लखनऊ। यूपी के अमेठी शिक्षक हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस टीमों के हाथ तीन बाद भी कोई पुख्ता सुराग हाथ नहीं लगा। जबकि पुलिस टीम ने आरोपी से भी कड़ाई से पूछताछ की, लेकिन उसने भी मुंह नहीं खोला। इससे इस मामले की जांच में जुटी पुलिस टीम खुद भी अफेयर, पैसा और ब्लैकमेलिंग की कहानी में उलझी हुई है।
अब पुलिस टीम की जांच दूसरी दिशा में शुरू हो गई। शिक्षक हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए अमेठी जिले के एसपी अनूप सिंह के साथ रायबरेली जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ यशवीर सिंह के नेतृत्व में अलग-अलग पुलिस टीमें गठित करके जांच कराई जा रही है।
पुलिस अभी तक किसी ठोस मुकाम पर नहीं पहुंची
बता दें कि शिक्षक हत्याकांड की जांच में जुटी दो-दो जिलों की पुलिस टीम की सिर्फ खाक छान रही है। इसमें पुलिस अभी तक किसी ठोस मुकाम पर नहीं पहुंची। जबकि इस हत्याकांड के आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है, लेकिन घटना के पीछे की क्या वजह रही है, इसका खुलासा अभी तक नहीं हुआ है।
पुलिस के अनुसार आरोपी का शिक्षक की पत्नी के साथ चल रहे प्रेम प्रसंग के चलते उसने पूरे परिवार की गोली मारकर हत्या कर दी। जबकि इसके पीछे और कई राज है, लेकिन शिक्षक और उसकी पत्नी की मौत के बाद यह राज भी अब दफन हो गए। पुलिस अब इस मामले की जांच दूसरी दिशा में कर रही है।
आरोपी के द्वारा किए गए जघन्य अपराध के पीछे कई वजह
जानकारी के लिए बता दें कि इस जघन्य अपराध के पीछे और कई वजह है, इसका भी खुलासा पुलिस की जांच के दौरान हो रहा है। शिक्षक की पत्नी के नाम से लखनऊ में खरीदे गए दो विश्वा प्लाट में आरोपी चंदन वर्मा ने रुपए दिए थे। इसे लेकर भी कई बार आरोपी और शिक्षक परिवार के बीच पहले विवाद हुआ था।
काफी दिनों से आरोपी और शिक्षक परिवार के बीच तनातनी चल रही थी। लेकिन इतना बड़ा आरोपी के द्वारा जघन्य अपराध हो जाएगा यह तो शिक्षक के परिवार वालों ने भी सोचा था। इसमें शिक्षक के कुछ करीबियों को इसकी थोड़ी बहुत जानकारी है, लेकिन इस घटना के बाद अब इस मामले में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
पिस्टल बेंचने वाले की तलाश में भटक रही पुलिस टीम
शिक्षक हत्याकांड में आरोपी चंदन वर्मा के द्वारा खरीदी गई पिस्टल की जांच में पुलिस टीमें उलझी है। जेल भेजे गए आरोपी चंदन वर्मा से पुलिस ने पिस्टल बेंचने वाले का पता भी कड़ाई पूछा, लेकिन आरोपी ने मुंह नहीं खोला। इससे पुलिस टीम अब अवैध असलहा का कारोबार करने वाले कारोबारी की हवा में तलाश कर रही है।
अमेठी और रायबरेली जिले की पुलिस टीम पिस्टल बेंचने वाले कारोबारियों की तलाश में जुटी है, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा। जांच में सबसे पहले रायबरेली, उन्नाव, फतेहपुर, प्रतापगढ़ के साथ बाराबंकी जिलों तक खाक छान चुकी है, लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। सूत्रों की माने तो अगर पिस्टल बेंचने वाले कारोबारी का पता चल जाए तो शिक्षक हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में पुलिस टीम को काफी सहूलियत मिल जाएगी।
शिक्षक हत्याकांड की जांच में लूट खसोट में जुटी एसओजी टीम
शिक्षक हत्याकांड में प्रयुक्त की गई पिस्टल की जांच में उलझी दो जिलों की पुलिस टीमों के साथ हिरासत में लिए जा रहे संदिग्धों से एसओजी टीम अवैध वसूली में जुटी। जिले में भी पिछले दो दिनों एसओजी टीम पिछले दो दिनों से हिरासत में लिए गए संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की गई। इसके बाद जांच में कुछ भी ना मिलने पर उन्हें पुलिस अभिरक्षा छोड़ने के नाम पर एसओजी टीम के द्वारा अवैध वसूली की गई।
