लखनऊ ‌। एसटीएफ यूपी ने अवैध शस्त्रों (पिस्टल) की तस्करी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के दो सदस्यों को आठ अवैध पिस्टल 32 बोर व 16  मैग्जीन के साथ लखनऊ से गिरफ्तार किया है।अभियुक्तों के कब्जे से दो मोबाइल,3,100 रुपए नकद और एक कार स्विफ्ट डिजायर बरामद किया है।गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम मनीष गुप्ता पुत्र कुन्दनलाल गुप्ता निवासी भैरवपुर, थाना-अकबरपुर, अम्बेडकरनगर, हाल पता न्यू आदर्श नगर, पिन्टो पार्क थाना गोला का मन्दिर, जनपद ग्वालियर ,शैलेन्द्र शर्मा पुत्र स्व. श्रीनिवास शर्मा निवासी सीप कालोनी, जनपद मोरार, ग्वालियर मध्यप्रदेश है।

काफी दिनों से एसटीएफ कर रही थी इनकी तलाश

एसटीएफ  को विगत काफी दिनों से लखनऊ व आस-पास के जनपदों में अवैध शस्त्रों की तस्करी करने वाले अपराधियों व तस्करो के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न टीमें पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ प्रमेश कुमार शुक्ल के नेतृत्व में लगी हुई थी।24 जुलाई को निरीक्षक  शैलेन्द्र कुमार के नेतृत्व में निरी.  संतोष कुमार सिंह मु.आ. वरनाम सिंह, चन्द्र प्रकाश मिश्र, मुनेन्द्र सिंह, वीर प्रताप, यशवन्त सिंह, मु.आ. कमाण्डो विकास त्रिपाठी, चालक विष्णु कुमार एवं सुरेश सिंह की एक टीम अभिसूचना संकलन के लिए जनपद लखनऊ में भ्रमणशील थी।

आगरा एक्सप्रेस-वे, थाना पारा से दोनों अभियुक्तों को दबोचा

इस दौरान ज्ञात हुआ कि अन्तर्राज्यीय स्तर पर असलहों की तस्करी करने वाले गिरोह के दो सदस्य स्विफ्ट डिजायर कार से आगरा एक्सप्रेस-वे के रास्ते जनपद लखनऊ के रास्ते अमेठी जाने वाले है, उनके पास अवैध असलहे है। इस सूचना पर एसटीएफ टीम द्वारा स्थानीय पुलिस को साथ लेकर जीरो प्वाइण्ट आगरा एक्सप्रेस-वे, थाना क्षेत्र पारा, लखनऊ के पास से दोनों तस्करों को आवश्यक घेराबन्दी कर गिरफ्तार कर लिया गया।

बड़े भाई के दोस्त ने असलहा सप्लायर से कराई थी मुलाकात

अभियुक्त मनीष ने पूछताछ में बताया कि कादीपुर (सुलतानपुर) निवासी प्रमोद श्रीवास्तव उर्फ गुरुजी उसके बड़े भाई के दोस्त है जो मध्य प्रदेश से असलहा तस्करी करता था। लगभग चार वर्ष पूर्व उसने ही इसकी मुलाकात मध्य प्रदेश के असलहा तस्करों से कराया था। तभी से यह भी अवैध असलहे की तस्करी में लिप्त है।

मध्य प्रदेश के खण्डवा, खरगौन व बुरहानपुर में बनते हैं अवैध असलहे 

मध्य प्रदेश के खण्डवा, खरगौन व बुरहानपुर में अवैध असलहे बनते है, जहां से विभिन्न प्रदेशों में सप्लाई होती है। यह पिस्टल की क्वालिटी के हिसाब से लगभग 10-15 हजार रुपए में मध्यप्रदेश से पिस्टल खरीदकर 20-25 हजार में सप्लाई करता है। 32 बोर, 9 एमएम व 30 बोर की सेमी आटोमैटिक एवं आटोमैटिक पिस्टल वहां पर बनती है। 30 बोर की पिस्टल की खरीद लगभग 50 हजार में होती है। ब्रस्ट फायर करने वाली आटोमैटिक पिस्टल 80 हजार में मिलती है। सामान्यतः 10-12 हजार तक की सादी पिस्टलों की ज्यादा बिक्री होती है।

यूपी के इन जनपदों में पिस्टल की करते सप्लाई

इन पिस्टलों में लगभग 10 हजार तक का इसे फायदा होता है। शुरुवात में यह मध्य प्रदेश से राजस्थान में असलहा सप्लाई करता था। करीब तीन साल पहले टॉक कोतवाली, राजस्थान में मुकदमा दर्ज होने के कारण वहीं जाना छोड़ दिया। अब उत्तर प्रदेश के जनपद-इटावा, लखनऊ, अमेठी, सुलतानपुर, अम्बेडकरनगर आदि जनपदों में असलहों की सप्लाई करता है।

चार साल में दो सौ से अधिक बेंच चुका है पिस्टल

विगत 3-4 साल में लगभग 200 से अधिक पिस्टले बेच चुका है। 2-3 दिन पहले ही अपने दो साथियों के साथ इसी कार से भीकन गांव खरगौन (मध्यप्रदेश) गया था, जहा सरदार केन सिंह से पिस्टले खरीदकर ग्वालियर लाया था। एक दिन ग्वालियर रूकने के बाद आज अपने साथी शैलेन्द्र शर्मा के साथ लखनऊ व अमेठी के लिए निकला था।

हर ट्रिप में तस्कर बदल देता था अपना साथी

प्रत्येक ट्रिप में अपने अलग-अलग साथी को साथ लेकर आता-जाता है। यात्रा के दौरान उनका ही मोबाइल फोन इस्तेमाल करता है। जिसको साथ ले जाता है उसके रहने, खाने-पीने के अलावा दो से तीन हजार रुपए अलग से दे देता है। अभियुक्त शैलेन्द्र शर्मा द्वारा पूछताछ में बताया गया कि वह मनीष का दोस्त है तथा लालच बस पिस्टलों की डिलेवरी के लिए उसके साथ आ गया था। दोनों अभियुक्तों के खिलाफ थाना पारा में आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। अग्रिम विधिक कार्रवाई सम्बन्धित थाना द्वारा की जा रही है।

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