विनीत वर्मा, लखनऊ। साइबर ठगी के मामले दिनों दिन बढ़ते जा रहे है। पुलिस साइबर ठगों पर अंकुश लगाने में अभी तक नाकाम साबित हो रही है। इसी का परिणाम है कि अब इसकी चपेत में बड़े-बड़े अधिकारी भी आना शुरू हो गए है। चूंकि साइबर अपराधी ठगी करने के लिए तमाम प्रकार की तरकीब अपना रहे है। जिससे उनके झांसे में लोग आसानी से आ रहे है। ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन के साथ हुआ। पूर्व मुख्य सचिव साइबर ठगी का शिकार होने के बाद गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
एसबीआई बैंक के नाम से पूर्व मुख्य सचिव के पास आया फोन
पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने पुलिस को बताया कि कि एसबीआई बैंक के नाम से अज्ञात व्यक्ति का उनके पास फोन आया। अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें क्रेडिट कार्ड का बकाया होने की बात कहकर कुछ नम्बर डायल कराया और शाम तक उनके अकाउंट से 383 डॉलर अर्थात बत्तीस हजार रुपये कट गये। पैसा कटने के बाद उन्हें महसूस हुआ की वह साइबर ठगी के शिकार हो गए है। इसके बाद तुरंत उनके द्वारा साइबर ठगी होने की शिकायत दर्ज कराई गई।
साइबर सेल की मदद से पुलिस ने शुरू की जांच
गोमती नगर थाने की पुलिस ने आलोक रंजन से तमाम जानकारी लेने के बाद साइबर सेल की मदद से ठगी मामले की जांच पड़ताल आरम्भ कर दी है। अकाउंट से कटे बत्तीस हजार रुपये के दूसरे अकाउंट में जाने की भी जानकारी जुटायी जा रही है। लखनऊ में पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन के साथ हुईं ठगी की घटना के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेताओं ने कानून व्यवस्था पर गुस्सा जाहिर किया है। उनका कहना है कि शहर में नामचीन लोगों के साथ साइबर क्राइम की घटना हो रही है तो फिर सामान्य लोग तो और भी शिकार हो रहे होंगे।