विनीत वर्मा, लखनऊ। लोगों को ठगने के लिए साइबर अपराधी तरह-तरह के तरकीब अपना रहे है। आसानी से लोग साइबर अपराधी के चुंगल में आकर ठगी का शिकार हो जा रहे है। कुछ ऐसा ही मामला यूपी के गाजियाबाद में देखने को मिला। यहां के इंदिरापुरम की एक सोसायटी में रहने वाली एक महिला को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर अपराधियों ने 30 लाख रुपये की ठगी कर ली।

अपराधियों ने प्रगति वर्मा नामक इस महिला को डिजिटल अरेस्ट कर उनके नाम पर सात करोड़ का फ्रॉड होने के नाम पर धमकाया और फिर मुम्बई पुलिस बनकर “जेल जाने से बचने के लिए जैसा कहते हैं, करते जाओ” की बात कहते हुए न केवल बैंक में एफडी की सारी जानकारी हासिल कर ली, बल्कि 30 लाख रुपये की एक एफडी तुड़वा ली और उतनी रकम का चेक भी अपने बताए खाते में लगवा लिया। अब महिला ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

अपराधियों ने महिला से कहा कि आपका मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया

तहरीर के मुताबिक अपराधियों ने महिला से कहा कि आपका मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और सुप्रीम कोर्ट से आपकी एफडी की रकम वेरिफाई होनी है। बाद में यह रकम रिफंड हो जाएगी। महिला ने झांसे में आकर उतनी रकम का चेक खाते में लगाने के साथ ही चेक की फोटो भी भेज दी। प्रगति वर्मा ने साइबर थाने में दी तहरीर में बताया है कि उनके पति की कोविड से मौत हो गई थी, वह विधवा है।

24 अगस्त को सुबह करीब 11 बजे उनके मोबाइल पर एक व्हाट्सएप कॉल आई। कॉलर एक मोबाइल नंबर बताते हुए कहा कि यह आपका नंबर है और इस नंबर से सात करोड़ का फ्रॉड हुआ है। नंबर अपनाने से इंकार किया तो दूसरा कॉलर लाइन पर आकर बोला आधार नंबर से ही यह नंबर अलॉट हुआ है, आप प्रगति वर्मा हैं न। आपके नाम पर फ्रॉड हुआ है और आप जेल जाने काे तैयार रहिए। यदि जेल जाने से बचना है तो तत्काल इस मोबाइल नंबर को डीएक्टिवेट कराइये। उसके ‌लिए जैसे हम कहेंगे, आपको वैसा करना होगा।

स्क्रीन पर आए शख्स ने खुद को मुम्बई पुलिस से बताया

मोबाइल की स्क्रीन पर पुलिस की वर्दी में दिख रहे शख्स ने खुद को मुम्बई से बताते हुए कि आपके नाम का वारंट जारी हुआ है। फिर दूसरे नंबर से आई कॉल पर कहा गया कि आपके नाम पर एक बड़े गैंगस्टर ने फ्रॉड किया है। वह बहुत खतरनाक है। जैसा हम कहते हैं, आप वैसा नहीं करेंगे तो गैंगस्टर आपके पूरे परिवार को खत्म कर देगा।महिला ने बताया कि वीडियो कॉल पर मेरे नाम का अरेस्ट वारंट दिखाया गया और बैंक खाता सीज करने की डिटेल भी भेजी। आधार कार्ड दिखाने को कहा गया। बैंक खातों की जानकारी मांगी गई। मैनें उन्हें अपने खातों के बारे में बताया। उन्होंने बैंक बेलेंस के बारे में पूछा जो मैने 33 हजार रुपये बताया। इस पर उन्होंने एफडी की जानकारी मांगी तो मैने जानकारी न होने की बात कही।

इस तरह बात कहकर साइबर अपराधी ने महिला को झांसे में लिया

उन्होंने कहा आप बैंक जाइए और पूरी डिटेल पता करके बताइए। मैनें उन्हें बताया कि चार एफडी हैं। एचडीएफसी बैंक में 30 लाख की एफडी बताने पर उन्होंने कहा ठीक है आप केस हम सुप्रीम कोर्ट भेज रहे हैं। हमें यकीन हो गया है कि आपका पैसा मेहनत का पैसा है और व्हाइट, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से वेरिफिकेशन के लिए यह रकम एक खाते में भेजनी होगी जो बाद में रिफंड हो जाएगी। उन्होंने खाता नंबर भेजते हुए कहा कि इस खाते में चेक लगा दीजिए। महिला ने कहा है कि उन्होंने एफडी तोड़कर बताए गए खाते में 30 लाख का चेक लगा दिया ।

साइबर ठगी से बचने के लिए बने जागरूक, फोन आने पर यह करें

इस तरह के मामले आये दिन आ रहे है। साइबर अपराधी पुलिस व अन्य अधिकारी बनकर आसानी से वीडियो काल करने के बाद फर्जी एफआईआर व जेल जाने की धमकी देकर सीधे साधे महिला व पुरुष को अपने झांसे में लेकर उनका बैंक बैलेंस खाली कर दे रहे है। लोगों को इसकी जानकारी लुट जाने के बाद हो रही है। इस तरह के मामलों में इजाफा रहा है। ऐसे में इस तरह का फोन व वीडियो काल आये तो उस पर भरोसा न करे अौर फोन पर बात न करें। आवश्यक समझे तो अपने नजदीकी थानाक्षेत्र में जाकर शिकायत दर्ज कराएं। इस तरह से अाप साइबर ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं।

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