मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से हवाई उड़ान का सपना शनिवार को पूरा हो गया। विमान सेवा प्रदाता कंपनी फ्लाई बिग के 19 सीटर विमान ने मुरादाबाद के भदासना हवाई अड्डे से लखनऊ के लिए पहली उड़ान भरी। प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने भदासना हवाई अड्डे पर आयोजित कार्यक्रम में विमान को हरी झंडी दिखाई।

मुरादाबाद मंडल का कारोबार विश्व पटल पर और अधिक बढ़ेगा

इस अवसर पर धर्मपाल सिंह ने कहा कि जिले से हवाई सेवा की शुरुआत विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। मुरादाबाद मंडल का कारोबार विश्व पटल पर और अधिक बढ़ेगा। साथ ही पीतल की चमक अब सोने जैसी दिखेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुरक्षित औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।

उन्होंने विमान सेवा की शुरुआत के अवसर पर आने जाने वाले यात्रियों को उन्होंने शुभकामनाएं दीं।कार्यक्रम में मौजूद राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि हवाई सेवा की शुरुआत से पूरे मुरादाबाद मंडल के सभी जिलों के लोगों को सहूलियत होगी। यह प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी एवं जनहितकारी सोच, सबका साथ, सबका विकास के संकल्प की प्रतिबद्धता है। आने वाले दिनों में जिले से और शहरों के लिए हवाई सेवा की शुरुआत होगी।

जीएसटी आदि मिलाकर कुल किराया 1348 रुपये

हवाई अड्डा प्राधिकरण के निदेशक अमरजीत सिंह ने बताया कि जल्द ही मुरादाबाद से देहरादून और हिंडन के लिए विमान सेवा की शुरुआत होगी। इससे मंडल के लोगों को और सुविधाजनक सफर करने का अवसर मिलेगा। फ्लाई बिग के क्षेत्रीय प्रबंधक राजीव कुमार ने बताया कि सप्ताह में तीन दिन मुरादाबाद से लखनऊ की फ्लाइट मिलेगी। बेस फेयर 999 रुपये रखा गया है। जीएसटी आदि मिलाकर कुल किराया 1348 रुपये है। आनलाइन के अलावा लोग एयरपोर्ट पर आकर भी बुकिंग करा सकते हैं।

बाशिंदे बीते 10 वर्षों से यहां से हवाई यात्रा का इंतजार कर रहे थे

उल्लेखनीय है कि विगत 10 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने मुरादाबाद हवाई अड्डे के साथ प्रदेश के पांच एयरपोर्ट का वर्चुअल शुभारंभ किया था। इसमें मुरादाबाद के अलावा आजमगढ़, अलीगढ़, चित्रकूट और श्रावस्ती हवाई अड्डे शामिले थे। मुरादाबाद को छोड़कर अन्य जगहों से विमान सेवा की पहले ही शुरुआत हो चुकी है, लेकिन मुरादाबाद में फ्यूल स्टेशन के कारण पेंच अटक गया था। वर्ष 2014 में मुरादाबाद में हवाई अड्डे का निर्माण शुरू हो गया था। यहां के बाशिंदे बीते 10 वर्षों से यहां से हवाई यात्रा का इंतजार कर रहे थे।

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