लखनऊ। एसटीएफ यूपी को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर बाघ के दांतों की तस्करी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को बाघ के पांच दांत व दो पंजे (अन्तराष्ट्रीय बाजार मूल्य 20 लाख रूपये अनुमानित) के साथ गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम दीनदयाल पुत्र रामचरण निवासी भैरमपुर थाना सिगाही जनपद लखीमपुर खीरी, सतीश पुत्र परशुराम निवासी भैरमपुर थाना सिंगाही जनपद लखीमपुर खीरी है। इसमें गैंग का लीडर दीनदयाल है।
काफी दिनों से इनकी तलाश कर रही थी एसटीएफ
एसटीएफ को विगत काफी समय से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बाघ के दांतो व पंजो की तस्करी करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचनायें प्राप्त हो रहीं थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया।
जिसके अनुपालन में अब्दुल कादिर, अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ फील्ड इकाई, बरेली के पर्यवेक्षण में उ.नि. राशिद अली, मु.आ. संदीप कुमार, मु.आ. कुशांक, आ. संजय यादव, मु.आ. कमाण्डो खान मोहम्मद व आ.चालक अतुल कुमार फील्ड इकाई बरेली की एक टीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ करते हुये अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया।
लखीमपुर खीरी से दो व्यक्तियों को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
अभिसूचना संकलन के दौरान विश्वसनीय स्रोत के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि 02 व्यक्ति निघासन- पलिया मार्ग निकट ग्राम बोझवा जनपद लखीमपुर खीरी पर बाप के दाँतो व पंजो की खरीद फरोख्त कर रहे है। इस सूचना पर विश्वास कर क्षेत्रीय वन अधिकारी श्री विनय कुमार को अवगत कराते हुए क्षेत्रीय वन अधिकारी व वन्य जीव अपराध नियंत्रक ब्यूरो नई दिल्ली के टीम को साथ लेकर निघासन-पलिया मार्ग निकट ग्राम बोझवा जनपद लखीमपुर खीरी से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।
वन्यजीवो का वध करके उनके अंगों की करते हैं तस्करी
अभियुक्तों ने पूंछताछ में बताया कि उनका एक गिरोह है, जो वन्यजीवो का वध करके उनके अंगो की तस्करी करता है। इस गिरोह का सरगना दीनदयाल उपरोक्त है। लखीमपुर के जंगलो में जानवरों का बध करने वाले व्यक्तियों से संपर्क करके उनसे जानवरों के अंग (दांत, नाखून आदि) खरीदते है और उनकी ऊँचे दामो में सप्लाई करते हैं।गिरफ्तार अभियुक्तो के विरूद्ध उत्तर खीरी प्रभाग बफर जोन की पलिया रेंज पर रेंज केस संख्या-01/2024-25 धारा 9/51 (1C), 48ए/51(1C), 49बी/51(1C), डब्ल्यू० एल०पी० एक्ट 1972 व भारतीय वन अधिनियम की धारा 26 के अन्तर्गत पंजीकृत कराया गया। अग्रिम विधिक कार्यवाही उत्तर खीरी प्रभाग बफर जोन की पलिया रेंज द्वारा की जायेगी।