Hathras Bus Accident news।यूपी के हाथरस में भीषण सड़क हादसा होने के बाद जब मृतकों का शव एक के बाद एक शव एम्बुलेंस से गांव पहुंच तो पूरा इलाका दहल गया। पूरे गांव में पूरी रात या तो एंम्बुलेंस की आवाज या फिर चीत्कार गूंजती रही है। इस हादसे में सबसे दर्दनाक रहा कि 17 मौतों में एक ही परिवार के 12 लोगाें समेत 16 की जान अकेले आगरा के सैमरा गांव के लोगों की हुई है। इसीलिए जैसे-जैसे शव गांव में पहुंचे गए वैसे-वैसे चीख पुकार मचती रही। चूंकी गांव के लोग कभी इतनी ज्यादा लाशें एक साथ कभी देखी नहीं थी।

चुन्नी बैंड संचालक के परिवार के 12 लोगों की गई जान

सैमरा गांव निवासी चुन्नी बैंड के संचालक बेदरिया के परिवार के 12 लोगों की सड़क हादसे में मौत हुई है। बेदरिया के घर में उनका अकेला बेटा शान मोहम्मद ही बचा है। फोन पर जब शान मोहम्मद को हादसे की खबर मिली तो वह जमीन पर गिर पड़े। मुंह से एक ही बात निकली, मेरी तो उजड़ गई दुनिया, सब बर्बाद हो गया।

17 मृतकों में से 16 खंदौली के गांव सैमरा के

शान की पत्नी और 3 बच्चों की मौत इस हादसे में हुई है।हाथरस हादसे में 17 मृतकों में से 16 खंदौली के गांव सैमरा के हैं। बेदरिया का पुश्तैनी काम बैंड का है। उनके तीन बेटे छोटे अली, इरशाद और शान मोहम्मद हैं। छोटे अली पिता के साथ बैंड का काम देखते थे। वहीं इरशाद फेरी लगाकर बर्तन बेचते थे, जबकि शान का बाइक रिपेयरिंग का काम है।

मृतकों के परिजनों की चीख सुनकर लोगों का कांप उठा कलेजा

जानकारी के अनुसार सैमरा में पांच भाइयों बेदरिया, लतीफ, मुन्ना, चुन्नासी और नूर मोहम्मद के घर मातम छाया है। हादसे में बचे परिजन शुक्रवार की रात अपनों की लाश का इंतजार करते दिखे। हूटर बजाते एम्बुलेंस जैसे ही गांव में पहुंचती, परिजन की चीखें और तेज हो जा रही थीं।

12 शव देर रात तक पोस्टमार्टम होने के बाद पहुंच गए

12 शव देर रात तक पोस्टमार्टम होने के बाद पहुंच गए थे। इनमें बच्चे, युवक-युवती और बुजुर्ग शामिल थे।शव से लिपटकर परिजन का विलाप और उनकी चीखें लोगों के सीने भेद रहीं थी। पड़ोसी नसुरुद्दीन ने बताया कि बेदरिया की बेटी असगरी सासनी के गांव मुकुंदखेड़ा में ब्याही है। इनकी दादी सास के चालीसा में जाने के लिए 35 सदस्य मैक्स गाड़ी से गए थे। क्या पता था कि इनमें से कई दोबारा लौटकर नहीं आएंगे।

घरों में नहीं जले चूल्हे, पूरी रात मृतक के परिजनों को बंधाते रहे ढांढस

एक ही खानदान के लोगों की मौत से सैमरा में मातम छा गया। हादसे की जानकारी जिसे हुई, वही सकते में आ गया। सैमरा के घरों में चूल्हे नहीं जले और पूरी रात गांव के लोग मृतकों के परिजन को ढांढस बंधाते रहे। सेमरा गांव काफी बड़ा है।गांव वालों के मुताबिक पांचों भाइयों का परिवार गांव से ही किराए पर मैक्स गाड़ी करके चालीसा में गया था।

पूरा गांव एकजुट होकर मृतकों के परिजन को सांत्वना दे रहा था

पूरा गांव एकजुट होकर मृतकों के परिजन को सांत्वना दे रहा था।बस्ती में शव लाने से पहले पुलिसकर्मियों को स्थान खोजने की कवायद करनी पड़ी। यहां 16 शव आने थे। काफी खोजबीन करने के बाद जगह नहीं मिलने की वजह से स्कूल परिसर के बाहर तंबू लगाकर शव रखे गए।

