लखनऊ। एसटीएफ यूपी को तिब्बती नागरिक द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर (भारतीय नाम चन्द्रा ठाकुर) पासपोर्ट प्राप्त करके भारत में साईबर क्राईम करने वाले अभियुक्त को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई। अभियुक्त का नाम छीन्जों थारचिंन है। इसके कब्जे से दो पासपोर्ट, एक वोटर आईडी, एक पैन कार्ड, एक आधार कार्ड, एक एटीएफ कार्ड, एक कोम्बोडियाई सिम कार्ड, एक मोबाइल फोन बरामद किया है।

अभियुक्त के बारे में काफी दिनों से एसटीएफ को मिल रही थी सूचना

उल्लेखनीय है कि विगत कुछ दिनों से एसटीएफ को विदेषी नागरिकों द्वारा कूटरचित दस्तावेजों को तैयार करके भारतीय नागरिकता के दस्तावेज तैयार कर पासपोर्ट इत्यादि बनाने के सम्बन्ध में सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। जिसके सम्बन्ध में श्री राजकुमार मिश्रा, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ नोएडा यूनिट के निर्देषन एवं श्री नवेन्दु कुमार, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ यूनिट गौतमबुद्धनगर के पर्यवेक्षण में निरीक्षक सचिन कुमार, एसटीएफ यूनिट नोएडा द्वारा टीम गठित कर उपरोक्त गिरोह के अपराधियों के सम्बन्ध में अभिसूचना संकलन की कार्रवाई की जा रही थी।

गौमबुद्धनगर से साइबर क्राइम करे वाले को दबोचा

निरीक्षक सचिन कुमार, एसटीएफ यूनिट गौतमबुद्धनगर की टीम द्वारा 10 सितंबर को उपरोक्त संसूचनाओं को सत्यापित करने हेतु तथा कथित चन्द्रा ठाकुर पुत्र रमेश ठाकुर निवासी 2 ई 4 फ्लोर, एलआईजी फ्लैट पैकेट- बी सेक्टर-3 द्वारिका दिल्ली को पूछताछ के लिए एसटीएफ कार्यालय गौतमबुद्धनगर लाया गया, जहॉ पर इससे विस्तृत पूछताछ की गयी और सम्पूर्ण पूछताछ के उपरान्त साईबर फ्रॉड के लिए बैंक खाते विदेशी नागरिकों को उपलब्ध कराने के साक्ष्य प्राप्त होने पर एंव तथाकथित व्यक्ति चन्द्रा ठाकुर द्वारा तिब्बती नागरिक होनेे की पहचान को छिपाते हुए पश्चिमी बंगाल से कूटरचित दस्तावेज तैयार करके फर्जी पासपोर्ट बनाने के साक्ष्य उपलब्ध होने पर समयः लगभग 14.15 बजे उपरोक्त मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।

दिल्ली के बुद्धविहार रिफ्यूजी सेन्टर आया

गिरफ्तार अभियुक्त छीन्जों थारचिंन उर्फ ने पूछताछ पर बताया कि उसकी उम्र लगभग 37 साल है। जब वह 14वर्ष का था तब वह भागकर लासा तिब्बत आ गया जहां से 50-60 लोगों के ग्रुप के साथ ढुकला नेपाल आया और लगभग 03 माह कांठमॉडू के रिफ्यूजी सेन्टर में रहा। वहॉ से दिल्ली के बुद्धविहार रिफ्यूजी सेन्टर आया। करीब एक माह बाद वीर बिलिंग हिमाचल प्रदेश के स्कूल में पढाई शुरू की और लगभग तीन साल पढ़ाई करने के बाद दिल्ली भाग आया था। उसके बाद धर्मशाला एवं दिल्ली के विभिन्न रेस्टोरेंन्टों आदि में चार साल तक काम किया और फिर वर्श 2008 में मजनू का टीला दिल्ली में आकर रहने लगा।

