशिश की तो वह मामले को 25 नवंबर से शुरू होने जा रहे संसद सत्र में उठाएंगे।
रिपोर्ट में जताई जा चुकी थी अनहोनी की आशंका, नहीं चेते जिम्मेदार
विद्युत सुरक्षा विभाग ने जून की ऑडिट रिपोर्ट में अनहोनी की आशंका जताकर खामियां जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। ऑडिट में कई जगह प्रतिबंधित एल्युमिनियम तार मिले। कई जगह कॉपर वायर के इंसुलेशन कमजोर मिले। पैनल भी मानक के अनुसार नहीं मिले। ट्रांसफार्मरों से लेकर वार्ड, ओपीडी आदि कई खामियां मिली थीं। यह रिपोर्ट जिला प्रशासन के साथ-साथ कॉलेज प्राचार्य को भी भेजी गई मगर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।
मेडिकल कॉलेज की एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट) में शुक्रवार की रात करीब साढ़े 10 बजे शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे एक्सटेंशन कॉर्ड में आग लगी। बुझाने से पहले ही आग नजदीक के वेंटिलेटर तक पहुंच गई। कुछ ही देर में आग विकराल हो गई और 10 नवजात शिशुओं की जलकर मौत हो गई।