इनकी चली गईं जानें, कई परिवार में कोई नहीं बचा

बता दें कि हादसे में बेदरिया के बेटे इरशाद, उनकी पत्नी आबिदा, 6 महीने का बेटा आरिफ, छोटे अली, उनकी पत्नी शबाना, 7 साल की बेटी सोना, 5 साल की परी, 3 साल का बेटा मोहम्मद अली, शान मोहम्मद की पत्नी नसरीन, बेटा 10 साल का अल्फेज, 9 साल का अली जान और 6 साल की आफरीन की मौत हुई है। हाथरस में शान की बहन की दादी सास का इंतकाल हो गया था, जिनके चालीसा में परिवार के लोगों समेत 35 लोग गए थे।

हादसे का पता चला तो जुटे लोग अवाक रह गए

वहीं दूसरी तरफ इस हादसे में पत्नी और तीन बच्चों को खोने वाले शान मोहम्मद अपने बीमार और दिव्यांग चाचा चिन्माशी के साथ घर में रुक गए थे। शाम को 6 बजे हाथरस में हादसे का फोन आया तो मौत की खबर सुनते ही चीखने लगे। कुछ देर तो लोगों को समझ में ही नहीं आया कि क्या हो गया। बाद में जब लोगों को हादसे का पता चला तो जुटे लोग अवाक रह गए।

हादसे में पांच भाइयों के तीन परिवार के लोगा काल के गाल में समा गए

सैमरा गांव में पहली बार दिल दहलाने वाले इतने बड़े हादसे ने आसपास क्षेत्रों के लोगों को भी हिलाकर रख दिया है। दुर्घटना में पांच भाइयों के तीन परिवार के लोग काल के गाल में समा गए। पहली बार कब्रिस्तान में एक साथ इतने शव दफन करने के लिए लाए गए हैं।

प्रशासन को जेसीबी मंगवानी पड़ी

कब्रें खुदवाने के लिए प्रशासन को जेसीबी मंगवानी पड़ी। गांव वालों का यही कहना रहा कि पहली बार कब्रिस्तान में एक साथ इतने शव दफनाए जाएंगे। इससे पहले कभी भी इतने शव एक साथ कब्रिस्तान नहीं ले जाए गए। देर रात तक शवों के आने का सिलसिला जारी रहा।

ऐसे हुआ हाथरस में सड़क हादसा

यूपी के हाथरस जिले में आगरा- हाथरस मार्ग पर रोडवेज बस और सवारियों से भरे छोटे मालवाहक वाहन के बीच आमने- सामने की हुई टक्कर में 17 की मौत हो गई और सात बच्चों समेत 18 लोग घायल भी हुए हैं। इनमें से छह की हालत गंभीर है, जिन्हें इलाज के लिए बड़े अस्पतालों में भेजा गया है। रोडवेज बस में सवार सभी लोग सुरक्षित हैं।

नगला भुस बाईपास कपूरा चौराहे के पास हुआ हादसा

हादसा शुक्रवार शाम करीब छह बजे हाथरस के थाना चंदपा इलाके में नगला भुस बाईपास कपूरा चौराहे के पास हुआ। बताया जा रहा है कि सवारियों से भरे मालवाहक वाहन को गलत तरीके से एक वाहन ने ओवरटेक किया। चालक ने बचने की कोशिश की लेकिन बारिश से सड़क गीली होने के कारण अनियंत्रित होकर वह रोडवेज से टकरा गई।

दादी के चालीसवें में शामिल होने के बाद लौट रहे थे घर

ये सभी लोग हाथरस के गांव मुकुंदखेड़ा निवासी राजुद्दीन की दादी के चालीसवें में शामिल होने के बाद सेमरा (आगरा) लौट रहे थे। टक्कर इतनी भीषण थी कि मालवाहक वाहन के परखच्चे उड़ गए। इसमें 35 लोग सवार थे। टक्कर के बाद लोग उछलकर सड़क किनारे झाड़ियों में जाकर गिर गए। हादसे के बाद जमा हुए लोगों ने फंसे लोगों को बाहर निकाला।

लोग खून से सने थे। इनमें महिलाएं और बच्चे भी थे। सबसे ज्यादा उन्हीं की हालत खराब थी।लोगों ने पुलिस को सूचना दी। घायलों को जिला अस्पताल भिजवाया, जहां डॉक्टरों ने 17 को मृत घोषित कर दिया। मरने वालों में 16 आगरा के खंदौली थाना क्षेत्र के गांव सेमरा के रहने वाले थे, जबकि एक फिरोजाबाद जनपद का निवासी था।

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