लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहे एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा को लेकर अभी से कमर कस ली गई है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 1047 जवान एयरपोर्ट सुरक्षा की कमान संभालेंगे। इस सम्बंध एक प्रस्ताव बनाकर गृह मंत्रालय भेजा गया था, जिसको हरी झंडी मिल गई है।

अभी करना होगा इंतजार

एयरपोर्ट से फ्लाइट शुरू होने में अभी लोगों को इंतजार करना होगा। पहले तय था कि फ्लाइट दिसम्बर 2024 में उड़ेगी। अब यह सीमा बढ़ाकर अप्रैल 2025 कर दी गई है। लेकिन यदि जानकारों की मानें तो फ्लाइट 2025 के अंत तक ही शुरू हो पाएगी। एयरपोर्ट उपकरणों की जांच के लिए सितम्बर व अक्टूबर में इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम की जांच होगी, जबकि दिसम्बर में वैलिडेशन और टेस्ट फ्लाइट के बाद एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन होगी। प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आगे की स्थिति तय होगी।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक

एयरपोर्ट पर सुरक्षा सम्बंधित मुद्दे पर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में लखनऊ में बैठक हुई थी। जिसमें गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजने पर सहमति बनी थी और अब उस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि सुरक्षा बल के जवानों के रहने के लिए व्यवस्था यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी करेगी।

जवानों को दो श्रेणी में मिलेगा आवास

एयरपोर्ट की सुरक्षा की कमान संभालने वाले जवानों को दो श्रेणी में आवास मिलेंगे। अविवाहित जवानों के लिए छात्रावास की तरह सुविधा मौजूद रहेगी जबकि शादी-शुदा जवानों के परिवार को ध्यान में रखते हुए आवासीय सुविधा प्रदान की जाएगी। इससे जवानों को सहूलियत होगी।

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