चंडीगढ़। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने इतिहास रच दिया है। भाजपा ने प्रदेश की 90 सीटों में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। तमाम दावों तथा एग्जिट पोल रिपोर्ट के बावजूद कांग्रेस सत्ता तक नहीं पहुंच पाई है। अब अगले पांच साल फिर से कांग्रेस को विपक्ष में बैठना पड़ेगा। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों के लिए बीती पांच अक्टूबर को मतदान हुआ था। भारतीय जनता पार्टी ने 89 तथा कांग्रेस ने 89 सीटों पर चुनाव लड़ा था।

भाजपा को 48, कांग्रेस को 37, इनेलो को दो, निर्दलीय को तीन पर मिली जीत

यह पहला मौका था जब प्रदेश की ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधी टक्कर थी। मंगलवार की सुबह राज्य के 90 हलकों के लिए बनाए गए 93 मतगणना केंद्रों मतगणना कार्य मंगलवार की सुबह आठ बजे शुरू हुआ। पोस्टल बैलट की गणना में कांग्रेस ने 70 सीटों पर बढ़त बनाई। इसके बाद जब ईवीएम खुलीं और ज्यादातर हलकों में दूसरे चरण की मतगणना के बाद दृश्य बदलता चला गया।

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने 90 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। वर्ष 2019 में भाजपा ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि वर्ष 2014 में पहली बार सत्ता में आई भाजपा को 47 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। दस साल की सत्ता विरोधी लहर के बावजूद भाजपा ने तीसरी बार पिछले दोनों रिकार्ड तोड़ दिए हैं।

पिछले चुनाव में कांग्रेस को 31 सीटों पर जीत हासिल हुई थी

उधर, विपक्षी दल कांग्रेस ने आज घोषित परिपरिणाम के अनुसार 37 सीटों पर जीत दर्ज की है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को 31 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। कांग्रेस को महज छह सीटों की बढ़त हासिल हुई है। पिछले 15 साल से हाशिए पर चल रहे इनेलो को इस बार दो सीटों पर जीत हासिल हुई है। पिछले चुनाव के मुकाबले इनेलो को एक सीट की बढ़त मिली है। वर्ष 2019 के चुनाव में छह निर्दलीय विधायक जीते थे जबकि मंगलवार को घोषित किए गए परिणाम मेंणाम के अनुसार 37 सीटों पर जीत दर्ज की है।

पिछले चुनाव में कांग्रेस को 31 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। कांग्रेस को महज छह सीटों की बढ़त हासिल हुई है। पिछले 15 साल से हाशिए पर चल रहे इनेलो को इस बार दो सीटों पर जीत हासिल हुई है। पिछले चुनाव के मुकाबले इनेलो को एक सीट की बढ़त मिली है। वर्ष 2019 के चुनाव में छह निर्दलीय विधायक जीते थे जबकि मंगलवार को घोषित किए गए परिणाम में तीन सीटों पर निर्दलियों ने जीत दर्ज की है।

आप समेत कई पार्टियां अपना खाता भी नहीं खोल सकीं

भारतीय जनता पार्टी ने भले ही तीसरी बार सरकार बना ली हो लेकिन आज घोषित परिणाम में सबसे बड़ी जीत कांग्रेस के नाम दर्ज हुई है। नूंह दंगों के आरोपित एवं फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस प्रत्याशी मामन खान इंजीनियर ने भाजपा के नसीम अहमद को 98 हजार 441 वोटों के अंतर से हराया है। उचाना कलां सीट पर इस चुनाव में जीत का अंतर सबसे कम रहा है। यहां भाजपा के देवेंद्र चतुर्भुज अत्री ने कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह को 32 वोटों के अंतर से हराया है।इस चुनाव में जजपा, बीएसपी, सीपीआई, सीपीआईएम और आम आदमी पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल सकीं।

प्रधानमंत्री ने हरियाणा के लोगों का जताया आभार

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा मुख्यालय में जश्न का माहौल है। विजय उत्सव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कहा कि हम सबने सुना है जहां दूध दही का खाना वैसा है अपना हरियाणा। हरियाणा के लोगों ने फिर कमाल कर दिया है।

कमल कमल कर दिया है। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज नवरात्री का छठां दिन है। मां कात्यानी के आराधना का दिन है। मां शेर पर विराजमान होकर हाथ में कमल को धारण किए हुए हैं। हम सभी को आर्शीवाद दे रही हैं। ऐसे पावन दिन हरियाणा में तीसरी बार लागातार कमल खिला है। गीता की धरती पर सत्य की जीत हुई, विकास की जीत हुई। हर जाति, हर वर्ग के लोगों ने हमें वोट दिया है।

कहा- हरियाणा के लोगों ने फिर कमाल कर दिया

नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दशकों के इंतजार के बाद शांतिपूर्वक चुनाव हुए। वोटों की गिनती हुई नतीजे आए, यह संविधान की जीत है, भारत के लोकतंत्र की जीत है। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने एनसी को ज्यादा सीटें दी। वोट प्रतिशत के हिसाब से देखें कश्मीर में जितनी भी पार्टियां लड़ रही थीं, भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है। हरियाणा की यह जीत कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम की जीत है। नम्र विनम्र मुख्यमंत्री की जीत है।

कांग्रेस के लिए नो इंट्री का बोर्ड लगा दिया

आज हरियाणा की जनता ने नया इतिहास रच दिया है। हरियाणा का गठन 1966 में हुआ था, इतने वर्षों में बड़े-बड़े दिग्गजों ने इस राज्य का नेतृत्व किया। इस जनादेश की गूंज दूर दूर तक सुनाई दे रही है।वहीं कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि 2011 के बाद जितने भी चुनाव हुए लोगों ने कांग्रेस को नहीं जीताया। देश के कितने ही राज्य हैं, जहां से कांग्रेस को एक बार लोगों ने निकाल दिया फिर उसे घुसने नहीं दिया। कांग्रेस के लिए नो इंट्री का बोर्ड लगा दिया।

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