लखनऊ । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था को लेकर काफी सख्त दिखाई दे रहे है। इसीलिए सीएम योगी ने महिलाओं और बालिकाओं से संबंधित अपराधों के निस्तारण में हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों कड़ी फटकार लगायी है साथ ही सुधार लाने के निर्देश दिये हैं। माना जा रहा है कि सीएम योगी के अल्टीमेटम के बाद भी सुधार न होने पर कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। वैसे तो उत्तर प्रदेश महिलाओं और बच्चियों से संबंधित अपराधों के निस्तारण में देश में पहले स्थान पर है।
महिला संबंधी अपराधों के निस्तारण में यूपी पहले स्थान पर
सीएम योगी ने हाल ही में कानून व्यवस्था को लेकर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी। जिसमें अधिकारियों ने सीएम योगी के सामने आईटीएसएसओ पोर्टल के आधार पर 1 अप्रैल 2023 से 30 अप्रैल 2024 की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसमें बताया गया कि उत्तर प्रदेश महिलाओं और बच्चियों से संबंधित अपराधों के निस्तारण में देश भर के राज्यों में पहले स्थान पर है।वहीं अधिकारियों ने रिपोर्ट के आधार पर सीएम को बताया कि प्रदेश के कुछ जिलों के अधिकारी निस्तारण को लेकर गंभीर नहीं हैं। रिपोर्ट में उनकी लापरवाही सामने आयी है।
लापरवाह अधिकारियों को सुधरने का एक माह का दिया मौका
इस पर सीएम योगी ने नाराजगी जाहिर करते हुए ऐसे अधिकारियों (एसपी, एसएसपी और पुलिस कमिश्नर) को एक माह में सुधार लाने का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही अधिकारियों को एक माह बाद लापरवाह अधिकारियों की रिपोर्ट शासन को उपब्लध कराने के निर्देश दिये हैं।
माना जा रहा है कि यदि लापरवाह अधिकारियों की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं होता है तो उन पर गाज गिर सकती है। अधिकारियों के अनुसार इन जिलों में निस्तारण का रेश्यो 80 से 90 प्रतिशत के बीच है जबकि सीएम योगी महिला एवं बच्चियों संबंधी अपराधों के निस्तारण का रेश्या शत-प्रतिशत चाहते हैं।
सही काम न करने वालों पर सीएम ने जताई नाराजगी
गृह विभाग के इंवेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंस (आईटीएसएसओ) पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार प्रयागराज कमिश्नरेट का कॉम्प्लाएंस रेट क्रमश: 80.48 प्रतिशत है। वहीं प्रतापगढ़ का कॉम्प्लाएंस रेट 84.31 प्रतिशत, कानपुर देहात का 85.37 प्रतिशत और चित्रकूट का 86.27 प्रतिशत है। इस पर सीएम योगी ने बेहद नाराजगी जाहिर की है।
सीएम ने इन जिलों के अधिकारियों को जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराधों पर लगाम लगाने के साथ दर्ज मामलों में कम से कम समय में आराेपियों को सजा दिलाने के निर्देश दिये हैं। इसी तरह बरेली में महिला अपराध संबंधी 2997 एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 8 मामलों की फाइनल रिपोर्ट पेंडिंग है, जिसका रेश्यो 0.27 प्रतिशत है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन मामलों में जिन जिलों का प्रदर्शन अच्छा नहीं है इन पर खासा फोकस किया जाए। इसकी बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होता है तो उनपर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।