लखनऊ । आगरा एक्सप्रेसवे पर उन्नाव में बुधवार सुबह जो डबलडेकर बस हादसे की शिकार हुई, वह रोजाना बिहार से दिल्ली के बीच सड़क पर काल बनकर दौड़ती थी। कुशीनगर, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, अयोध्या, बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव, हरदोई, कन्नौज, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, नोएडा और गाजियाबाद आरटीओ से बस गुजरती थी।परिवहन विभाग और पुलिस की मिलीभगत से बस बगैर परमिट व फिटनेस के करीब 1300 किमी चल रही थी। इस बीच 16 आरटीओ कार्यालयों के क्षेत्र से बस रोज गुजरती थी, पर किसी भी अफसर ने संजीदगी नहीं दिखाई।

उन्नाव बस हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित

उन्नाव में हादसे का शिकार हुई डबलडेकर बस की जांच के लिए परिवहन विभाग की ओर से तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। साथ ही साइंटिफिक क्रैश जांच होगी, जिसमें कई विभाग शामिल रहेंगे। बस हादसे मामले में सेव लाइफ फारण्डेशन नई दिल्ली तथा पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, यूपीडा, आगरा एक्सप्रेस-वे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी(प्रवर्तन), उन्नाव को साइंटिफिक क्रैश जांच कराने को कहा गया है। संभागीय निरीक्षक को दुर्घटना में लिप्त बस बॉडी कोड एआईएस-119 के आधार पर जांच करने को कहा गया है।

दो जनवरी 2024 को खत्म हो गया परमिट, जनवरी 2022 से फिटनेस नहीं

हादसे का शिकार हुई स्लीपर बस का फिटनेस एक जनवरी 2022 में खत्म हो गया था। इसके बाद से फिटनेस की जांच ही नहीं हुई। टैक्स 30 नवंबर 2023 से नहीं जमा हुआ। बीमा 13 फरवरी 2024 को खत्म हो गया। बस को सड़क पर चलाने और सवारियां ले जाने का परमिट भी सात महीने पहले दो जनवरी 2024 को खत्म हो गया था। केवल प्रदूषण प्रमाण पत्र ही 15 अप्रैल 2025 तक वैध है। एआरटीओ एके सिंह ने बेहटामुजावर थाने में ट्रैवल एजेंसी के नाम रिपोर्ट दर्ज कराई है।


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