बीते शनिवार को लालगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव से हिरासत में लिए गए दो व्यक्तियों से पूछताछ के बाद शनिवार रात उन्हें छोड़ने के नाम पर रुपयों की मांग की गई। हालांकि मामला पुलिस अधीक्षक डॉ यशवीर सिंह के संज्ञान में पहुंचा तो उन्होंने अपने अधिनस्थों को फटकार लगाते हुए बिना जांच पूरी किए किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को पुलिस अभिरक्षा ना छोड़े जाने का फरमान सुना दिया गया।
अब तक इस मामले में कईयों से की जा चुकी है पूछताछ
एसपी के द्वारा दिए गए निर्देश के बाद एसओजी टीम में खलबली मच गई। जबकि इस मामले में पुलिस टीमों के द्वारा कई लोगों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन एसओजी टीम भी अलग-अलग संदिग्धों से पूछताछ और जांच कर रही है। जबकि एसओजी टीम इस मामले की जांच में किसी भी मुकाम तक भी नहीं पहुंची, लेकिन पूछताछ के लिए हिरासत में लिए जा रहे लोगों को छोड़ने के नाम पर जरूर शोषण किया जा रहा है।
वर्तमान समय में जिले के हालत तो ऐसे हो गए है कि अमेठी में हुई शिक्षक परिवार की हत्या के बाद जिले की एसओजी टीम किसी भी सामान्य व्यक्ति को हिरासत में ले ली गई और पूछताछ के बहाने से उसका शोषण करते हुए छोड़ देगी। यह चर्चाएं अब जिले में आम हो गई है।
बच्चों की हत्या पर आरोपी को अफसोस
शिक्षक सुनील कुमार और उनकी पत्नी पूनम भारती की गोली मारकर हत्या करने में आरोपी को कुछ अफसोस नहीं हुआ, लेकिन दोनों बेटियों को गोली मारते समय उसे जरूर अफसोस हुआ। अमेठी के मुख्यालय गौरीगंज में रात में एसपी अमेठी अनूप सिंह के द्वारा मीडिया को जानकारी देने के बाद जब उससे पूछताछ की तो उसने मीडिया के सामने गलती तो मानी, लेकिन बाद में वह पुलिस कर्मियों से कह रहा था कि उसे दोनों बेटियों की हत्या करने में बहुत अफसोस हुआ है। इसे लेकर आरोपी चंदन वर्मा काफी परेशान था। उसका कहना था कि उसे पूनम भारती की हत्या करने में तनिक भी अफसोस नहीं है।
जेल अस्पताल में आरोपी चंदन वर्मा को मिली शरण
शिक्षक हत्याकांड के आरोपी चंदन वर्मा को बीते शनिवार की रात अमेठी जिले की पुलिस ने उसे जिला कारागार भेज दिया। जिला कारागार में आरोपी चंदन वर्मा को जेल अस्पताल में रखा गया। शनिवार की रात आरोपी चंदन वर्मा ने खाना तक नहीं खाया और रातभर वह सोया भी नहीं है। शनिवार रात करवटें बदलकर उसने भोर की।
रविवार की सुबह नास्ता करने के बाद उसने खाना खाने से मना कर दिया। वहीं जेल प्रशासन की ओर से आरोपी चंदन वर्मा की निगरानी के लिए सहायक बंदी की ड्यूटी लगाई गई है। चंदन वर्मा के पैर में पुलिस की गोली लगने से वह अभी जख्मी है, इसलिए उसकी देखरेख के लिए सहायक बंदी को निगरानी की जिम्मेदारी दी गई।
शिक्षक सुनील की शादी उतरपारा निवासी पूनम से 2016 में हुई थी
शिक्षक सुनील की शादी उतरपारा निवासी पूनम से 2016 में हुई थी। उस दौरान सुनील भट्ठे में मुनीम का काम करने के साथ फेरी लगाते थे। समय ने करवट ली और सुनील पहले पुलिस और फिर शिक्षक बने। इसी के साथ सुनील और पूनम की जिंदगी में बदलाव भी आया।
2018 में उनके जुड़वा बच्चे हुए। एक बेटी जिसकी नाम समीक्षा था और एक बेटा, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। पैदा होने के बाद ही वह बेटा बीमार पड़ा गया। उस दौरान पूनम शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थी। चंदन वहीं पर लैब टेक्नीशियन का काम करता था। पूनम को देखकर चंदन के मन में साहनुभूति जागी और उसने पूनम और सुनील की मदद की। बहुत कोशिश के बाद भी सुनील के जुड़वा बेटे की मौत हो गई।