नेपाल से समान लाकर बेचता था दिल्ली

धीरे-धीरे न्यूरोड काठमाण्डू नेपाल से चायनीज इलेक्ट्रानिक सामान एवं अन्य चीजों को वहॉ से लाकर चोरी छिपे दिल्ली के मार्केट में बेचने लगा। धीरे-धीरे इसको चायनीज भाशा का अच्छा ज्ञान हो गया। साल 2010-11 में फेसबुक पर महिला से दोस्ती के चलते गंगटोक सिक्किम आ गया और एक होटल पर कुक का काम करने लगा। यहीं पर इसकी मुलाकात दार्जिलिंग में खाने का होटल चलाने वाले एक लड़के से हो गयी और फिर वह दार्जिलिंग आकर रहने लगा। दार्जिलिंग में रहते हुए फर्जी भारतीय नाम ‘‘चन्द्रा ठाकुर’’ के नाम से कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड आदि बनाकर चन्द्रा ठाकुर के नाम से वर्श 2013 में भारतीय पासपोर्ट हासिल कर लिया। उसके बाद अभियुक्त छीन्जों थारचिंन ने चीन, मलेषिया, थाईलैण्ड, दुबई जैसे कई देषोें की यात्राएं किया।

काठमाण्डू में ‘‘ली’’ नामक चायनीज से अभियुकत की हुई मुलाकात

साल 2021 में नेपाल यात्रा के दौरान काठमाण्डू में ‘‘ली’’ नामक चायनीज से मुलाकात हुई थी और ली ने उसको नेट बैंकिंग सहित भारतीय बैंक के करंट एकाउन्ट को उपलब्ध कराने को कहा, जिसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के गैंमिग ऐप, लॉगिन ऐप, टेªडिट ऐप में किया जाना था। ली ने बसन्त कॅुज दिल्ली के फार्म हाउस में रह रहे अभियुक्त छीन्जों थारचिंन से संपर्क करवाया। जिसके बाद अभियुक्त छीन्जों थारचिंन ने अपने पूर्व परिचित जॉर्डन से अकाउन्ट की व्यवस्था करने को कहा। जॉर्डन के साथ भारतीय बैंक अकाउन्ट इन्हें उपलब्ध कराने लगा और उसके बदले कैश पैसा लेनेे लगा।

जेल से छूटने के बाद अभियुक्त की मुलाकात नरेन्द्र यादव से हुई

अभियुक्त ने एक भारतीय बैंक एकाउन्ट, चायनीज को उपलब्ध कराया गया था। उस एकाउन्ट में लगभग साढे चार करोड रूपये का ट्रान्जेक्षन होनेे के बाद खाता धारक ने दिल्ली के जीटीवी एन्क्लेंव थाने पर मु0अ0स0ं 410/21 धारा 420/406/120बी भादवि का अभियोग 09-12-2021 को पंजीकृत कराया था। जिसमें अभियुक्त छीन्जों थारर्चिंन (तिब्बती) जेल गया था और लगभग 09 माह जेल में रहा था। जॉर्डन इस अभियोग में सह अभियुक्त है। जेल से छूटने के बाद अभियुक्त छीन्जों थारचिंन की मुलाकात द्वारिका के रहने वाले नन्दू उर्फ नरेन्द्र यादव से हुई, जो पहले से ही चायनीज के संपर्क में था, जो उनको पैसा लेकर इण्डियन एकाउन्ट उपलब्ध कराता था।

पूछताछ में लगभग 26 भारतीय बैंक अकाउन्ट प्रकाश में आया

अभियुक्त छीन्जों थारचिंन, नेपाल एवं श्रीलंका में बैठे चायनीज के संपर्क में आ गया और भारतीय व्यक्तियों के एंव फर्मो के बैंक खाते क्रय करके अपने परिचित विदेशी नागरिकों को उपलब्ध कराने लगा जिसका प्रयोग वे लोग साईबर क्राईम में कर रहे थे। अभियुक्त छीन्जों थारचिंन ने वर्श- 2023 में चन्द्रा ठाकुर के नाम से बना पासपोर्ट खत्म होनेे पर वर्श 2024 में दिल्ली के पते पर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर पुनः पासपोर्ट प्राप्त कर लिया गया। पूछताछ में लगभग 26 भारतीय बैंक अकाउन्ट प्रकाश में आये हैं जिनके सम्बन्ध में गहन छानबीन की जा रही है।

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