लखनऊ। यूपी के बहराइच जिले के महाराजगंज में रविवार को हुई रामगोपाल मिश्रा की हत्या के आरोप में फरार चल रहे दो आरोपितों की गुरुवार दोपहर पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गई। इस दौरान गोलीबारी में दोनों आरोपित घायल हो गए, जिन्हें गंभीरावस्था में बहराइच जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनकी पहचान मुख्य आरोपित रिंकू उर्फ सरफराज और तालिब के रूप में हुई है। सरफराज मुख्य आरोपित अब्दुल हमीद का बेटा है और ये भी आरोपित है।
सरफराज और तालिब के पैरों में लगी है गोली
पुलिस के अनुसार नानपारा कोतवाली के बाईपास पर हुई मुठभेड़ के दौरान सरफराज और तालिब के पैरों में गोली लगी है। इन्हें उपचार के लिए नानपारा सीएचसी में ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बहराइच जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया। जहां उन्हें भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया गया है।
सीएचसी में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बताया कि सरफराज और तालिब को अपराह्न 2.35 बजे घायलावस्था में यहां लाया गया। एक आरोपित के बाएं और दूसरे के दाएं पैर में गोली लगी थी। फिलहाल गोली अंदर ही फंसी हुई है। उनकी गंभीर हालत के देखते हुए उन्हें आगे के उपचार के लिए बहराइच जिला अस्पताल भेजा गया है।
मुख्य आरोपित समेत कुल पांच लोगों किया गिरफ्तार
यूपी एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश ने कहा, थोड़ी देर के लिए गोलीबारी हुई, जिसमें सरफराज और मोहम्मद तालिब घायल हो गए हैं। मामले में मुख्य आरोपित समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बहराइच में जिस मकान मालिक अब्दुल हमीद पर राम गोपाल मिश्रा पर गोली चलाने का आरोप है, उसकी बेटी रुखसार ने आरोप लगाया है कि बुधवार को चार बजे उसके पिता अब्दुल हमीद, उसके दो भाई सरफराज, फहीम और उनके साथ एक अन्य युवक को यूपी एसटीएफ ने उठाया था। उसके पति और देवर पहले ही पुलिस हिरासत में थे। किसी भी थाने से उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।
दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुआ था बवाल
रुखसार ने इनके एनकाउंटर किये जाने की आशंका जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने परिजनों की सुरक्षा की अपील की थी। ज्ञातव्य है कि बहराइच के महाराजगंज में रविवार शाम को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए बवाल में राम गोपाल मिश्रा नाम के युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने जिले में जमकर उत्पात मचाया। मंगलवार और बुधवार को जिले में तनावपूर्ण शांति रही। गुरुवार को महाराजगंज इलाके में भी इंटरनेट बहाल कर दिया गया।
नानपारा क्षेत्र में आरोपियों ने पुलिस पर की फायरिंग
अभियुक्तों की पहचान मोहम्मद फहीम, मोहम्मद तालीम उर्फ सबलू, मोहम्मद सरफराज, अब्दुल हमीद और मोहम्मद अफजल के रूप में हुई है। अभियुक्त सरफराज, तालीम की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी के लिए पुलिस गुरुवार दोपहर को लेकर भारत-नेपाल बार्डर के पास नानपारा क्षेत्र पहुंची। इनके द्वारा रखे गये लोडेड हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी गयी। आत्मरक्षार्थ पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें दोनों घायल हो गये। इन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सभी आरोपितों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी:एसपी
एसपी ने बताया कि अन्य अभियुक्तों की तलाश में हमारी टीमें लगी हुई हैं। सभी आरोपितों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार गोली लगने से रामगोपाल की मृत्यु हुई है। उससे जुड़ी जो भी खबरें आ रही हैं, वह भ्रामक हैं। वहीं, सीएचसी के डॉक्टर ने बताया कि घायल अवस्था में सरफराज और तालीम नाम के युवकों को पुलिस यहां लेकर आयी थी। एक के दाएं और दूसरे के बाएं पैर में गोली लगी है। उन्हें इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
बहराइच हिंसा का खुलासा,आरोपी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में थे
महराजगंज कस्बे में रेहुवा निवासी रामगोपाल मिश्रा की निर्मम हत्या के बाद भी हत्यारोपियों के मंसूबे खतरनाक थे। तभी तो उन्होंने हत्या में प्रयुक्त बंदूक को लोड कर छिपाया था। उसके साथ एक अन्य अवैध असलहा भी रखा था, ताकि जरूरत पड़ने पर वह फिर से दहशत फैला सकें। इसका प्रमाण भी उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दे दिया। पुलिस के अनुसार महराजगंज में रविवार को जो हुआ वह सुनियोजित था। मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद की छत पर पत्थर व ईंटें रखी थीं। कांच की बोतल भी मिली थीं।
बोले पिता व पत्नी, खुशी मिली लेकिन अभी संतोष नहीं
रामगोपाल मिश्रा की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद व उसके बेटों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं, पुलिस पर फायरिंग के बाद सरफराज व तालीम घायल भी हुए। इसके बाद भी रेहुवा के ग्रामीण व मृतक के पिता व पत्नी संतुष्ट नहीं हैं। बातचीत में पिता कैलाश नाथ व पत्नी रोली ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई से खुशी तो मिली, लेकिन पूरी संतुष्टि नहीं मिली।
बेटे की हत्या करने वालों का पूरा एनकाउंटर होना चाहिए था। हत्यारोपियों ने हत्या में प्रयुक्त बंदूक के साथ एक अवैध असलहा भी छिपाया था। जो कहीं न कहीं हत्यारोपियों के मंसुबे दिखाता है। आरोपी कहीं न कहीं घटना के बाद भी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। वहीं कुछ ग्रामीणों का यह भी कहना है कि हत्यारोपी मामला ठंडा होने के बाद एक बार फिर दहशतगर्दी फैलाना चाहते थे।
शांति के बावजूद दहशत बकरार, घरों से अब भी लोग नहीं निकल रहे बाहर
महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में प्रतिमा विसर्जन के दाैरान रविवार को शुरू हुई हिंसा की आग तो शांत हो गई। लेकिन, पांच दिन बाद भी यहां हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाए हैं। कस्बे में बृहस्पतिवार को कुछ चहलकदमी जरूर नजर आई, पर अधिकतर लोग घरों में ही कैद रहे।
यहां तक कि स्थानीय निवासी भी घटना पर करने से बचते रहे।महराजगंज गांव में बृहस्पतिवार सुबह कुछ घरों के बाहर दोनों समुदायों के लोग बैठे नजर आए। लेकिन उन्होंने बवाल वाले दिन के बारे में कोई भी बात करने से साफ इन्कार कर दिया। ग्रामीणों के अनुसार, अधिकतर लोग इस वजह से भी घर से बाहर नहीं निकल रहे कि कहीं पुलिस उन्हें भी गिरफ्तार न कर ले। कस्बे के लोग हिंसा को याद कर अब भी सिहर उठते हैं।