एसएमयूपीन्यूज,ब्यूरो। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी 3.0 के केंद्रीय बजट 2024-25 को लोकसभा में पेश किया। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया। यह किसानों के लिए किसी तोहफा से कम नहीं है। किसानों के लिए राहत भरी खबर है। चूंकि मोदी सरकार ने किसानों के लिए पिटारा खोल दिया है।
5 सालों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार
सीतारमण ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि अभी भी शानदार अपवाद बनी हुई है। ये आने वाले साल में भी ऐसी ही रहेगी। उन्होंने कहा कि भारत की मुद्रास्फीति कम और स्थिर बनी हुई है, जो चार फीसदी के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। वित्तमंत्री ने कहा कि मुझे 2 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ 5 सालों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 5 योजनाओं और पहलों के प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ाया
इस वर्ष हमने शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सीतारमण ने कहा कि जैसा कि अंतरिम बजट में उल्लेख किया गया है, हमें चार अलग-अलग जातियों, गरीब, महिला, युवा और किसान पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। किसानों के लिए, हमने सभी प्रमुख फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की है, जो लागत से कम से कम 50 फीसदी मार्जिन के वादे को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ाया गया, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ है।
खेती की उत्पादकता बढ़ाने के उपाय किए जाएंगे
खेती की उत्पादकता बढ़ाने के उपाय किए जाएंगे। ज्यादा पैदावार वाली फसल किस्मों का इस्तेमाल होगा। रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा। प्राकृतिक खेती पर सरकार का जोर रहेगा। फसलों के उत्पादन, भंडारण और विपणन की व्यवस्था की जाएगी। शिक्षा और स्किलिंग के लिए 1.48 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। सब्जी उत्पादन और आपूर्ति शृंखला के लिए कलस्टर बनाए जाएंगे। झींगा उत्पादन और रिसर्च पर काम होगा। दालों और तिलहन के लिए मिशन मोड पर काम होगा। 400 जिलों में फसलों का सर्वे किया जाएगा। 32 फसलों की 109 नई किस्में आएंगी। बुनियादी ढांचे और विनिर्माण क्षेत्र पर बजट में फोकस रहेगा।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में सरकारी की नौ प्राथमिकताएं हैं, जिनमें खेती में उत्पादकता, रोजगार और क्षमता विकास, समग्र मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, अधोसरंचना, नवाचार, शोध और विकास और अगली पीढ़ी के सुधार शामिल है।