लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग को 37 नए अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मिल गए हैं। प्रोन्नति पाने वालों में प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) संवर्ग के 2007 व 2008 के अधिकारी शामिल है। डीजीपी मुख्यालय ने शुक्रवार रात इनकी प्रोन्नति के आदेश जारी कर दिए।बीते दिनों हुई मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक में इन पुलिस उपाधीक्षकों को एएसपी के पद पर पदोन्नति प्रदान किए जाने पर सहमति बनी थी।
प्रोन्नति पाने वालों में इनमें 2007 बैच के नितिन कुमार सिंह, 2008 बैच के सुनील कुमार सिंह, पंकज कुमार सिंह, सुशील कुमार सिंह, लाल प्रताप सिंह, श्वेताभ पांडेय, आलोक मिश्र, मोहम्मद अकमल खान, अतुल कुमार चौबे, राजेश कुमार सिंह, संजीव कुमार सिन्हा, सुमित शुक्ला, डा. राजेश तिवारी, अंशुमान मिश्रा, प्रमोद कुमार सिंह यादव, अब्दुल कादिर, डा. अनूप सिंह, अरविंद कुमार वर्मा, वंदना सिंह, राजेश कुमार यादव, अर्चना सिंह, राजकुमार सिंह, मनोज कुमार गुप्ता, अर्चना सिंह, पूनम सिरोही, अतुल कुमार यादव, सुधीर कुमार, हिमांशु गौरव, प्रभात कुमार, नरेश कुमार, विजय आनंद, सुशील कुमार गंगा प्रसाद, रवि शंकर प्रसाद, अरुण कुमार सिंह, महेश कुमार, रुकमणि वर्मा और ममता कुरील शामिल है।
विवेक चंद्र यादव हटाया गए, एसएन तिवारी बने नए डीसीपी ग्रामीण
गाजियाबाद में पुलिस उपायुक्त (ग्रामीण) विवेक चंद्र यादव को शासन ने हटाया कर लखनऊ मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया है। जबकि पुलिस अधीक्षक (स्थापना) सुरेंद्रनाथ तिवारी को गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में नया उपायुक्त (ग्रामीण) बनाकर भेजा गया है।प्रदेश शासन स्तर पर शुक्रवार की देर रात ये तबादले किये। हालांकि विवेक चंद्र यादव के तबादले को लेकर चर्चा है कि गुरुवार को मोदीनगर के सीखरी खुर्द में कलछीना गांव निवासी रामकुमार की गोली मारकर हत्या और पुत्र को घायल किया जाने की घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। नगीना सांसद चंद्रशेखर ने इस मुद्दे को 26 जुलाई को संसद में उठाया था।
रामकुमार हत्याकांड मामले में गिरी गाज
रामकुमार हत्याकांड के विरोध में आसपास के दलित नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया था। कई घंटे तक विवेक चंद्र यादव आक्राेशित लोगों को समझाते रहे और देर रात हत्या कांड के तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया। इसी दौरान श्री यादव का तबादला कर दिया गया। उसको लेकर माना जा रहा है कि इसीहत्याकांड मामले में गाज विवेक यादव पर गिरी है। चर्चा यह भी है कि जल्द ही कुछ और अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गाज गिर कर सकती है। प्रदर्शनकारियों ने एसीपी पर भी मामले की अनदेखी करने के आरोप लगाए थे।