अस्पताल में भर्ती होने के दौरान चंदन ने पूनम काे दिया था भावनात्मक सहारा
यह पूनम के लिए सदमा सरीखा था। वह अस्पताल में दिन भर रोया करती थी और इसी बीच चंदन ने उसे सहारा दिया। बातचीत में यह भी पता लगा कि चंदन ने पूनम को जो भावनात्मक सहारा दिया था। उसी के सहारे वह आगे बढ़ता चला गया। बातचीत नजदीकियों में बदल गई, लेकिन जब सुनील का ख्याल आता को पूनम के कदम बहुत आगे बढ़ने से रुक जाते।
यह बात चंदन को नागवार लगने लगी थी। यही कारण रहा कि मार्च से चंदन का एक रूप देखने को सामने आया। 18 अगस्त को इसी के चलते पूनम के साथ चंदन ने बदसलूकी की और सुनील को पीटा। दोनों अनजान रिश्ते धीरे-धीरे किसी बड़ी घटना की तरफ बढ़ चले और नतीजा यह रहा कि चंदन ने पूरे परिवार का सफाया कर दिया।
चैनल पर चंदन का चेहरा सामने आने के बाद ग्रामीणों में शुरू हुई सुगबुगाहट
बताते हैं कि चंदन सुदामापुर गांव चार माह पहले जुलाई में आया था। उस दौरान सुनील और पूनम तथा बच्चे गांव में थे। जब चंदन आया तो परिवार के लोग अचरज में पड़ गए। पूनम पर अंगुली उठी लेकिन सुनील की वजह से सब शांत हो गए और गांव में इसकी चर्चा किसी से नहीं की गई।
गांव वाले भी यह नहीं जानते थे कि घर पर आए अजनबी की जान पहचान पूनम से है। जब हत्याकांड हुआ और चंदन का चेहरा न्यूज चैनलों में दिखा तब गांव के लोगों को पूनम और चंदन के बीच की जानकारी हो सकी। उसके बाद से हर कान सुगबुगाहट से जुड़ा हुआ है। परिवार के लोगों का कहना है कि पूनम की वजह से ही चंदन इतने आगे बढ़ गया था।
तीन अक्टूबर को शिक्षक के परिवार का चंदन ने किया सफाया
पुलिस के मुताबिक तीन अक्टूबर की शाम काे आरोपी चंदन शिक्षक सुनील के घर पिस्टल लेकर पहुंचा। उसने पूनम और सुनील से फाइनल बात की। पूनम को शादी के लिए कहा, लेकिन वह साथ जाने को राजी नहीं हुई। उसने सबसे पहले पूनम को दो गोली मारी, फिर सुनील को तीन गोली। इसके बाद दोनों बच्चों को गोली मार दी। इसके बाद चंदन ने सुसाइड करने का प्रयास किया लेकिन पिस्टल की स्पिंग गिर जाने की वजह से गोली नहीं चली और वह डर कर मौके से भाग गया।
बताया जा रहा है कि पूनम बात करने से मचा करती तो चंदन इमोशनल ब्लैकमेल करके उसे मना लेता था। वह अपने सिर पर पिस्टल रखकर जान देने की बात कहता था। चंदन पूनम से कहता था कि सुनील को छोड़ दो मैं तुम्हे अपना लूंगा लेकिन पूनम तैयार नहीं हुई। इसी बात को लेकर मारपीट हुई, इसके बाद एफआईआर दर्ज कराई गई।
छेड़खानी मामले को लेकर परेशान था चंदन
पूनम के भाई उतरपारा निवासी भानु पुलिस के ऊपर बड़ा अारोप लगाया है, उनका कहना रहा कि 18 अगस्त को रायबरेली में दीदी के साथ छेड़खानी हुई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उसी का नतीजा है कि इतना बड़ा कांड हुआ। भानु ने साफ कहा कि पूनम और चंदन का कोई संबंध नहीं था। वह जबरन मोबाइल पर बात करता था और ऐसा न करने पर धमकी देता था। कहता था कि बात करनी होगी। यदि आरोपी पर सख्त कार्रवाई की होती तो यह घटना न होती।
शिक्षक के बड़े भाई को मिलेगी नौकरी
शिक्षक सुनील, पत्नी पूनम भारती और दो बच्चियों की हत्या में सरकार घटना के 24 घंटे के भीतर आर्थिक सहायता दे चुकी है। परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी, जिसके लिए शिक्षक सुनील के बड़े भाई सोनू का नाम फाइनल किया गया है। ऊंचाहार विधायक डॉ. मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि सरकार योग्यता के अनुसार नौकरी देगी। यह मृतक परिवार के लिए राहत भरी खबर है।