लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव का शंखनाद हो चुका है। चुनाव आयोग ने 13 नवंबर को मतदान की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपचुनाव को लेकर एक्शन मोड में हैं। इसे लेकर सीएम आवास पर एक अहम बैठक हुई है। बैठक में सभी 9 सीटों को जीतने के प्लान पर रणनीति तैयार की गयी। जिन-जिन जिलों में चुनाव होने हैं, वहां के प्रभारी मंत्रियों को इस बैठक में बुलाया गया है। मुख्यमंत्री ने टीम-30 को उपचुनाव में सभी 9 सीटें जीतने का टारगेट दिया है।
एनडीए और आईएनडीआई अलायंस के बीच सीधी टक्कर
2024 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद ये विधानसभा उपचुनाव भाजपा के लिए साख की लड़ाई बन गया है। लोकसभा चुनाव की तरह ही इस बार फिर एनडीए और आईएनडीआई अलायंस के बीच सीधी टक्कर है। सपा ने 7 प्रत्याशी उतारे हैं। कांग्रेस को दो मिली है। मिल्कीपुर सीट पर अभी मतदान के तारीख की घोषणा नहीं हुई है। सपा ने पहले से मिल्कीपुर से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है।
मुख्यमंत्री योगी खुद संभाल रहे कमान
विधानसभा उपचुनाव की कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद संभाल रहे हैं। मुख्यमंत्री एक-एक सीट पर प्लान सेट कर रहे हैं। आज की बैठक में जिन जिलों में चुनाव होने हैं, वहांके प्रभारी मंत्री, जिला अध्यक्ष, संगठन के पदाधिकारियों के साथ मिलकर एक-एक बूथ को मजबूत करने पर मंथन किया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी प्रभारी मंत्री संगठन के साथ सामंजस्य बनाकर अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूती से कार्य करें। सरकार के कामकाज को जन-जन तक पहुंचाएं ही नहीं बल्कि उसकी खूब चर्चा कराएं। ऐसा माहौल बनाया जाए जिससे जनता को यह भरोसा बने कि भाजपा ही उनकी हमदर्द पार्टी है।
मिल्कीपुर सीट पर अभी फैसला नहीं
आपको बता दें कि जिन 10 सीटों पर चुनाव होने हैं उसमें 5 सीट सपा और 5 एनडीए गठबंधन के पास थी। भाजपा के खाते में 3 सीट थी। एक आरएलडी के पास थी और एक निषाद पार्टी के पास थी। कटेहरी, करहल, सीसामऊ, कुंदरकी सीट सपा ने 2022 में जीती थी। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट भी सपा के खाते में थी। जिस पर अभी मतदान के तारीख घोषणा नहीं हुई है।